कुमारकोम से तनूर तक: ये हैं केरल को हिलाकर रख देने वाली प्रमुख नाव दुर्घटनाएं, कवि कुमारन आसन की भी गई थी जान

केरल के मलप्पुरम जिले में रविवार रात नौका दुर्घटना ने पूरे राज्य को झकझोर कर रख दिया है। हालांकि, राज्य में पहले भी कई बार इस तरह की दुर्घटनाएं हो चुकी हैं।

तिरुवनन्तपुरम:  केरल के मलप्पुरम जिले में रविवार रात नौका दुर्घटना ने पूरे राज्य को झकझोर कर रख दिया है। हादसे में 22 लोगों की मौत हो गई है। हालंकि, यह पहली बार नहीं है जब केरल इस तरह के दुखद हादसों का गवाह बना है, जिसमें कई लोगों की जान चली गई। इससे पहले भी राज्य में कई बार इस तरह के हादसे हो चुके हैं। इतना ही नहीं एक हादसे में, तो केरल ने महाकवि कुमारन आसन को खो दिया था। आइए अब इन हादसों पर एक नजर डालते हैं।

पालना (1924)

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पालना नाव त्रासदी के दौरान केरल ने अपने प्रसिद्ध कवियों में से एक महाकवि कुमारन आसन को खो दिया। दरअसल, 1924 में कोल्लम से कोट्टायम जा रही एक नाव के पलाना के तट पर डूब गई। हादसे में 24 लोगों मारे गए। मृतकों में कुमारन आसन भी शामिल थे। जानकारी के मुताबिक जिस समय यह हादसा हुआ उस समय नाव पर 151 यात्री थे, जबकि नाव की क्षमता महज 95 लोगों को ले जाने की थी।यह घटना राज्य में पहली बार दर्ज की गई बड़ी नौका दुर्घटना है।

कन्नमल्ली (1980)

इसके बाद 1980 में कोच्चि के कन्नमल्ली में इसी तरह की घटना हुई, जहां चर्च तीर्थयात्रियों को ले जा रही एक नौका डूब गई। जानकारी को मुताबिक हादसे में नौका में सवार 29 लोग मारे गए थे।

कुमारकोम (2002)

कुमारकोम के लोकप्रिय पर्यटन स्थल में भी 27 जुलाई 2002 को एक दुखद त्रासदी देखने कि मिली, जहां एक नाव डूबने से 29 लोगों की मौत हो गई। घटना उस समय हुई जब केरल जल परिवहन विभाग की A53 नाव अलप्पुझा में मुहम्मा से निकलने के बाद वेम्बनाड झील में पलट गई।

थत्तेकड़ (2007)

थट्टेकड नाव त्रासदी 20 फरवरी, 2007 को हुई थी, जिसमें 15 बच्चों और तीन शिक्षकों की जान चली गई थी, जो एलावूर के सेंट एंथोनी यूपी स्कूल से पिकनिक पर थे। जब नाव में पानी रिसने लगा, तो वह पलट गई और खतरनाक रूप से ओवरलोड हो गई।

नाव में अधिकतम छह लोग सवार हो सकते थे, लेकिन बाद में पता चला कि उसमें 61 लोग सवार थे। नाव के मालिक, जो उस भयानक दिन के नाविक भी थे, को गिरफ्तार कर लिया गया।

थेक्कडी (2009)

30 सितंबर 2009 कोएक डबल डेकर यात्री नाव जलकन्याका जलाशय के सबसे गहरे हिस्से में पलट गई। हादसे में 45 पर्यटकों की मौत हो गई। घटना के वक्त नाव पर 80 से अधिक लोग सवार थे। हालांकि, नाव की अधिकतम क्षमता 75 थी। इतनी ही नहीं किसी भी यात्री को कोई सिक्योरिटी डिवाइस उपलब्ध नहीं कराया गया था।

तनूर (2023)

7 मई को मलप्पुरम जिले के तानूर के पास ओट्टुपुरम में 40 लोगों को ले जारी नाव पलटने से 22 लोगों की मौत हो गई। दुर्घटनाग्रस्त नाव को काटकर शवों को निकाला गया था।

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