अयोध्या से तिरुवनंतपुरम तक, 2026 तक 30 शहरों में नहीं दिखेंगे भिखारी, केंद्र सरकार का है ये प्लान

केंद्र ने अयोध्या से लेकर तिरुवनंतपुरम तक 30 ऐसे शहरों की पहचान की है जिसे 2026 तक भिक्षावृत्ति मुक्त करना है। इसके लिए SMILE नाम की योजना शुरू की गई है।

नई दिल्ली। भिक्षावृत्ति मुक्त भारत की ओर बढ़ने के लिए केंद्र सरकार ने बड़ी पहल की है। केंद्र ने अयोध्या से लेकर तिरुवनंतपुरम तक 30 ऐसे शहरों की पहचान की है जिसे 2026 तक भिक्षावृत्ति मुक्त करना है। इसके लिए सरकार भीख मांगने वाले वयस्कों, विशेषकर महिलाओं और बच्चों को टारगेट कर व्यापक सर्वेक्षण और पुनर्वास पहल करेगी।

सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय के नेतृत्व में यह पहल शुरू हुई है। इसका उद्देश्य 2026 तक इन शहरों में भीख मांगने के 'हॉटस्पॉट' की पहचान करने और जिला व नगरपालिका अधिकारियों की मदद से भीख मांगने वालों के कल्याण के लिए काम करना है ताकि वे यह काम नहीं करें। इसके लिए SMILE (Support for Marginalised Individuals for Livelihood and Enterprises) नाम की योजना चलाई जाएगी। इसमें हाशिये पर पड़े व्यक्तियों की सहायता की जाएगी।

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30 शहरों में चलाई जाएगी SMILE योजना

उत्तर में अयोध्या से लेकर पूर्व में गुवाहाटी तक और पश्चिम में त्र्यंबकेश्वर से लेकर दक्षिण में तिरुवनंतपुरम तक ऐसे 30 शहरों को चुना गया है जहां SMILE योजना चलाई जाएगी। इन शहरों को उनके धार्मिक, ऐतिहासिक या पर्यटन महत्व के आधार पर चुना गया है। इसके लिए मंत्रालय द्वारा फरवरी के मध्य तक एक नेशनल पोर्टल और एक मोबाइल ऐप लॉन्च किया जाएगा।

SMILE योजना के तहत 25 शहरों से काम शुरू हो गया है। कांगड़ा, कटक, उदयपुर और कुशीनगर से सहमति बाकी है। सांची के अधिकारियों ने अपने क्षेत्र में भीख मांगने का कोई मामला दर्ज नहीं किया है। इससे दूसरे शहर पर विचार किया जा रहा है। दूसरी ओर कोझिकोड, विजयवाड़ा, मदुरै और मैसूरु जैसे शहरों ने पहले ही अपना सर्वेक्षण पूरा कर लिया है।

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SMILE योजना के तहत भिक्षावृत्ति से जुड़े लोगों की पहचान की जाएगी। इसके बाद उनका पुनर्वास किया जाएगा। उनका कौशल विकास किया जाएगा और रोजगार के अवसर उपलब्ध कराए जाएंगे। इस योजना का उद्देश्य भीख मांगने वालों को समाज की मुख्यधारा में शामिल करना है। केंद्र सरकार की कोशिश समावेशी और न्यायसंगत समाज बनाने की है, जिससे भिक्षावृत्ति मुक्त भारत की नींव रखी जाएगी।

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