अफगान के सिख और हिंदू समुदाय के 11 लोग भारत पहुंचे। इन्हें भारत ने लॉन्ग टर्म वीजा दिया है। साथ ही इन्हें नागरिकता कानून के तहत भारत की नागरिकता भी दी जा सकती है। भारत पहुंचने वाले ज्यादातर सिखों में वे लोग हैं, जिन्होंने काबुल में हुए हमले में अपने परिवार और रिश्तेदारों को खोया।
नई दिल्ली. अफगान के सिख और हिंदू समुदाय के 11 लोग भारत पहुंचे। इन्हें भारत ने लॉन्ग टर्म वीजा दिया है। साथ ही इन्हें नागरिकता कानून के तहत भारत की नागरिकता भी दी जा सकती है। भारत पहुंचने वाले ज्यादातर सिखों में वे लोग हैं, जिन्होंने काबुल में हुए हमले में अपने परिवार और रिश्तेदारों को खोया।
मार्च में आतंकियों ने काबुल के गुरु हर राई साहिब गुरुद्वारे पर हमला किया था। इस हमले में 25 लोग मारे गए थे। चार महीने बाद सिख समुदाय के लोग जब भारत आए, तो उन्होंने कहा, यहां घर जैसा महसूस हो रहा है।
यहां घर से जैसा लग रहा
इन 11 लोगों में एक गुरजीत सिंह भी शामिल हैं। गुरुजीत 30 साल के हैं, वे यहां अपनी 8 साल की बच्ची के साथ पहुंचे। बच्ची भी गुरुद्वारे में हुए हमले में जख्मी हो गई थी। गुरजीत ने भारत पहुंचकर कहा, यहां घर जैसा लग रहा है। उन्होंने बताया कि उन्होंने हमले में अपने दो भाइयों को खोया है। उनकी बेटी की आंख जख्मी हो गई। उसका इलाज होना है। उन्हें उम्मीद है कि यहां बच्ची का इलाज हो सकेगा।
ये लोग भी लौटे
इन 11 लोगों में निदान सिंह सचदेवा भी शामिल हैं। इनकी उम्र 55 साल है। निदान सिंह को पिछले हफ्ते ही आतंकियों ने छोड़ा। उन्हें एक अन्य गुरुद्वारे से अगवा किया गया था। इन लोगों के साथ एक 15 साल की बच्ची भी भारत आई है। लड़की ने अपने परिजनों को काबुल हमले में खो दिया। उसे कुछ लोगों ने जबरन धर्म परिवर्तन और शादी कराने के लिए अगवा किया गया था।
14 दिन क्वारंटीन रहेंगे सभी
दिल्ली सिख गुरुद्वारा मैनेजमेंट कमेटी ने सभी सिखों के रहने और खाने की व्यवस्था की। सभी को राकाब गंज में 14 दिन के लिए क्वारंटीन सेंटर में रखा जाएगा। बाद में कुछ लोग यहीं रहेंगे।