भारत के पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने कहा कि भारत को पिछले 70 साल से आधारभूत रिसर्च के लिए कोई नोबेल नहीं मिला है। उन्होंने कहा कि छात्रों में प्रतिभा की कमी नोबेल ना मिलने की वजह नहीं है। बल्कि देश में रिसर्च के लिए बेहतर माहौल का ना होना है।
नई दिल्ली. भारत के पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने कहा कि भारत को पिछले 70 साल से आधारभूत रिसर्च के लिए कोई नोबेल नहीं मिला है। उन्होंने कहा कि छात्रों में प्रतिभा की कमी नोबेल ना मिलने की वजह नहीं है। बल्कि देश में रिसर्च के लिए बेहतर माहौल का ना होना है।
दिल्ली में इंडियन मैनेजमेंट कॉन्क्लेव में मुखर्जी ने शनिवार को कहा कि छात्रों के लिए ऐसे माहौल की कमी रही है जहां छात्रों के लिए बेसिक रिसर्च पर जोर दिया जाए। उन्होंने कहा, भारत हमेशा से उच्च शिक्षा के लिए जाना जाता था। करीब 1800 सालों तक भारत शिक्षा में अव्वल रहा। 600 ईसा पूर्व से लेकर 12वीं सदी में तक्षशिला, नालंदा, विक्रमशिला के तबाह होने तक शिक्षा के क्षेत्र में भारत ने नेतृत्व किया।
'प्लेसमेंट की बजाय रिसर्च की तरफ ध्यान आकर्षित कराएं आईआईटी जैसे संस्थान'
पूर्व राष्ट्रपति ने कहा, ''अच्छे शिक्षक सिर्फ विषयों को पढ़ाते ही नहीं, बल्कि रिसर्च के लिए भी बढ़ावा देते हैं। भारतीय गणितज्ञ वशिष्ठ नारायण सिंह का जिक्र करते हुए मुखर्जी ने कहा कि उन्होंने गरीबी के बावजूद बर्कले यूनिवर्सिटी से पीएचडी हासिल की, क्योंकि उनके शिक्षकों ने उन्हें हमेशा प्रोत्साहित किया। प्रणब के मुताबिक, आईआईटी जैसे संस्थानों को छात्रों का प्लेसमेंट कराने के बजाय रिसर्च की तरफ ध्यान आकर्षित करना चाहिए। उन्हें रिसर्च के लिए प्रोत्साहित करना चाहिए।