हिमाचल में बाढ़ का तांडव: 313 सड़कें बंद, कंबल-तिरपाल के सहारे कैसे जी रहे परिवार?

Published : Aug 24, 2025, 09:52 PM IST
Himachal monsoon disaster 2025

सार

Himachal Monsoon Disaster 2025: हिमाचल प्रदेश में भारी बारिश और भूस्खलन के बीच 313 सड़कें बंद, वाहन फंसे! बाढ़ पीड़ित परिवारों को प्रशासन से केवल मामूली मदद मिली, फिर भी वे कंबल-तिरपाल के भरोसे हैं। अब तक 152 मौतें, आर्थिक नुकसान कहां तक जाएगा?

Himachal Pradesh Heavy Rainfall: हिमाचल प्रदेश इस बार मानसून की मार से बेहाल है। मंडी और कुल्लू जिले सबसे अधिक प्रभावित हुए हैं, जहां भूस्खलन और भारी बारिश के कारण कुल 313 सड़कें बंद हो गई हैं। कीरतपुर-नेरचौक जैसे प्रमुख राजमार्गों पर भारी मलबा जमने से यातायात ठप है और लंबा जाम लगा हुआ है। ट्रकों के फंसने और राष्ट्रीय राजमार्ग 305 (औट-सैंज मार्ग) के प्रभावित होने से ट्रेवलर्स की मुश्किलें बढ़ गई हैं। भूस्खलन की वजह से एक ट्रक का पिछला हिस्सा मलबे में दब गया, जो इस आपदा की गंभीरता को दर्शाता है।

मंडी, कुल्लू समेत कई जिलों में बाढ़ का कहर, प्रशासन पर सवाल

स्थानीय मौसम विभाग की चेतावनी के बाद भी वर्षा का सिलसिला जारी है। शुक्रवार से रविवार तक नादौन, नेरी, जोगिंदरनगर जैसे इलाकों में भारी बारिश दर्ज की गई है। 20 जून से आने वाले मानसून ने राज्य में 152 से ज्यादा लोगों की जान ले ली है और 37 लोग अभी भी लापता हैं। अब तक 75 बार अचानक बाढ़, 40 बार बादल फटने और 74 बड़े भूस्खलन की घटनाएं हुई हैं। साथ ही, बिजली तथा जल आपूर्ति में बाधाएं भी पैदा हुई हैं। सरकारी एजेंसियों ने इस प्राकृतिक आपदा से लगभग 2,347 करोड़ रुपये के आर्थिक नुकसान की पुष्टि की है।

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बाढ़ प्रभावित परिवारों की दर्दनाक दास्तान: कंबल और तिरपाल के सहारे जीवनयापन

शिमला जिला के गानवी इलाके की बात करें तो वहाँ अचानक आई बाढ़ ने बस्तियों को तहस-नहस कर दिया। नौ दिन गुजर जाने के बाद भी प्रभावित परिवार प्रशासन से मिली केवल एक-एक कंबल और तिरपाल के भरोसे मजबूरी में जीवन चला रहे हैं। पूजा और विमला देवी जैसे स्थानीय लोग कह रहे हैं, “हम कैसे गुजारा करें? हमारे घर पानी में डूब गए हैं और हमें कोई उचित सहायता नहीं मिली।” गानवी नाले का रुख बदलने से कई घर जलमग्न हो गए, जिससे लोग रिश्तेदारों के यहाँ शरण लिए हुए हैं। स्थानीय निवासी रामस्वरूप खौश ने बताया कि बाढ़ के बाद सड़कें और पुल टूट गए, लेकिन नौ दिन बीतने के बावजूद सरकार की तरफ से कोई ठोस मदद नहीं मिली।

क्या छिपा है हिमाचल के मानसून के पीछे?-भूस्खलन, बाढ़ और प्रशासनिक चुनौतियां

भारी बारिश और भूस्खलन की समस्याओं ने हिमाचल प्रदेश के पर्यावरण और जनजीवन को विकराल रूप दे दिया है। मानसून की जल्दी शुरुआत से लेकर लगातार बारिश ने सरकारी सिस्टम पर भी दबाव बढ़ा दिया है। स्थिति यह है कि राज्य के कई हिस्सों में बुनियादी सुविधाएं बाधित हो गई हैं। प्रशासन की ओर से राहत कार्य तो हो रहे हैं, लेकिन ज़मीनी हकीकत में प्रभावित परिवारों को उचित मदद नहीं मिल पा रही है।  

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