सियासी गलियारों में परदे के पीछे बहुत कुछ घटता है- ओपिनियन, साजिश, सत्ता का खेल और राजनीतिक क्षेत्र में आंतरिक तकरार। पेश है 'फ्रॉम द इंडिया गेट' का 40वां एपिसोड, जो आपके लिए लाया है पॉलिटिक्स की दुनिया के कुछ ऐसे ही चटपटे और मजेदार किस्से।
From The India Gate: सियासी गलियारों में परदे के पीछे बहुत कुछ होता है- ओपिनियन, साजिश, सत्ता का खेल और राजनीतिक क्षेत्र में आंतरिक तकरार। एशियानेट न्यूज का व्यापक नेटवर्क जमीनी स्तर पर देश भर में राजनीति और नौकरशाही की नब्ज टटोलता है। अंदरखाने कई बार ऐसी चीजें निकलकर आती हैं, जो वाकई बेहद रोचक और मजेदार होती हैं। पेश है 'फ्रॉम द इंडिया गेट' (From The India Gate) का 40वां एपिसोड, जो आपके लिए लाया है, सत्ता के गलियारों से कुछ ऐसे ही मजेदार और रोचक किस्से।
नेताजी के बेटे ने फिर से कटा दी नाक, पिटते-पिटते बचा...
राजस्थान सरकार में सबसे पावरफुल मंत्री जी को बेटे की वजह से शर्मिंदा होना पड़ा। बता दें, मंत्री के पास सीएम अशोक गहलोत के बाद दूसरा सबसे बड़ा विभाग है। ये सरकार में सबसे दबंग नेता कहे जाते हैं, लेकिन क्या करें औलाद चाहे जो करवा दे। दिलफेंक बेटे ने इनकी इज्जत की वाट लगा दी। हुआ कुछ यूं कि मंत्री जी के बेटे का जन्मदिन था। समर्थकों में भी भैया जी का बर्थडे मनाने का जबरदस्त क्रेज था। किसी ने सलाह दी, भैया जी अस्पताल चलकर कुछ दान-पुण्य कर आते हैं। बस फिर क्या था, 5 दर्जन केले के साथ भैया जी एक सरकारी अस्पताल पहुंच गए, लेकिन यहां सारा खेल खराब हो गया। एक तो गिने-चुने केले थे, ऊपर से 1 मरीज ने 2 केले ज्यादा मांग लिए। बस यही बात मंत्री के सुपुत्र को नागवार गुजरी। उन्होंने बाप का रौब दिखाते हुए मरीज के ऊपर जीभर के गालियां उड़ेल दीं। इतना ही नहीं, वो हाथ भी उठाने जा रहे थे, तभी मरीज का परिवार वहां आ धमका। परिवार अल्पसंख्यक समाज से ताल्लुक रखता है। मरीज के परिवार को देख बेटा जी पसीना-पसीना हो गए। परिवार ने अस्पताल में ही मंत्री के सुपुत्र को बैठा लिया। फिर क्या था- बेटे को बचाने पिता जी को उल्टे पांव भागकर आना पड़ा।
कांग्रेस के अनोखे फरमान से बढ़ गई नेताओं की टेंशन
राजस्थान में साल के आखिर तक विधानसभा चुनाव हो जाएगा। इससे पहले कांग्रेस के कुछ नेताओं की टेंशन बढ़ गई है। दरअसल, प्रदेश कांग्रेस में टिकट देने के लिए जिम्मेदार एक बड़े नेता ने गुपचुप फरमान निकाल दिया। इस फरमान के बाद अब कई नेताओं का ब्लड प्रेशर बढ़ गया है। फरमान है- सम्मेलन में ज्यादा से ज्यादा भीड़ जुटाना। कांग्रेस पार्टी टिकट लेने की चाहत रखने वालों का एक सम्मेलन महीने के अंत तक करने जा रही है। इस सम्मेलन में उन नेताओं को प्राथमिकता मिलेगी, जो अपने साथ भीड़ लेकर पहुंचेंगे। अब कई मंत्रियों की मुश्किलें बढ़ती दिख रही हैं, क्योंकि इस कार्यकाल में वो जनता के बीच पहुंचे ही नहीं।
UCC पर चुप्पी, कहीं इस वजह से तो नहीं...
समान नागरिक संहिता (UCC) पर बीजेपी चुप क्यों है? शुरुआती उत्साह के बाद, मोदी सरकार यूसीसी पर उतने ज़ोर-शोर से चर्चा नहीं कर रही है, जितनी उसने कर्नाटक विधानसभा चुनाव से पहले की थी। आम आदमी पार्टी बीजेपी की इस 'वापसी' के लिए कर्नाटक चुनाव में मिली करारी हार और मणिपुर हिंसा को जिम्मेदार मान रही है। हालांकि, इसका वास्तविक कारण प्रधानमंत्री मोदी का भारत को 5 ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी बनाने पर अपना पूरा ध्यान और ऊर्जा केंद्रित करना लग रहा है। फिलहाल मोदी सरकार जी-20 समिट में जोर-शोर से जुटी हुई है। इसके अलावा, जल्द ही 5 राज्यों में चुनावों की घोषणा होने के साथ ही अयोध्या में राम मंदिर की प्राण-प्रतिष्ठा जनवरी में होनी है। ऐसे में अटकलें लगाई जा रही हैं कि प्रधानमंत्री UCC बिल पेश करने में 2024 के चुनाव तक इंतजार कर सकते हैं। ऐसा लग रहा है कि पीएम मोदी की पहली प्राथमिकता भारत को 5 ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी बनाना है, ताकि भारत ग्लोबल लेवल पर दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाए।
गलत पिच पर धुआंधार बैटिंग..
श्रीलंकाई क्रिकेटर सनथ जयसूर्या और केरल के CPM साइबर ग्रुप्स के बीच आखिर क्या कनेक्शन है? हालांकि, सही उत्तर का अनुमान लगाने के लिए कोई अंक नहीं मिलने वाले। बता दें कि पूर्व क्रिकेटर सनथ जयसूर्या का इनबॉक्स हाल ही में साइबर ग्रुप्स के नफरत भरे संदेशों से भर गया था। इन साइब ग्रुप्स ने जिस वजह से गालियां दीं, वो बताता है कि ऐसे ग्रुप्स अवेयरनेस के नाम पर निल बटे सन्नाटा हैं। दरअसल हुआ ये कि मलयालम एक्टर जयसूर्या ने केरल में किसानों की अपेक्षाओं को पूरा करने में विफल रहने के लिए वामपंथी सरकार की तीखी आलोचना की। उन्होंने कहा कि हजारों किसानों को सरकार से खरीदे गए धान के लिए न्यूनतम मूल्य का भुगतान नहीं किया गया। इसके चलते किसान गरीबी में जी रहे और कुछ ने तो आत्महत्या तक कर ली। ये बात जयसूर्या ने ओणम की पूर्व संध्या पर राज्य सरकार द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान कही। इस दौरान कृषि मंत्री पी प्रसाद वहां मौजूद थे और उन्होंने इससे पल्ला झाड़ने की कोशिश की, लेकिन आंकड़े उनके दावों के खिलाफ थे। इसके बाद CPM से जुड़े साइबर ग्रुप्स ने एक्टर जयसूर्या को संघी कहकर घेरना शुरू कर दिया। इतना ही नहीं, विरोध का आलम ये था कि लोगों ने मिलते-जुलते नाम वाले क्रिकेटर सनथ जयसूर्या तक को नहीं बख्शा और उनके इनबॉक्स में जाकर जमकर खरी-खोटी सुनाई। हालांकि, मजाक उड़ने के बाद CPM साइबर ग्रुप्स ने गालियां देने की रफ्तार कम कर दी है।
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