गाजियाबाद केस: पुलिस ने Twitter India को भेजा तीसरा नोटिस, फेक वीडियो मामले में लगाई कड़ी फटकार

उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद जिले के लोनी में एक मुस्लिम बुजुर्ग की पिटाई का मामला Twitter India के लिए मुसीबत बनता जा रहा है। इस मामले को साम्प्रदायिक रंग देने वाले कंटेंट को वायरल होने से नहीं रोकने पर Twitter India को गाजियाबाद पुलिस ने तीसरा नोटिस भेजा है।

Asianet News Hindi | Published : Jul 6, 2021 6:21 AM IST

गाजियाबाद. उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद जिले के लोनी में बुजुर्ग मुस्लिम की पिटाई का मामला Twitter India के लिए मुसीबत बनता जा रहा है। इस मामले में गाजियाबाद पुलिस ने उसे तीसरा नोटिस भेजा है। यह नोटिस Twitter India के पूर्व शिकायत अधिकारी धर्मेंद्र चतुर के नाम भेजा गया है, जिन्होंने कुछ समय पहले ही इस पद से इस्तीफा दे दिया था।

पुलिस के सामने आकर बयान देने को कहा
गाजियाबाद पुलिस ने CRPC की धारा 41A के तहत नोटिस भेजकर पुलिस के सामने पेश होने और बयान दर्ज कराने को कहा है। इसके साथ ही फेक वीडियो मामले में कड़ी फटकार भी लगाई है।

यह है मामला
गाजियाबाद जिले के लोनी में एक मुस्लिम बुजुर्ग के साथ हुई मारपीट को साम्प्रदायिक रंग देने की कोशिश करने वालों पर योगी सरकार कड़े एक्शन में है। गाजियाबाद पुलिस ने दो कांग्रेस नेताओं, पत्रकारों सहित 9 लोगों पर FIR दर्ज कर रखी है। इस मामले में  twitter और फेसबुक भी फंसा हुआ है। 14 जून को सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल किया गया था, जिसमें एक मुस्लिम बुजुर्ग को पीटते दिखाया गया था। उसकी दाढ़ी काट दी गई थी। इसमें मारपीट करने वालों को दूसरे धर्म का बताकर इसे साम्प्रदायिक रंग देने की कोशिश की गई थी।

असलियत में यह आपसी रंजिश का मामला था
गाजियाबाद पुलिस ने तर्क दिया कि लोनी की घटना का कोई सांप्रदायिक पक्ष नहीं है। यह आपसी झगड़े की वजह है। इस मामले को बिना सोचे-समझे साम्प्रदायिक रंग देने की कोशिश की गई। इस मामले में twitter सहित द वायर, राणा अय्यूब, मोहम्मद जुबैर, डॉ शमा मोहम्मद, सबा नकवी, मस्कूर उस्मानी, स्लैमन निजामी पर शांति भंग करने के लिए भ्रामक संदेश फैलाना की धाराएं लगाई गई हैं। पुलिस ने कहा कि ट्विटर ने twitter ने इस फेक वीडियो को वायरल होने से रोकने कोई एक्शन नहीं लिया। बता दें कि राणा अय्यूब और सबा नकवी जर्नलिस्ट हैं। वहीं, जुबैर फैक्ट चेकिंग वेबसाइट ऑल्ट न्यूज के लेखक हैं। डॉ. शमा मोहम्मद और निजाम कांग्रेस नेता हैं। उस्मानी अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के छात्र संघ अध्यक्ष रह चुके हैं। ये पिछले साल बिहार विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के उम्मीदवार थे।

धार्मिक भावनाएं भड़काने की कोशिश
FIR में लिखा गया है कि इस वीडियो में कुछ शरारती तत्वों द्वारा एक बुजुर्ग व्यक्ति अब्दुल समद सैफी को पीटते हुए जबर्दस्ती दाढ़ी काटते हुए दिखाया गया था। आगे यह भी आरोप है कि पीटने वाले हिंदू समाज से हैं। वे समद से जबरन जयश्रीराम और वंदे मातरम के नारे लगवाना चाहते थे। इस वीडियो को दुर्भावना से twitter पर प्रचारित किया गया।

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