व्हाट्सएप डाटा चोरी पर सरकार सख्त, कंपनी से पूछा कितने भारतीय शिकार बने

व्हाट्सएप विवाद की शुरुआत तब हुई जब खुलासा हुआ कि स्पाईवेयर पेगासस भारत में भी एक्टिव था और यहां के लोगों की भी जासूसी कर रहा था। पेगासस स्पाईवेयर है जो कि आईओएस, एप्पल के मोबाइल ऑपरेटिंग सिस्टम के कुछ संस्करणों को चलाने वाले डिवाइस पर इंस्टॉल किया जाता है।  

Asianet News Hindi | Published : Oct 31, 2019 2:53 PM IST

नई दिल्ली. भारत के आईटी मंत्रालय ने व्हाट्सएप को लिखा है कि स्पाइवेयर से कितने भारतीय प्रभावित हुए हैं। जवाब केलिए 4 नवंबर तक का वक्त दिया गया है। इसके अलावा सरकार ने कंपनी से पूछा है कि करोड़ों भारतीयों की निजता की सुरक्षा के लिए उसने क्या-क्या कदम उठाए हैं। व्हाट्सएप विवाद की शुरुआत तब हुई जब खुलासा हुआ कि स्पाईवेयर पेगासस भारत में भी एक्टिव था और यहां के लोगों की भी जासूसी कर रहा था। पेगासस स्पाईवेयर है जो कि आईओएस, एप्पल के मोबाइल ऑपरेटिंग सिस्टम के कुछ संस्करणों को चलाने वाले डिवाइस पर इंस्टॉल किया जाता है। इसे इजरायल की साइबर फर्म एनएसओ ग्रुप ने विकसित किया है। 

नागरिकों की गोपनीयता का उल्लघंन : रविशंकर
केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने भी एक बयान जारी किया, जिसमें कहा गया है कि सरकार मैसेजिंग प्लेटफॉर्म व्हाट्सएप पर भारत के नागरिकों की गोपनीयता के उल्लंघन पर चिंतित है।  

क्या है पूरा विवाद? 
दरअसल मैसेजिंग प्लेटफॉर्म व्हाट्सएप ने गुरुवार को खुलासा किया कि एक इजरायली स्पाइवेयर के जरिए दुनिया भर में कई वॉट्सऐप यूजर्स की जासूसी की गई। इसमें कुछ भारतीय पत्रकार और सोशल एक्टिविस्ट भी टारगेट पर थे। यह खबर आने के बाद सवाल उठा कि कितने भारतीयों को इसका शिकार बनाया गया। लेकिन व्हाट्सएप ने इसका खुलासा नहीं किया। 
 

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