गौरी लंकेश की 5 सितंबर, 2017 की रात को बेंगलुरु के राजराजेश्वरी नगर में उनके घर के पास से गोली मारकर हत्या कर दी गई थी।
नई दिल्ली। गौरी लंकेश (Gauri Lankesh) हत्याकांड के आरोपी मोहन नायक (Mohan Nayak) पर लगाए गए कर्नाटक संगठित अपराध नियंत्रण अधिनियम (KCOCA) को बहाल कर दिया गया है। सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने कर्नाटक हाईकोर्ट (Karnataka High Court) द्वारा आरोपी पर से KCOCA केस रद्द किए जाने के खिलाफ अपील की भी अनुमति दे दी है।
गौरी लंकेश की बहन ने खटखटाया था सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा
गौरी लंकेश की बहन कविता लंकेश ने अप्रैल में उच्च न्यायालय द्वारा आरोपी मोहन नायक के खिलाफ कर्नाटक संगठित अपराध नियंत्रण अधिनियम (KCOCA) के तहत आरोप हटाने के बाद सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था।
कोर्ट ने याचिका स्वीकार कर ली
न्यायमूर्ति एएम खानविलकर की अध्यक्षता वाली पीठ ने राज्य और गौरी लंकेश की बहन कविता लंकेश (Kavita Lankesh) की याचिकाओं को स्वीकार कर लिया। इसी के साथ आरोपी के खिलाफ KCOCA को बहाल कर दिया। गुरुवार के आदेश से, मुकदमे की सुनवाई के दौरान आरोपी को जमानत मिलने की संभावना मुश्किल हो जाएगी।
21 सितंबर को मामले में दलीलें सुनने के दौरान, जस्टिस एएम खानविलकर, दिनेश माहेश्वरी और सीटी रविकुमार की 3 सदस्यीय एससी बेंच ने "अस्थायी रूप से" संकेत दिया था कि वह चार्जशीट को रद्द करने वाले उच्च न्यायालय के आदेश के एक हिस्से को अलग रखने के लिए इच्छुक है।
हाईकोर्ट ने रद्द कर दिया था केस
उच्च न्यायालय ने नायक के खिलाफ जांच के लिए KCOCA को लागू करने की मंजूरी देने वाले पुलिस प्राधिकरण के 14 अगस्त, 2018 के आदेश को रद्द कर दिया था। हाईकोर्ट के आदेश को चुनौती देने वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने 21 सितंबर को फैसला सुरक्षित रख लिया था।
अपने आदेश में, उच्च न्यायालय ने कहा था, “यदि अनुमोदन आदेश स्वयं कानून में खराब है, तो याचिकाकर्ता (नायक) के खिलाफ अधिनियम (KCOCA) के तहत अपराध के रूप में स्वीकृति आदेश, आरोप पत्र और अनुमोदन आदेश का उल्लंघन किया गया है। केस जारी रखने के लिए कोई साक्ष्य नहीं। ”
घर में गोली मारकर की गई थी हत्या
गौरी लंकेश की 5 सितंबर, 2017 की रात को बेंगलुरु के राजराजेश्वरी नगर में उनके घर के पास से गोली मारकर हत्या कर दी गई थी।
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