सार

दिल्ली में 9-10 सितंबर को जी20 देशों की बैठक होने जा रही है। रूस भी जी20 देशों का सदस्य है, लेकिन वहां के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन भारत नहीं आ रहे हैं। आखिर क्या हैं वो वजहें, जिनके चलते पुतिन दिल्ली नहीं आ रहे हैं।

G20 Summit: दिल्ली में 9-10 सितंबर को जी20 देशों की बैठक होने जा रही है। रूस भी जी20 देशों का सदस्य है, लेकिन वहां के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन भारत नहीं आ रहे हैं। रूस की तरफ से विदेश मंत्री सर्गेइ लावरोव बैठक में शामिल होंगे। ऐसे में सवाल उठ रहे हैं कि आखिर रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन भारत क्यों नहीं आ रहे हैं। क्या उन्हें कोई डर सता रहा है। आइए जानते हैं क्या हैं वो वजहें?

आखिर क्यों एक के बाद एक अपने दौरे रद्द कर रहे पुतिन?

रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने 17 मार्च 2023 के बाद से किसी भी देश की यात्रा नहीं की है। दक्षिण अफ्रीका में हुई ब्रिक्स समिट (BRICS Summit) में भी पुतिन शामिल नहीं हुए थे। इसके अलावा पुतिन को अगस्त में तुर्किये जाना था, लेकिन ऐन वक्त पर उन्होंने अपना दौरा रद्द हो गया था। इसके बाद पुतिन को जी20 सम्मेलन के लिए भारत आना था लेकिन उन्होंने इस अहम बैठक में शामिल होने से भी इनकार कर दिया।

1- ग्लोबल लेवल पर अलग-थलग पड़े पुतिन

विशेषज्ञों का का मानना है कि पुतिन यूक्रेन युद्ध के बाद से ही ग्लोबल लेवल पर बिल्कुल कट गए हैं। वेस्टर्न कंट्रीज ने जहां रूस के खिलाफ कई सख्त आर्थिक प्रतिबंध लगाए हैं। वहीं, दूसरी ओर पुतिन अब यूक्रेन जंग को लेकर बात करने से भी बच रहे हैँ। हालांकि, जी20 में यूक्रेन शामिल नहीं है, लेकिन बावजूद इसके पुतिन ने इससे बचना ही ठीक समझा।

2- यूक्रेन जंग की वजह से चौतरफा घिरे पुतिन

विदेशी मामलों के जानकारों का कहना है कि यूक्रेन से युद्ध के चलते पुतिन पूरी दुनिया में घिर चुके हैं। पश्चिमी देश उनका विरोध कर रहे हैं। ऐसे में वो किसी भी हाल में इन पश्चिमी देश के नेताओं के साथ मंच साझा नहीं करना चाहते हैं। भारत को भी लग रहा है कि पुतिन के जी20 में आने से दूसरे देश उसका विरोध कर सकते हैं।

3- पुतिन का फोकस यूक्रेन में सैन्य ऑपरेशन पर

वहीं, कुछ लोगों का ये भी मानना है कि पुतिन का पूरा फोकस अभी यूक्रेन में सैन्य ऑपरेशन्स पर है, इसलिए वो जी20 में शामिल होने नहीं जा रहे हैं। पुतिन के प्रेस सचिव दिमित्री पेस्कोफ ने भी यही बात कही है।

4- अपने ही देश में पुतिन की जान को खतरा

यूक्रेन जंग के बाद से रूसी राष्ट्रपति पुतिन को जहां विदेशों में गिरफ्तारी का डर सता रहा है, वहीं वो अपने ही देश में भी घिर गए हैं। जून, 2023 में रूस की प्राइवेट आर्मी वैगनर ने तख्तापलट की कोशिश की थी। वैगनर के प्रमुख येवगेनी प्रिगोझिन ने तो ये दावा भी कर दिया था कि रूस को जल्द नया राष्ट्रपति मिलेगा। बाद में अगस्त,2023 में एक विमान हादसे में वैगनर चीफ प्रिगोझिन की मौत भी हो गई।

5- पुतिन के खिलाफ जारी हो चुका गिरफ्तारी वारंट

17 मार्च,2023 को इंटरनेशनल क्रिमिनल कोर्ट (ICC) ने पुतिन के खिलाफ अरेस्ट वारंट जारी किया था। रिपोर्ट्स के मुताबिक ICC ने बताया था कि 16 हजार से ज्यादा यूक्रेनी बच्चे गैर-कानूनी तरीके से रूस भेजे गए हैं। पुतिन के खिलाफ इस केस की जांच पाकिस्तानी मूल के ब्रिटिश नागरिक और ICC के प्रॉसिक्यूटर करीम अहमद खान कर रहे हैं। ऐसे में अगर पुतिन ब्रिक्स समिट में शामिल होने साउथ अफ्रीका जाते तो उनकी गिरफ्तारी भी हो सकती थी।

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