पति को पैसे का लालच देकर पाकिस्तान से लौंटी थीं उजमा, जानें सुषमा स्वराज ने कैसे की मदद

Published : Aug 07, 2019, 06:07 PM IST
पति को पैसे का लालच देकर पाकिस्तान से लौंटी थीं उजमा, जानें सुषमा स्वराज ने कैसे की मदद

सार

उजमा ने लौटकर कहा था कि अगर वो कुछ और दिन वहां रहती तो वो उन्हें मार देते या फिर बेच देते। उजमा ने बताया कि धोखे से निकाह के बाद उन्हें बुनेर ले जाया गया। वहां कई लड़कियां थीं, जो दुनिया के अलग-अलग कोने से लाई गई थीं। बुनेर बेहद ही खतरनाक इलाका है।

नई दिल्ली. पूर्व विदेश मंत्री और भाजपा की दिग्गज नेता सुषमा स्वराज ने 67 साल की उम्र में दिल्ली के एम्स में आखिरी सांस ली। उनका निधन हार्ट अटैक के कारण 6 अगस्त, 2019 की रात को हुआ। वे पिछले काफी समय से बीमार चल रही थीं। स्वराज को लोगों की मदद करने वाली मसीहा के तौर पर जाना जाता रहा है। वे हमेशा से ही सभी की मदद के लिए तत्पर रहती थीं। उजमा अहमद उन लोगों में से एक हैं, जिनकी उन्होंने पाकिस्तान से भारत में मदद की है।

पति को पैसे लाने का दिया था हवाला 

विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने इस मामले में बताया था कि उजमा ने अपने पति ताहिर अली से कहा था कि वह भारतीय उच्चायोग से अपने रिश्तेदारों से उसके लिए कुछ पैसे ला सकती है। ये तरीका काम किया, क्योंकि अली एक लालची व्यक्ति था। दरअसल, इस्लामाबाद में भारतीय उच्चायोग में काम करने वाले एक दंपति ने खुद को उजमा का भाई-भाभी बताया, ताकि अली को विश्वास हो सके और वह उजमा को भारतीय उच्चायोग लेकर आए। 

पाकिस्तानी नागरिक से हुआ था प्यार

उजमा अहमद को मलेशिया में पाकिस्तानी नागरिक ताहिर अली से प्यार हो गया था। वह अपने घर से 1 मई को पड़ोसी देश पाकिस्तान के लिए रवाना हो गई थीं। वहां जाकर उन्हें पता चला कि अली की शादी पहले से ही हो रखी है और उसके चार बच्चे हैं। उजमा की बंदूक की नोंक पर शादी करवाई गई। इसके बाद यौन शोषण हुआ और खुद को बचाने के लिए फिर आखिरी में उन्होंने भारतीय उच्चायोग का दरवाजा खटखटाया। 

सुषमा स्वराज ने ऐसे की थी मदद

जब उजमा डिप्टी हाई कमिश्नर जेपी सिंह के पास पहुंचीं तो उनका पति अली बाहर ही इंतजार कर रहा था। वहां से सुषमा स्वराज को फोन किया गया, लेकिन वो एक मीटिंग में व्यस्त थीं। जिसके बाद सिंह ने उजमा के लिए दूतावास में ही रात को रहने का इंतजाम कर दिया था। जब अगले दिन स्वराज से फिर बातचीत के लिए संपर्क किया गया, तो उनका तात्कालिक निर्देश एक भारतीय नागरिक के रूप में उजमा को सत्यापित करना था। उजमा के पासपोर्ट की जांच की गई और उसमें दिए गए उनके भाई के घर के पते को भी जांचा गया। जब उजमा को लेकर सभी बातें साफ हो गईं, तो दूतावास के अधिकारियों को स्वराज ने आदेश दिया कि भले ही उन्हें उजमा को एक या दो साल दूतावास में रखना पड़े, लेकिन वो करेंगी।

इसके बाद अगले दिन दूतावास के अधिकारियों ने पाकिस्तानी अधिकारियों से संपर्क किया, जिन्होंने सकारात्मक प्रतिक्रिया दी। दूतावास के अधिकारी इस मामले को लेकर 12 मई को इस्लामाहाद हाईकोर्ट गए। जहां मामले की सुनवाई की गई और उजमा को वापस भारत जाने की इजाजत मिल गई।

उजमा ने लौटकर कहा...

अगर वो कुछ और दिन वहां रहती तो वो उन्हें मार देते या फिर बेच देते। उजमा ने बताया कि धोखे से निकाह के बाद उन्हें बुनेर ले जाया गया। वहां कई लड़कियां थीं, जो दुनिया के अलग-अलग कोने से लाई गई थीं। बुनेर बेहद ही खतरनाक इलाका है।

PREV

Recommended Stories

‘ये तरीका ठीक नहीं है’– Lok Sabha में क्यों भड़के Om Birla ?
ओमान में PM मोदी का खास अंदाज़! छात्रों से मिले, किया नमस्ते