भारत में कृषि कानूनों के विरोध में किसान आंदोलन जारी है। हाल ही में इस किसान आंदोलन का समर्थन पर्यावरण एक्टिविस्ट ग्रेटा थनबर्ग, पॉप सिंगर रिहाना समेत तमाम विदेशी हस्तियों ने किया था। वहीं, ग्रेटा ने किसान आंदोलन के समर्थन में एक टूल किट भी जारी किया था। इस टूलकिट में भारत में अस्थिरता फैलाने को लेकर साजिश का प्लान था। इस टूलकिट को लेकर दिल्ली पुलिस ने रविवार को जलवायु कार्यकर्ता दिशा रवि को गिरफ्तार किया था।
नई दिल्ली. भारत में कृषि कानूनों के विरोध में किसान आंदोलन जारी है। हाल ही में इस किसान आंदोलन का समर्थन पर्यावरण एक्टिविस्ट ग्रेटा थनबर्ग, पॉप सिंगर रिहाना समेत तमाम विदेशी हस्तियों ने किया था। वहीं, ग्रेटा ने किसान आंदोलन के समर्थन में एक टूल किट भी जारी किया था। इस टूलकिट में भारत में अस्थिरता फैलाने को लेकर साजिश का प्लान था। इस टूलकिट को लेकर दिल्ली पुलिस ने रविवार को जलवायु कार्यकर्ता दिशा रवि को गिरफ्तार किया था। अब इस मामले में पुलिस उनके करीबियों निकिता जैकब और शांतनु की तलाश में जुटी है। इन दोनों को फरार घोषित किया गया है। इनके खिलाफ गैरजमानती वारंट जारी किया गया है।
टूल किट मामले में अब तक चार लोगों की भूमिका सामने आ रही है। ये लोग हैं दिशा रवि, पोएटिक जस्टिस फाउंडेशन के फाउंडर एमओ धालीवाल , निकिता जैकब और शांतनु। आईए जानते हैं कि ये लोग कौन हैं और टूलकिट को लेकर इन पर क्या आरोप लगे हैं।
जानिए क्या है मामला और किस मामले में हैं ये आरोपी
ग्रेटा थनबर्ग के टूलकिट में ऐसा क्या है?
स्वीडन की 18 साल की पर्यावरण एक्टिविस्ट ग्रेटा थनबर्ग ने किसान आंदोलनों के बीच ट्विटर पर एक टूल शेयर किया था। टूलकिट में भारत में अस्थिरता फैलाने को लेकर साजिश का प्लान था। उसमें ट्विटर पर हैजटैग के साथ ही आंदोलन के दौरान क्या करें क्या न करें? कहीं फंसने पर क्या करें? ऐसे बहुत सारे सवालों के जवाब दिए गए थे। टूलकिट में ट्विटर के जरिये किसी अभियान को ट्रेंड कराने से संबंधित दिशानिर्देश भी थे।
कौन हैं दिशा रवि, क्यों हुईं गिरफ्तार?
दिशा रवि बेंगलुरु के एक निजी कॉलेज से बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन में स्नातक हैं। वह फ्राइडे फॉर फ्यूचर इंडिया नाम के एक समूह के संस्थापक सदस्यों में से एक हैं। दिल्ली की एक अदालत ने क्लाइमेट एक्टिविस्ट दिशा रवि को 5 दिन की दिल्ली पुलिस की विशेष सेल की हिरासत में भेजा।
आरोप - दिल्ली पुलिस का दावा है कि जो टूलकिट ग्रेटा ने शेयर की थी, उसे दिशा ने ही एडिट कर सर्कुलेट किया था। इतना ही नहीं इस टूलकिट को ग्रेटा तक टेलीग्राम ऐप के जरिए पहुंचाई गई थी। बाद में दिशा ने ग्रेटा से इसे हटाने को कहा और टूलकिट के लिए बना वॉट्सऐप ग्रुप भी डिलीट कर दिया। टूलकिट का लक्ष्य भारत सरकार के प्रति वैमनस्य और गलत भावना फैलाना और विभिन्न सामाजिक, धार्मिक और सांस्कृतिक समूहों के बीच वैमनस्य की स्थिति पैदा करना है। आरोप है कि दिशा रवि ने भारत के खिलाफ वैमनस्य फैलाने के लिए अन्य लोगों के साथ मिलकर खालिस्तान समर्थक समूह पोएटिक जस्टिस फाउंडेशन के साथ सांठगांठ की।
कौन है एमओ धालीवाल ?
एमओ धालीवाल डिजिटल ब्रांडिंग क्रिएटिव एजेंसी स्कायरॉकेट में डायरेक्टर है। धालीवाल ने सोशल मीडिया पर खुद यह बात मानी थी कि वह खालिस्तानी है।
आरोप - धालीवाल पर किसान आंदोलन से जुड़ी टूलकिट बनाने का आरोप है। दिल्ली पुलिस के मुताबिक, गणतंत्र दिवस से पहले एक जूम मीटिंग हुई थी। इसमें धालीवाल, निकिता और दिशा समेत और भी लोग शामिल हुए थे। इस मीटिंग में एक किसान की मौत की चर्चा हुई। इस वर्चुअल मीटिंग का मकसद था कि गणतंत्र दिवस से पहले सोशल मीडिया पर खलबली मचाई जाए।
निकिता जैकब
निकिता मुंबई में रहने वाली वकील हैं। वे सोशल जस्टिस और क्लाइमेट एक्टिविस्ट हैं।
आरोप है कि निकिता भी इस मीटिंग में शामिल हुई थीं। निकिता ने इस टूलकिट को एडिट किया था। दिल्ली पुलिस के मुताबिक, 4 दिन पहले एक स्पेशल टीम निकिता के घर गई थी। वहां से इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स जब्त कर उनकी जांच की गई। इसके बाद जब पुलिस दोबारा पूछताछ के लिए निकिता के घर पहुंची, तो वह फरार हो चुकी थी। निकिता को धालीवाल से एक साथी पुनीत ने मिलवाया था। वहीं, पुलिस द्वारा गैरजमानती वारंट जारी होने के बाद निकिता ने बॉम्बे हाईकोर्ट में ट्रांजिट बेल के लिए याचिका दायर की है।
कौन हैं शांतनु
पुलिस ने टूलकिट मामले में शांतनु के खिलाफ भी गैर जमानती वारंट जारी किया है। शांतनु दिशा और निकिता का साथी है। आरोप है कि शांतनु ने टूलकिट बनाया था। इसके लिए उसने ईमेल अकाउंट बनाया था। बाद में उसने इसे निकिता, दिशा और अन्य लोगों के साथ शेयर किया। हालांकि, अभी शांतनु के बारे में और जानकारी सामने नहीं आई है।