Gurugram Mob Attack: हमले के वक्त इस वजह से मस्जिद छोड़ नहीं भागा था मौलबी, बिहार में पिता कर रहे शव का इंतजार

गुरुग्राम (Gurugram Violence) में हिंसा के दौरान जिस मौलवी की हत्या हुई वह बिहार के सीतामढ़ी जिले का रहने वाला था। मुख्य मौलवी के नहीं रहने के चलते उसने मस्जिद नहीं छोड़ने का फैसला किया था।

Vivek Kumar | Published : Aug 2, 2023 8:49 AM IST / Updated: Aug 02 2023, 02:22 PM IST

नई दिल्ली। गुरुग्राम में मंगलवार रात हुई हिंसा में एक मौलवी की हत्या कर दी गई। उसकी पहचान 19 साल के हाफिज साद के रूप में हुई है। वह मूल रूप से बिहार के सीतामढ़ी जिले के मनियाडीह गांव का रहने वाला है। हमले के वक्त मस्जिद के मुख्य मौलवी मौके पर मौजूद नहीं थे। इसके चलते हाफिज साद मस्जिद में रुका हुआ था। भीड़ ने हमला किया तब भी उसने भाग जाने की जगह मस्जिद में बने रहने का फैसला किया। भीड़ ने उस वक्त मस्जिद में मौजूद दूसरे लोगों को छोड़ दिया, लेकिन साद की जान ले ली।

साद की हत्या की खबर से बिहार में उनके घर में मातम है। पूरा गांव शोकाकुल है। वह घर आने वाला था। टिकट भी खरीद ली थी। परिवार के लोग मुजफ्फरपुर रेलवे स्टेशन जाकर साद को रिसीव करने की योजना बना रहे थे, लेकिन हिंसा ने सबकुछ बर्बाद कर दिया। परिवार सदमे में है। अब उन्हें बेटे के शव को लेकर आ रहे एम्बुलेंस का इंतजार है। गांव के लोग न्याय की गुहार लगा रहे हैं।

ट्रेन से घर लौटने वाला था हाफिज साद

साद के मामा इब्राहिम अख्तर ने बताया कि वह अपने बड़े भाई शादाब के साथ ट्रेन से घर लौटने वाला था। मुख्य इमाम नहीं थे, जिसके चलते साद ने अगली सुबह तक मस्जिद छोड़ने से इनकार कर दिया था। मुख्य इमाम शहर से बाहर थे। साद ने उनके आने तक मस्जिद में ही रहने का फैसला किया था। हिंसा शुरू हुई तो बड़े भाई ने साद को मस्जिद छोड़ने के लिए कहा, लेकिन साद ने ऐसा नहीं किया।

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बाद में वही हुआ, जिसकी आशंका थी। भीड़ ने मस्जिद पर हमला किया। साद के पिता मुश्ताक ने बताया कि इस घटना के पीछे बड़ी साजिश है। उन्हें समझ नहीं आ रहा है कि उनके बेटे से किसी की ऐसी क्या दुश्मनी थी कि उसकी हत्या कर दी गई। उन्होंने पूछा कि भीड़ ने साद को ही क्यों निशाना बनाया। मस्जिद के अंदर अन्य लोगों को क्यों बख्श दिया गया? मैं सरकार से न्याय की मांग करता हूं।

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विलाप करते हुए मुश्ताक ने कहा, "कल, हमें साद और उसके भाई को स्टेशन पर लेने के लिए मुजफ्फरपुर जाना था, लेकिन अब हम उस एम्बुलेंस का इंतजार कर रहे हैं जो उसका शव लाएगी।" सीतामढ़ी के एसपी मनोज तिवारी ने अंतिम संस्कार के दौरान परिवार को सभी आवश्यक सहायता का आश्वासन दिया है।

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