G20 Summit: बुलेटप्रूफ लिमोजिन से लेकर चेहरा पहचानने वाले कैमरे तक जानें कैसी है सुरक्षा व्यवस्था

9-10 सितंबर को दिल्ली में जी20 शिखर सम्मेलन (G20 Summit) होने जा रहा है। इसके लिए सुरक्षा के इतने पुख्ता इंतजाम किए जा रहे हैं कि परिंदा भी पर न मार सके। जमीन से लेकर आसमान तक की लगातार निगरानी की जाएगी।

 

नई दिल्ली। 9-10 सितंबर को दिल्ली में आयोजित जी20 शिखर सम्मेलन (G20 Summit) में ग्लोबल लीडर्स हिस्सा लेंगे। इसमें अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन, यूके के पीएम ऋषि सुनक, फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रॉन, सऊदी अरब के मोहम्मद बिन सलमान समेत अनेक नेता शामिल होंगे। इसे देखते हुए पीएम नरेंद्र मोदी की सरकार सुरक्षा को लेकर हर संभव कदम उठा रही है।

जी20 सम्मेलन के दौरान 1.3 लाख सुरक्षाकर्मियों को दिल्ली में तैनात किया जाएगा। सुरक्षा और निगरानी के लिए आधुनिक टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल किया जा रहा है। चेहरा पहचानने वाले कैमरे लगाए गए हैं। राष्ट्राध्यक्षों की सवारी के लिए सरकार ने खास बुलेटप्रूफ लिमोजिन किराये पर लिए हैं। भारत में जी20 शिखर सम्मेलन से एक दिन पहले, पीएम मोदी 6-7 सितंबर को जकार्ता में आसियान-भारत और पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन में भाग लेंगे। सम्मेलन में व्यापार और सुरक्षा संबंधों पर बात होगी।

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दिल्ली पुलिस के 80 हजार जवान रहेंगे तैनात

जी 20 शिखर सम्मेलन के दौरान 1.3 लाख सुरक्षाकर्मियों को तैनात किया जाएगा। इनमें दिल्ली पुलिस के 80 हजार जवान शामिल हैं। सुरक्षा के लिए तैनात दिल्ली पुलिस और केंद्रीय बलों के 45 हजार जवान खाकी की जगह ब्लू रंग की वर्दी पहनेंगे। 45 हजार अन्य जवानों को भी विदेशी मेहमानों की सुरक्षा के लिए तैनात किया जाएगा। इनमें बेहद प्रशिक्षित कमांडो भी शामिल हैं।

एयरफोर्स तैनात करेगी लड़ाकू विमान

जी20 सम्मेलन के दौरान पैदा होने वाले किसी भी हवाई खतरे से निपटने के लिए इंडियन एयरफोर्स ने खास तैयारी की है। इसके लिए लड़ाकू विमानों को तैनाक किया जाएगा। ड्रोन की मदद से चप्पे-चप्पे पर नजर रखी जाएगी। इसके साथ ही एंटी ड्रोन सिस्टम लगाए जाएंगे। एयर डिफेंस मिसाइल तैनात किए जाएंगे। भारतीय वायुसेना ने तीन संभावित खतरों (स्थानीय स्तर पर लॉन्च किए जाने वाले छोटे ड्रोन, मिसाइलें और यहां तक कि विमान, जिनका इस्तेमाल 9/11 के हमलों में किया गया था।) की पहचान की है।

अमेरिका से आएंगे 20 विमान

सरकार ने विदेशी नेताओं को लाने-ले जाने के लिए 20 बुलेट-प्रूफ लिमोजिन किराये पर लिया है। इसपर 18 करोड़ रुपए खर्च हुए हैं। सम्मेलन के दौरान दिल्ली की सीमाओं की सख्त निगरानी की जाएगी। एक अधिकारी ने बताया कि अमेरिका से जी20 शिखर सम्मेलन के दौरान 20 विमान आएंगे।

यह भी पढ़ें- G20 Summit से पहले बोले पीएम मोदी- भारत में भ्रष्टाचार, जातिवाद और सांप्रदायिकता के लिए जगह नहीं

तस्वीरों और ऑडियो जैसे डेटा से जानकारी निकालने में विशेषज्ञता वाली एआई रिसर्च फर्म स्टैकू ने दिल्ली की सीमाओं की निगरानी करने वाले सभी सीसीटीवी कैमरों में खास सॉफ्टवेयर लगाए हैं। यह ज्ञात अपराधियों की पहचान करेगा और अधिकारियों को उन्हें राष्ट्रीय राजधानी में प्रवेश करने से रोकने में मदद करेगा। जी 20 शिखर सम्मेलन का आयोजन प्रगति मैदान में होगा। यहां सुरक्षा के खास इंतजाम किए गए हैं। जिन होटलों में ग्लोबल लीडर्स ठहरेंगे उनमें सुरक्षा नियंत्रण कक्ष स्थापित किए जा रहे हैं।

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