जी20 शिखर सम्मेलन (G20 summit) के दौरान दिल्ली के हवाई क्षेत्र की सुरक्षा के लिए भारतीय वायु सेना के फाल्कन अवाक्स विमान (PHALCON AWACS aircraft) और लड़ाकू विमान उड़ान भरेंगे।
नई दिल्ली। भारतीय वायु सेना (Indian Air Force) ने जी20 शिखर सम्मेलन (G20 summit) के चलते अपने युद्धअभ्यास त्रिशूल को रोक दिया है। 10 सितंबर तक पहले से चल रहे त्रिशूल अभ्यास को रोका गया है। इस दौरान अभ्यास के लिए विमान उड़ान नहीं भरेंगे।
जी20 शिखर सम्मेलन के दौरान वायु सेना द्वारा दिल्ली के आसमान की खास निगरानी की जाएगी। वायु सेना के फाल्कन अवाक्स विमान (PHALCON AWACS aircraft) दिल्ली और इसके आसपास के आकाश पर नजर रखने के लिए उड़ान भरेंगे। अवाक्स विमान बेहद खास होते हैं। ये लंबी दूरी तक आसमान में नजर रखते हैं और कमांड एंड कंट्रोल सेंटर के रूप में काम करते हैं।
अवाक्स के साथ उड़ेंगे लड़ाकू विमान
अवाक्स विमान के साथ वायुसेना के राफेल और अन्य लड़ाकू विमान भी उड़ान भरेंगे। ये उड़ानें कॉम्बैट एयर पेट्रोल के तहत की जाएगी। इसका मकसद खतरा बनने वाले विमान को रोकना होता है। दुश्मन के विमान और खतरा बनने वाले ड्रोन से निपटने के लिए वायु सेना ने सतह से हवा में मार करने वाली मिलाइलों को भी तैनात किया है।
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चार सितंबर को शुरू हुआ था त्रिशूल अभ्यास
दरअसल, एयरफोर्स द्वारा चीन और पाकिस्तान से लगी सीमा के पास चार सितंबर से त्रिशूल नाम का अभ्यास किया जा रहा है। इस अभ्यास में राफेल, मिराज 2000 और सुखोई-30 एमकेआई समेत वायु सेना के सभी मुख्य विमान हिस्सा ले रहे हैं। माल वाहक विमान और चिनूक व अपाचे जैसे हेलीकॉप्टरों द्वारा भी अभ्यास किया जा रहा है। वायु सेना के गरुड़ स्पेशल फोर्स के जवान भी अभ्यास में शामिल हैं। यह अभ्यास 14 सितंबर तक चलेगा। अभ्यास लद्दाख, हिमाचल प्रदेश, जम्मू कश्मीर और पंजाब सहित उत्तरी सीमा क्षेत्र में किया जा रहा है।
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