दिल्ली हाई कोर्ट ने प्राइवेट स्कूलों को आदेश दिया है कि वे 2 हफ्तों के भीतर ऐसे छात्रों को लैपटॉप या मोबाइल की सुविधा उपलब्ध कराएं जो आर्थिक रूप से कमजोर हैं और मोबाइल या लैपटॉप ना होने की वजह से ऑनलाइन नहीं पढ़ पा रहे हैं।
नई दिल्ली. दिल्ली हाई कोर्ट (Delhi High Court) ने शुक्रवार को अपने एक आदेश में कहा है कि प्राइवेट स्कूल ईडब्ल्यूएस (EWS) कैटेगरी के बच्चों को मोबाइल या लैपटॉप खरीदकर दें। कोर्ट ने कहा कि कोरोना महामारी के दौरान दिल्ली के प्राइवेट स्कूलों में चल रही ऑनलाइन क्लासेस में ईडब्ल्यूएस (EWS) कैटेगरी के बच्चों को मोबाइल या लैपटॉप उपकरण नहीं होने की वजह से पढ़ाई करने में समस्या आ रही है।
अपने आदेश में दिल्ली हाई कोर्ट ने प्राइवेट स्कूलों से कहा है कि खरीदे गए मोबाइल या लैपटॉप का बिल आप दिल्ली सरकार को भेजें फिर दिल्ली सरकार और प्राइवेट स्कूलों को मिलकर इसका खर्चा उठाना होगा। इसके साथ ही जिन बच्चों के पास इन्टरनेट की सुविधा नहीं है उन्हें इन्टरनेट सुविधा भी देनी होगी। इससे ईडब्ल्यूएस कैटेगरी के प्राइवेट स्कूलों में पढ़ने वाले करीब 50,000 बच्चों को फायदा होगा। इसके साथ ही कोर्ट ने कहा कि ये उपकरण ठीक वैसे ही होने चाहिए जैसे बाकी बच्चों द्वारा ऑनलाइन पढ़ाई में उपयोग किए जा रहे है।
2 हफ्ते में रूप रेखा तैयार हो
साथ ही कोर्ट ने यह आदेश भी दिया है कि प्राइवेट स्कूल और दिल्ली सरकार 2 हफ्ते के भीतर लैपटॉप या मोबाइल फोन को ईडब्ल्यूएस कैटेगरी के बच्चों को उपलब्ध कराने के लिए रूपरेखा तैयार करें। मालूम हो कि लॉकडाउन की वजह से मार्च से ही दिल्ली के सभी स्कूल बंद है जिससे बच्चों को स्कूल ऑनलाइन क्लासेज के जरिये पढ़ा रहे हैं। इन कक्षाओं में बड़ी संख्या में ईडब्ल्यूएस कैटेगरी के बच्चे हिस्सा नहीं ले पा रहे थे जिसपर हाई कोर्ट में याचिका डाली गई थी।