Hijab Row : वकील बोले- हिजाब पर बैन कुरान पर प्रतिबंध जैसा, CJ ने कहा - दिखाएं ऐसा कहां लिखा है, कल फिर सुनवाई

Hijab Row : गुरुवार को शुरू हुई सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस रितुराज अवस्थी ने पूछा कि चार दिन से दलीलें चल रही हैं। स्पेशल बेंच का गठन किया गया है। आखिर आप लोगों को कितने दिन चाहिए? बार-बार हस्तक्षेप पर कोर्ट ने नाराजगी जताई और दो याचिकाओं को खारिज कर दिया। 

बेंगलुरू। हिजाब मुद्दे को लेकर आज कर्नाटक हाईकोर्ट (Hijab Hearing in Karnataka High court) में हुई सुनवाई में चीफ जस्टिस (CJ Rituraj Awasthi) हस्तक्षेप करने और नई याचिकाओं पर नाराज हुए। सुनवाई शुरू होते ही एडवोकेट शादान फरासत ने बेंच के सामने नई याचिका दायर करने पर कहा कि हम अभी याचिकाकर्ताओं और प्रतिवादियों को सुन रहे हैं। कृपया हस्तक्षेप नहीं करें। चीफ जस्टिस ने पूछा कि चार दिन से दलीलें चल रही हैं। स्पेशल बेंच का गठन किया गया है। आखिर आप लोगों को कितने दिन चाहिए? शुक्रवार दोपहर 2:30 बजे फिर इस मामले की सुनवाई होगी। 

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पेजीनेशन सही न होने पर याचिका खारिज
इसके बाद अधिकवक्ता रहमतउल्लाह कोर्ट में बहस करने पहुंच गए और अनुच्छेद 51 (C) का जिक्र किया। इस पर कोर्ट ने पूछा कि आप हैं कौन? पहले अपने बारे में बताएं। कोठवाल ने बताया कि मैं सामाजिक कार्यकर्ता हूं, जिस पर कोर्ट ने उनसे कहा कि आपको बहस की अनुमति नहीं दी जाएगी। कोठवाल ने जनहित याचिका का जिक्र किया, जिस पर कोर्ट ने उन्हें समय बर्बाद नहीं करने का हवाला दिया और पेजीनेशन ठीक नहीं होने की बात कहकर याचिका खारिज कर दी। 

आज ही राहत देने की मांग, CJ बोले याचिका विरोधाभासी
कोठवाल के बाद डॉ. विनोद कुलकर्णी ने मुद्दा उठाया कि हिजाब का मामला उन्माद पैदा कर रहा है। यह बच्चियों के स्वास्थ्य को बिगाड़ रहा है। इस पर कोर्ट ने कहा कि आपकी याचिका पीआईएल (PIL) के  नियमों के अनुरूप नहीं है। चीफ जस्टिस ने कुलकर्णी से पूछा कि आप क्या चाहते हैं। इस पर कुलकर्णी ने कहा कि कल शुक्रवार है। मैं चाहता हूं कि आप शुक्रवार और रमजान के दौरान हिजाब पहनने का आदेश दें। इस पर चीफ जस्टिस ने उन्हें अपनी याचिका को ठीक से पढने को कहा और कहा कि आपकी याचिका विरोधाभासी है। 

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हिजाब को कुरान से जोड़ने के सवाल पर फंसे कुलकर्णी
कुलकर्णी ने कुरान का हवाला देते हुए कहा कि हिजाब की अनुमति नहीं देना कुरान पर प्रतिबंध लगाने जैसा है। कुरान में लिखा है कि मुस्लिम महिलाओं को हिजाब पहनना चाहिए और शरीर के अंगों जैसे गर्दन, सिर आदि को उजागर नहीं करना चाहिए। इस पर चीफ जस्टिस अवस्थी ने कहा कि मुझे दिखाएं कि यह कुरान में कहां लिखा है। कुलकर्णी के यह नहीं दिखा पाने पर चीफ जस्टिस ने यह याचिका भी खारिज कर दी। बहस के दौरान अधिवक्ता सुभाष झा ने कहा कि केरल और बंबई हाईकोर्ट मान चुकी हैं के हिजाब इस्लाम का अभिन्न अंग नहीं है। लेकिन चीफ जस्टिस ने उन्हें हस्तक्षेप की अनुमति देने से इंकार कर दिया। शुक्रवार दोपहर 2:30 बजे से फिर मामले की सुनवाई होगी। कल महाधिवक्ता प्रभुलिंग नवदगी अपनी दलीलें पेश कर सकते हैं। 

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