सोने की ईटों से बनेगा अयोध्या में राम मंदिर, हिंदू महासभा का दावा

हिंदू महासभा के नेता स्वामी चक्रपाणि ने कहा कि अगर रामजन्म भूमि और बाबरी मस्जिद मामले में फैसला हिंदुओं के पक्ष में आता है तो अयोध्या में सोने की ईटों से भव्य मंदिर बनाया जाएगा। 

Asianet News Hindi | Published : Sep 20, 2019 9:54 AM IST / Updated: Sep 20 2019, 03:30 PM IST

नई दिल्ली. हिंदू महासभा के नेता स्वामी चक्रपाणि ने कहा कि अगर रामजन्म भूमि और बाबरी मस्जिद मामले में फैसला हिंदुओं के पक्ष में आता है तो अयोध्या में सोने की ईटों से भव्य मंदिर बनाया जाएगा। 

स्वामी चक्रपाणि ने कहा, नवंबर के पहले हफ्ते में जैसे ही फैसला हिंदू महासभा और हिंदुओं के पक्ष में आ जाएगा, हमने फैसला किया कि मंदिर का निर्माण पत्थरों से नहीं बल्कि सोने की ईटों से किया जाएगा। उन्होंने कहा कि भारत और दुनियाभर के सनातन धर्मी हिंदू दान देंगे और सोने से राम मंदिर बनाया जाएगा। 

रोजाना 1 घंटे ज्यादा होगी सुनवाई
इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद भूमि विवाद मामले में सोमवार से रोजाना एक घंटा अतिरिक्त सुनवाई करने का फैसला किया है। सुनवाई में एक घंटा इसलिए बढ़ाया गया है, जिससे मामले की सुनवाई 18 अक्टूबर तक पूरी की जा सके।

चीफ जस्टिस ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश एफ एम आई कलीफुल्ला का पत्र मिला है, जो तीन सदस्यीय मध्यस्थता पैनल का नेतृत्व कर रहे है। उन्होंने कहा कि कुछ दलों ने मध्यस्थता प्रक्रिया को फिर से शुरू करने के लिए उन्हें लिखा है। 

पांच जजों की बेंच कर रही सुनवाई 
चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की अध्यक्षता में पांच जजों की बेंच इस मामले की सुनवाई कर रही है। इसमें जस्टिस एस ए बोबडे, जस्टिस डीवाई चन्द्रचूड़, जस्टिस अशोक भूषण और जस्टिस एस अब्दुल नजीर शामिल हैं।

बेंच ने मामले की सुनवाई 18 अक्टूबर तक पूरी करने को कहा है। इससे बेंच को फैसला लिखने के लिए वक्त मिल सके। चीफ जस्टिस 17 नवंबर को रिटायर हो रहे हैं। ऐसे में उम्मीद है कि उनके रिटायरमेंट से पहले इस मामले में फैसला आ जाए। 

मध्यस्थता विफल होने के बाद रोजाना सुनवाई कर रहा है सुप्रीम कोर्ट
मध्यस्थता प्रयास विफल हो जाने के बाद चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की अध्यक्षता में 5 सदस्यों की बेंच इस मामले में रोजाना यानी हफ्ते में पांच दिन सुनवाई कर रही है। सुप्रीम कोर्ट ने 8 मार्च को इस मामले को बातचीत से सुलझाने के लिए मध्यस्थता समिति बनाई थी। इस समिति ने गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट में सील बंद लिफाफे में अंतिम रिपोर्ट सौंपी थी।

मध्यस्थता समिति पूर्व जस्टिस एफएम कलिफुल्ला, आध्यात्मिक गुरु श्री श्री रविशंकर, सीनियर वकील श्रीराम पंचू शामिल थे। 18 जुलाई को मध्यस्थता पैनल ने स्टेटस रिपोर्ट कोर्ट को सौंपी थी। उस वक्त चीफ जस्टिस ने समिति से जल्द ही अंतिम रिपोर्ट पेश करने को कहा था। बेंच ने कहा था कि मध्यस्थता से कोई सकारात्मक परिणाम नहीं निकला तो रोजाना सुनवाई पर विचार करेंगे। 

सुप्रीम कोर्ट में 14 याचिकाएं दाखिल की गईं
2010 में इलाहाबाद हाईकोर्ट अयोध्या में 2.77 एकड़ का क्षेत्र तीन समान हिस्सों में बांटने का आदेश दिया था। पहला-सुन्नी वक्फ बोर्ड, दूसरा- निर्मोही अखाड़ा और तीसरा- रामलला। इस फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में 14 याचिकाएं दाखिल की गईं हैं। बेंच इन सभी याचिकाओं पर एक साथ सुनवाई कर रही है।

प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पांच सदसयीय संविधान पीठ ने इस विवाद के दोनों पक्षों के वकीलों से कहा कि उसने सामान्य प्रक्रिया के तहत शाम चार बजे की बजाय रोजाना पांच बजे उठने का निर्णय लिया है।

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