यूपी सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में बताया, आधी रात को हाथरस पीड़िता का अंतिम संस्कार क्यों किया?

उत्तर प्रदेश सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल किया, जिसमें बताया कि ऐसी खुफिया सूचना मिली थी कि अगर शव का अंतिम संस्कार करने के लिए सुबह होने का इंतजार किया जाता तो बड़े पैमाने पर हिंसा भड़क सकती थी। दंगा कराने के लिए जानबूझकर और सुनियोजित प्रयास किए जा रहे हैं। परिवार की सहमति से पीड़िता का अंतिम संस्कार किया गया था।

Asianet News Hindi | Published : Oct 6, 2020 5:53 AM IST / Updated: Oct 06 2020, 11:32 AM IST

नई दिल्ली/लखनऊ. हाथरस केस में सुप्रीम कोर्ट दो जनहित याचिकाओं पर सुनवाई करेगा। याचिका में केस की सीबीआई जांच की मांग की गई है। वहीं मामले की सुनवाई यूपी से दिल्ली में ट्रांसफर करने की भी बात कही गई है। साथ ही कहा गया है कि जांच सुप्रीम कोर्ट या हाईकोर्ट के रिटायर्ड जज की निगरानी में हो। 

उत्तर प्रदेश सरकार ने दायर किया हलफनामा
उत्तर प्रदेश सरकार ने हाथरस केस में सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दायर किया। सरकार ने कहा, कोर्ट को सीबीआई जांच के निर्देश देने चाहिए। यूपी सरकार ने ये भी कहा कि वह मामले की निष्पक्ष जांच करा सकती है।

यूपी सरकार ने बताया, आधी रात को क्यों जलाया शव
उत्तर प्रदेश सरकार ने हलफनामे में बताया कि देर रात पीड़िता का अंतिम संस्कार क्यों किया? सरकार ने कहा, दंगे कराने के लिए जानबूझकर और सुनियोजित प्रयास किए जा रहे हैं। परिवार की सहमति से पीड़िता का अंतिम संस्कार किया गया था।

सरकार ने कहा कि उन्हें ऐसी खुफिया सूचना मिली थी कि अगर शव का अंतिम संस्कार करने के लिए सुबह होने का इंतजार किया जाता तो बड़े पैमाने पर हिंसा भड़क सकती थी।

हलफनामा क्या होता है?
हलफनामा को शपथ पत्र या Affidavit कहते हैं। इसमें किसी घटना अथवा बात की शपथ पूर्वक घोषणा की जाती है जिसका कोर्ट में महत्व होता है।

14 सितंबर को हुआ था कथित गैंगरेप
हाथरस में 19 साल की दलित लड़की के साथ 14 सितंबर को कथित गैंगरेप किया गया, जिसमें चार लोगों को आरोपी बताया गया। पीड़िता ने इलाज के दौरान 29 सितंबर को दिल्ली के सफदरजंग हॉस्पिटल में दम तोड़ दिया। पीड़िता के परिवार ने आरोप लगाया कि बिना उनकी इजाजत के यूपी पुलिस ने उनकी बेटी का अंतिम संस्कार कर दिया।

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