सार

उम्मेद पहलवान ने बिना फैक्ट चेक किए फेसबुक पर लाइव किया। हालांकि उम्मेद पहलवान इसे अपने खिलाफ एक साजिश बता रहे थे। केस दर्ज होने के बाद से उम्मेद पहलवान गायब हो गया।

गाजियाबाद। सपा नेता उम्मेद पहलवान को गाजियाबाद के एक अदालत ने 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया है। पुलिस के अनुसार वह लोनी में एक मुस्लिम बुजुर्ग की पिटाई का वीडियो वायरल करने के मामले में मास्टर माइंड था। केस दर्ज होने के बाद वह फरार चल रहा था। शनिवार को उसे दिल्ली के लोकनायक जयप्रकाश नारायण अस्पताल के पास गिरफ्तार किया गया था। 
पुलिस ने फर्जी कहानी बनाकर बुजुर्ग के साथ एफआईआर दर्ज करवाने वाले सपा नेता उम्मेद पहलवान के खिलाफ मामला दर्ज किया था। आरोप है कि उसने ही अब्दुल समद से झूठा बयान दिलवाया था। इसके बाद जयश्री-वंदे मातरम की फर्जी कहानी गढ़कर फेसबुक लाइव किया था। 

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फेसबुक, ट्वीटर को भी नोटिस

14 जून वायरल वीडियो के मामले में पुलिस ने फेसबुक पर भी सवाल उठाए हैं। हालांकि, फेसबुक के खिलाफ केस दर्ज नहीं किया गया है लेकिन जांच में उसका नाम भी शामिल किया गया है। यूपी पुलिस ने गुरुवार को ट्वीटर इंडिया के मैनेजिंग डायरेक्टर मनीष माहेश्वर को लीगल नोटिस भेजा है। इस मामले में ट्वीटर इंडिया को पार्टी बनाया गया है और केस भी दर्ज है। लेकिन उसके खिलाफ सभी धाराएं जमानती हैं इसलिए अधिकारी की गिरफ्तारी नहीं हुई है। लेकिन पूछताछ के लिए बुलाए जाने पर उपस्थित होना होगा।

केस दर्ज होने के बाद से उम्मेद पहलवान था गायब

पुलिस अधीक्षक ग्रामीण डॉ. ईरज राजा के मुताबिक, बुधवार देर रात पुलिस ने इस मामले में तीसरा मुकदमा सपा नेता उम्मेद पहलवान के खिलाफ दर्ज किया। यह एफआईआर लोनी बॉर्डर कोतवाली के दरोगा नरेश सिंह ने लिखवाई है। आरोप है कि उम्मेद पहलवान ने बिना फैक्ट चेक किए फेसबुक पर लाइव किया। हालांकि उम्मेद पहलवान इसे अपने खिलाफ एक साजिश बता रहे थे। केस दर्ज होने के बाद से उम्मेद पहलवान गायब हो गया।

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अब तक 9 लोगों पर एफआईआर

इस मामले में 2 कांग्रेस नेताओं सहित 9 लोगों पर एफआईआर दर्ज होने के बाद एक्ट्रेस स्वरा भास्कर और ट्वीटर इंडिया के हेड खिलाफ भी शिकायत की गई है।

पुलिस ने चार और आरोपियों को किया अरेस्ट

पुलिस ने इस मामले में 4 और आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। यूपी पुलिस ने अनस, मुशाहिद, हिमांशु, सावेज को अरेस्ट कर लिया है। जबकि गुलशन, पोली और आवेश अभी भी फरार चल रहे हैं। पुलिस ने अभी तक नौ लोगों को गिरफ्तार किया है। 

असलियत में यह आपसी रंजिश का मामला था

गाजियाबाद पुलिस ने कहा कि लोनी की घटना का कोई सांप्रदायिक पक्ष नहीं है। यह आपसी झगड़े की वजह है। इस मामले को बिना सोचे-समझे साम्प्रदायिक रंग देने की कोशिश की गई। इस मामले में ट्वीटर सहित द वायर, राणा अय्यूब, मोहम्मद जुबैर, डॉ शमा मोहम्मद, सबा नकवी, मस्कूर उस्मानी, सुलैमन निजामी पर शांति भंग करने के लिए भ्रामक संदेश फैलाना की धाराएं लगाई गई हैं। 

पीड़ित ने पुलिस के बयान को गलत बताया

उधर, पीड़ित ने पुलिस के बयान को गलत बताया है। पुलिस ने पीड़ित अब्दुल समद सैफी को ताबीज बनाने वाला बताया है जबकि उन्होंने इससे मना किया है। वे अपने एक कथित बयान में घटना को सच बता रहे हैं।

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