Manipur Violence: WMC ने केंद्रीय सुरक्षा बलों पर लगाए गंभीर आरोप, कहा- 'मैतेई लोगों को बनाया जा रहा बलि का बकरा'

मणिपुर हिंसा को लेकर वर्ल्ड मैतेई काउंसिल (World Meetei Council) ने नई दिल्ली के प्रेस क्लब ऑफ इंडिया में प्रेसवार्ता की है। उन्होंने साफ शब्दों में कहा कि मणिपुर के पूरे घटनाक्रम में मैतेई समाज के लोगों को बलि का बकरा बनाने की साजिश की जा रही है।

Manoj Kumar | Published : Jun 20, 2023 11:18 AM IST / Updated: Jun 20 2023, 06:02 PM IST

WMC Press Conference. मणिपुर हिंसा में दो समुदायों का नाम सामने आ रहा है। एक मैतेई समुदाय और दूसरा कुकी समुदाय। एक तरफ मैतेई समुदाय कुकी ट्राइबल्स को हिंसा के लिए जिम्मेदार बता रहा है, वहीं कुकी समुदाय ने अपनी सुरक्षा के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है, जिसमें यह मांग हुई है कि कुकी समुदाय की सुरक्षा भारतीय सेना के हवाले की जाए। फिलहाल इस मामले की सुनवाई 3 जुलाई को होगी। इस बीच मैतेई समुदाय के वर्ल्ड मैतेई काउंसिल ने नई दिल्ली में प्रेसवार्ता की और पूरे घटनाक्रम को लेकर अपना पक्ष रखा। मैतेई काउंसिल का साफ कहना है कि उन्हें बलि का बकरा बनाया जा रहा है और यह हिंसा कुकी समुदाय के सशस्त्र विद्रोहियों द्वारा की जा रही है।

क्या कहता है वर्ल्ड मैतेई काउंसिल

नई दिल्ली में हुई प्रेसवार्ता के दौरान वर्ल्ड मैतेई काउंसिल ने कहा कि बीजेपी के नेतृत्व वाली सरकार ने कुकी लोगों से किया वादा पूरा नहीं किया। इसलिए वे मैतेई समुदाय को निशाना बनाकर हिंसा कर रहे हैं ताकि उनकी योजना को अंजाम दिया जा सके। कुकी समुदाय अलग प्रशासन की मांग कर रहा, इसलिए वे मैतेई समुदाय की सफाई करना चाहते हैं। दूसरी तरफ सरकार ने राज्य में हिंसा के वक्त पर्याप्त सुरक्षा मुहैया नहीं कराई। यही वजह है कि राज्य में हिंसा अभी भी जारी है। मणिपुर की लाइफलाइन माने जाने वाले नेशनल हाईवे-2 को कुकी उग्रवादियों द्वारा बंद करा दिया गया है। चिन-कुकी उग्रवादी और सरकार में संघर्ष की स्थिति है लेकिन मैतेई समुदाय को बलि का बकरा बनाया जा रहा है।

वर्ल्ड मैतेई काउंसिल की मांग क्या है

वर्ल्ड मैतेई काउंसिल ने क्या आरोप लगाए

वर्ल्ड मैतेई काउंसिल का कहना है कि यह जानना बहुत जरूरी है कि हिंसा पहल करने वाला कौन है और इसके पीछे क्या मंशा है। मणिपुर की मौजूदा हिंसा के साक्ष्य बताते हैं कि सबसे पहले हिंसा की शुरूआत कुकी ने की। मैतेई को तो अपना अस्तित्व बचाने के लिए बचाव में उतरना पड़ा। हिंसा में जो भी नुकसान हुआ है, उसकी जिम्मेदारी कुकी पर डालनी चाहिए। असम राइफल्स की भूमिका भी संदिग्ध है, जो कुकी उग्रवादियों की हेल्प कर रहे हैं। मैतेई महिलाओं ने मांग की है कि असम राइफल्स को राज्य से वापस भेजा जाए। मैतेई समुदाय का केंद्रीय सुरक्षाबलों से विश्वास उठ चुका है।

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