अभिनंदन वर्धमान के बैचमेट थे ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह, शौर्य चक्र मिलने पर अपने स्कूल को लिखी थी ये चिट्ठी

ग्रुप कैप्‍टन वरुण सिंह (Group Captain Varun Singh)  बेस्ट पायलट अवॉर्ड से सम्‍मानित हो चुके थे। वरुण के पिता कृष्ण प्रताप सिंह (KP Singh) भोपाल में रहते हैं और सेना में कर्नल पद से रिटायर्ड हुए थे। वहीं, वरुण वेलिंगटन में ही परिवार रहते थे। परिवार में पत्नी गीतांजलि और बेटा रिद्धिमन, बेटी आराध्या है। वरुण सिंह के चाचा अखिलेश प्रताप सिंह कांग्रेस पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता हैं और रुद्रपुर से विधायक रहे हैं।  

नई दिल्ली। तमिलनाडु (Tamil Nadu) के कुन्‍नुर (Coonoor) में हेलिकॉप्‍टर हादसे में (Helicopter Crash) के 7 दिन बाद ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह (Group Captain Varun Singh) का निधन हो गया। बेंगलुरु के अस्पताल में बुधवार को उन्होंने दम तोड़ दिया। इंडियन एयरफोर्स (Indian Air Force) ने ट्वीट कर इस संबंध में जानकारी दी। एयरफोर्स ने कहा कि ग्रुप कैप्टन वरुण ने गंभीर चोटों के वजह से दम तोड़ दिया। बता दें कि 8 दिसंबर को वरुण को हेलिकॉप्टर हादसे में घायल होने के बाद पहले वेलिंगटन के आर्मी अस्पताल में भर्ती किया गया था। बाद में उनकी गंभीर हालत को देखते हुए उन्हें बेंगलुरु शिफ्ट किया गया था। इस हादसे में सीडीएस जनरल बिपिन रावत (CDS Bipin Rawat), उनकी पत्नी मधुलिता (Madhulika Rawat) समेत 13 जवानों की मौत हो गई थी। 

ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह यूपी के देवरिया के खोरमा कन्हौली गांव के रहने वाले थे। उन्होंने 12 अक्टूबर 2020 को एक ऐसी सूझबूझ और हौसले का परिचय दिया था, जिसका पूरा देश कायल है। वरुण ने लड़ाकू विमान तेजस उड़ाने के दौरान खराबी आने के बाद इमरजेंसी लैंडिंग करवाई थी, जिसके लिए उन्‍हें शौर्य चक्र से सम्मानित किया जा चुका है। 7 दिन पहले (8 दिसंबर) हेलिकॉप्टर हादसे में अकेले ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह की जान बच सकी थी। वे लगातार वेंटिलेटर सपोर्ट पर थे। उनके ठीक होने की प्रार्थना पूरा देश कर रहा था। 

Latest Videos

ग्रुप कैप्टन अभिनंदन वर्धमान के बैचमेट थे वरुण सिंह
वरुण सिंह ग्रुप कैप्‍टन अभिनंदन वर्धमान (Abhinand Varthaman) के बैचमेट थे। बता दें कि पुलवामा अटैक के बाद 27 फरवरी 2019 को भारत की सीमा में पाकिस्तानी विमान घुस आए थे। तब वर्तमान विंग कमांडर अभिनंदन वर्धमान ने मिग-21 एयरक्राफ्ट पर सवार होने के बाद भी पाकिस्तान के एफ-16 फाइटर जेट मार गिराया था। इसके साथ ही इन विमानों को खदेड़ा था। हाल ही में ग्रुप कैप्टन अभिनंदन वर्धमान को राष्ट्रपति ने वीर चक्र से सम्मानित किया है। 

जहां से 12वीं तक पढ़ाई की, उस स्कूल को लिखी थी चिट्ठी
ग्रुप कैप्‍टन वरुण सिंह बेस्ट पायलट अवॉर्ड से सम्‍मानित हो चुके थे। शौर्य चक्र मिलने के एक महीने बाद सितंबर 2021 में वरुण ने चंडीगढ़ के चंडीमंदिर में स्थित आर्मी पब्लिक स्कूल के प्रधानाचार्य को चिट्ठी लिखी थी। यहां से वरुण ने अपनी पढ़ाई पूरी की थी। इस चिट्ठी में वरुण ने बताया था कि वह कितने साधारण स्टूडेंट थे और कैसे उन्होंने खुद को एक शानदार करियर और असाधारण जिंदगी के लिए तैयार किया। उस चिट्ठी में उन्होंने स्टूडेंट्स के लिए ऐसी 5 बड़ी सीख दी थी जो हम सभी को एक शानदार करियर, लाजवाब शख्सियत और जीवन में ढेरों उपलब्धियों के लिए प्रेरित कर सकती है।

आईएएफ ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह की चिट्ठी
‘मैं एक बहुत ही साधारण स्टूडेंट था। क्लास 12 में मुश्किल से फर्स्ट डिवीजन मार्क्स मिले थे। हालांकि मैं काफी अनुशासित था। खेल और अन्य गतिविधियों में बिल्कुल साधारण था, लेकिन मुझमें हवाई जहाजों और एविएशन को लेकर जुनून था। मैं एनडीए (NDA) गया। ऑफिसर कैडेट के रूप में पास हुआ, लेकिन पढ़ाई या खेल किसी में कभी बहुत अच्छा नहीं कर सका। सब-कुछ तब बदला, जब मैं एयरफोर्स एकेडमी (AirForce Academy) पहुंचा। मुझे एहसास हुआ कि एविएशन के लिए मेरा जुनून मुझे बाकी साथियों से थोड़े बेहतर बनाता है, तब भी मुझमें अपनी काबिलियत पर विश्वास की कमी थी। आत्मविश्वास की कमी थी, क्योंकि मुझे हमेशा लगता था कि मैं साधारण बन रहने के लिए ही हूं।

आज करियर में मुश्किल पड़ावों तक पहुंचा हूं
लेकिन फाइटर स्क्वॉड्रन में बतौर यंग फ्लाइट लेफ्टिनेंट कमीशन पाने के बाद मुझे लगा कि अगर मैं अपना दिल और दिमाग इस काम में लगा दूं तो अच्छा कर सकता हूं। मैंने खुद को अपना बेस्ट बनाने पर काम शुरू किया। पहले की तरह सिर्फ पास हो जाने के लक्ष्य के विपरीत। यह वो समय था जब मेरी व्यक्तिगत और व्यवसायिक जिंदगी में सबकुछ बदलना शुरू हुआ। आज मैं अपने करियर में मुश्किल पड़ावों तक पहुंचा हूं।’

स्टूडेंट्स के लिए ये 5 सबसे जरूरी सीख हैं...

  1. ‘एक साधारण (औसत दर्जे) स्टूडेंट होने में कोई बुराई नहीं है। स्कूल में हर कोई बेहतरीन परफॉर्मेंस करे यह जरूरी नहीं। ना ही हर किसी को 90 फीसदी से ज्यादा मार्क्स मिलते हैं। अगर आप ऐसा कर पाते हैं तो यह शानदार उपलब्धि है और इसकी तारीफ होनी चाहिए, लेकिन अगर आप स्कूल में लाजवाब परफॉर्मेंस नहीं दे पाते, तो इसका मतलब यह नहीं कि आप साधारण बने रहने के लिए ही बने हैं। आप स्कूल में साधारण हो सकते हैं, लेकिन इससे यह तय नहीं हो सकता कि आपको जिंदगी में आगे क्या मिलेगा।’
  2. ‘अपने अंदर की आवाज सुनें. यह आर्ट, म्यूजिक, ग्राफिक डिजाइन, लिटरेचर… कुछ भी हो सकता है. लेकिन जो भी करें, उसमें खुद को समर्पित करें. अपना बेस्ट दें।’
  3. ‘कभी भी यह सोचकर सोने न जाएं कि मैं थोड़ी और कोशिश कर सकता/ सकती थी.’ यानी हर रोज अपने लक्ष्य की दिशा में हर छोटे से छोटे काम में भी अपना 100 फीसदी दें।
  4. ‘ये बिल्कुल न सोचें कि 12वीं बोर्ड एग्जाम के मार्क्स यह तय तरेंगे कि आप जिंदगी में क्या कुछ हासिल कर सकते हैं. खुद पर विश्वास रखें और अपने सपनों की दिशा में काम करें।’
  5. ‘कभी भी उम्मीद न छोड़ें। कभी ये ना सोचें कि आप जो बनना चाहते हैं, उसमें आप अच्छा नहीं कर सकेंगे। यह आसानी से नहीं मिलेगा। मेहनत लगेगी, कोशिशें करनी होंगी। समय और आराम का बलिदान देना होगा।’

तीनों सेनाओं से जुड़े घरवाले
वरुण के पिता कृष्ण प्रताप सिंह भोपाल में रहते हैं और सेना में कर्नल पद से रिटायर्ड हुए थे। वरुण के छोटे भाई बेटे लेफ्टिनेंट कमांडर तनुज सिंह इंडियन नेवी में हैं और परिवार समेत मुंबई में रहते हैं। जबकि, वरुण का परिवार वेलिंगटन में रहता है। परिवार में पत्नी गीतांजलि और बेटा रिद्धिमन, बेटी आराध्या है। वरुण सिंह के चाचा अखिलेश प्रताप सिंह कांग्रेस पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता हैं और रुद्रपुर से विधायक रहे हैं।  

वरुण के पिता पांच भाई...
कैप्टन वरुण सिंह (42 साल) का जन्म दिल्ली में हुआ है। वरुण के पिता पांच भाई हैं, इनमें से दिनेश प्रताप सिंह अधिवक्ता हैं, जो डीजीसी रहे। उमेश प्रताप सिंह रिटायर्ड इंजीनियर है। कृष्ण प्रताप सिंह रिटायर्ड कर्नल हैं। रमेश प्रताप सिंह रिटायर्ड कर्नल हैं।

जानिए कितने जांबाज थे ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह, 4 महीने पहले इसी तारीख को राष्ट्रपति ने दिया था शौर्य चक्र

Group Captain Varun Singh Death: भोपाल में रहते माता-पिता, तीनों सेनाओं से जुड़ा है परिवार, घर में दो बच्चे

Share this article
click me!

Latest Videos

कागजों पर प्लान, सिर्फ ऐलान... क्यों दिल्ली-NCR को नहीं मिल रही धुआं-धुआं आसमान से मुक्ति?
फर्स्ट टाइम तिरुपति बालाजी के दरबार पहुंचे Arvind Kejriwal, बताया क्या मांगी खास मन्नत
अब नहीं चलेगा मनमाना बुलडोजर, SC के ये 9 रूल फॉलो करना जरूरी । Supreme Court on Bulldozer Justice
वोटिंग के बीच नरेश मीणा ने SDM को ही मार दिया थप्पड़, जानें वायरल वीडियो का पूरा सच
SDM थप्पड़कांड के बाद हर तरफ बवाल, ठप हो गया राजस्थान और नरेश मीणा को घसीटते हुए ले गई पुलिस