विशाखापट्टनम, मैंगलोर और पादूर के पेट्रोलियम रिजर्व गोदामों को लीज पर देगी सरकार, अबू धाबी की कंपनी लीज पर आधा हिस्सा ले चुकी

इन पेट्रोलियम भंडारण केंद्रों को युद्ध या आपात स्थिति के लिए बनाया गया था। इसे भारत सरकार के इंडियन स्ट्रेटेजिक पेट्रोलियम रिजर्व लिमिटेड ने बनवाया था और इसकी क्षमता 5.33 मिलियन टन तेल के स्टोरेज की है।

 

Petroleum underground facilities lease: देश के पेट्रोलियम रिजर्व के लिए बनाए गए तीन बड़े अंडरग्राउंड रिजर्व गोदामों को भारत सरकार लीज पर देने का फैसला किया है। विशाखापट्टनम, मैंगलोर और पादूर में स्थित इन पेट्रोलियम स्टोरेज अंडरग्राउंड रिजर्व्स को पट्टे पर देने के लिए टेंडर निकाला जाएगा। हालांकि, इन तीन पेट्रोलियम रिजर्व्स के गोदाम्स में दो का आधा-आधा हिस्सा पहले ही अबू धाबी की एक कंपनी को पट्टे पर दिया जा चुका है। दरअसल, इन पेट्रोलियम भंडारण केंद्रों को युद्ध या आपात स्थिति के लिए बनाया गया था। इसे भारत सरकार के इंडियन स्ट्रेटेजिक पेट्रोलियम रिजर्व लिमिटेड ने बनवाया था और इसकी क्षमता 5.33 मिलियन टन तेल के स्टोरेज की है।

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, भंडारण सुविधाओं को पट्टे पर देने के लिए एक्सप्रेसन ऑफ इंटरेस्ट शीघ्र जारी किया जाएगा। तीन दक्षिणी भारतीय शहरों - विशाखापत्तनम, मैंगलोर और कर्नाटक के पादुर में यह अंडरग्राउंड भंडारण केंद्र हैं। इस तीनों का निर्माण इंडिया स्ट्रैटेजिक पेट्रोलियम रिजर्व लिमिटेड किया गया था। इनमें कुल 5.33 मिलियन टन तेल भंडारण हो सकता है। इन सुविधाओं को मुख्य रूप से आपातकालीन स्थितियों के लिए आपूर्ति में व्यवधान या युद्ध की स्थिति में इस्तेमाल के लिए बनवाया गया था।

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केंद्रीय बजट में यहां कच्चे तेल रखने की योजना को किया स्थगित

इन तीनों पेट्रोलियम स्टोरेज सेंटर्स में कच्चा तेल रखा जा रहा था लेकिन इस बार बजट में यहां कच्चे तेलों के भंडारण पर रोक लगा दिया गया है। सरकार ने कहा कि अब इसका कमर्शियल उपयोग किया जाएगा और इनको लीज पर दिया जाएगा ताकि इन परिसंपत्तियों का लाभ कमाया जा सके।

अबू धाबी की नेशनल ऑयल कंपनी पहले ही आधा हिस्सा ले चुकी

फिलहाल, अबू धाबी की नेशनल ऑयल कंपनी (एडनॉक) ने पहले ही पादुर में आधी भंडारण क्षमता और मैंगलोर में 1.5 मिलियन टन के लिए पट्टे पर अधिकार हासिल कर लिया है। परंतु मैंगलोर में 0.75 मिलियन टन और विशाखापट्टनम में भी काफी हिस्सा खाली है। इन तीनों जगहों के खाली हिस्से जो पट्टे पर नहीं दिए गए हैं उनको देने की प्रक्रिया शुरू की जा रही है। इंडियन स्ट्रैटेजिक पेट्रोलियम रिजर्व्स लिमिटेड (आईएसपीआरएल) के सीईओ और प्रबंध निदेशक एलआर जैन ने पुष्टि की है।

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