बिना कागजात के भारत में घुसना चाहता था इस देश का पूर्व उप- राष्ट्रपति, सरकार ने वापस भेजा

मालदीव के पूर्व उपराष्ट्रपति अहमद अदीब अब्दुल गफ्फूर को गुरुवार को मालदीव को सौंप दिया गया है। भारतीय कोस्ट गार्ड ने उन्हें वापस भेज दिया है। वे भारत में बिना कागजात के आना चाहते थे। पूर्व उपराष्ट्रपति अहमद अदीब अब्दुल गफ्फूर को गुरुवार को तमिलनाडु के तूतीकोरिन बंदरगाह पर हिरासत में लिया गया था। गफ्फूर पर भारत में अवैध रूप से घुसने की कोशिश करने का आरोप है। 
 

नई दिल्ली. मालदीव के पूर्व उपराष्ट्रपति अहमद अदीब अब्दुल गफ्फूर को गुरुवार को मालदीव को सौंप दिया गया है। भारतीय कोस्ट गार्ड ने उन्हें वापस भेज दिया है। वे भारत में बिना कागजात के आना चाहते थे। पूर्व उपराष्ट्रपति अहमद अदीब अब्दुल गफ्फूर को गुरुवार को तमिलनाडु के तूतीकोरिन बंदरगाह पर हिरासत में लिया गया था। गफ्फूर पर भारत में अवैध रूप से घुसने की कोशिश करने का आरोप है। 

 

खुफिया विभाग ने मारा था छापा
1 अगस्त क गुप्त सूचना के आधार पर सीमा शुल्क और खुफिया विभाग की टीम ने तूतीकोरिन बंदरगाह पर एक बोट में छापा मारा था। इसमें सिंगापुर का झंडा लगा था। गफ्फूर बोट में क्रू मेंबर के पीछे छिपे हुए थे। उनके पास भारत में प्रवेश करने के लिए जरूरी दस्तावेज नहीं मिले थे। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने इस मामले पर जानकारी देने से इनकार कर दिया। उन्होंने कहा कि हम इस बारे में और जानकारी जुटा रहे हैं।

भ्रष्टाचार के मामले में दोषी हैं गफ्फूर 
अदीब अब्दुल गफ्फूर 2015 में उपराष्ट्रपति पद से हटाए गए थे। वे जुलाई 2015 में मालदीव के 5वें उपराष्ट्रपति चुने गए थे। मालदीव की अदालत ने  उन्हें भ्रष्टाचार और अन्य मामलों में 33 साल की सजा सुनाई है। गफ्फूर पर्यटन, कला और संस्कृति मंत्री भी रहे हैं।
 

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