कश्मीर का इतिहास तोड़-मरोड़कर सामने रखा गया, वक्त आ गया है अब इसे सच्चा लिखा जाए: अमित शाह

गृह मंत्री अमित शाह ने दिल्ली में रविवार को राष्ट्रीय सुरक्षा को लेकर अपनी राय रखी। इस दौरान उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर और आर्टिकल 370 को लेकर बहुत सारी भ्रांतियां और गलतफहमियां हैं। इन्हें दूर करने की जरूरत है। शाह ने कहा कि इन्हें कश्मीर के लोगों के सामने जितना स्पष्ट करना जरूरी है, उतना ही भारत की जनता में होना जरूरी है। 

Asianet News Hindi | Published : Sep 29, 2019 8:01 AM IST / Updated: Sep 29 2019, 01:36 PM IST

नई दिल्ली. गृह मंत्री अमित शाह ने दिल्ली में रविवार को राष्ट्रीय सुरक्षा को लेकर अपनी राय रखी। इस दौरान उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर और आर्टिकल 370 को लेकर बहुत सारी भ्रांतियां और गलतफहमियां हैं। इन्हें दूर करने की जरूरत है। शाह ने कहा कि इन्हें कश्मीर के लोगों के सामने जितना स्पष्ट करना जरूरी है, उतना ही भारत की जनता में होना जरूरी है। 

अमित शाह ने कहा, ''कश्मीर का इतिहास तोड़-मरोड़कर देश के सामने रखा गया। क्योंकि जिनकी गलतियां थीं उनके हिस्से में इतिहास लिखने की जिम्मेदारी आई। उन्होंने अपनी गलतियों को बदलकर जनता के सामने रखा। अब समय आ गया है इतिहास सच्चा लिखा जाए और सच्ची जानकारी जनता के सामने रखी जाए।''

श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने 370 हटाने के बलिदान दिया- शाह
गृह मंत्री ने कहा, ''श्यामा प्रसाद मुखर्जी ट्रेन के रास्ते जम्मू-कश्मीर गए, उनके पास परमिट नहीं था। वो मानते थे कि मेरे देश में जाने के लिए परमिट की क्या जरूरत है। उनको परमिट नहीं लेने के लिए जेल में डाला गया। श्यामा प्रसाद जी ने अपने जीवन का बलिदान अनुच्छेद 370 हटाने के लिए दिया।''

सरदार पटेल ना होते तो रिसायतें एक ना होतीं- शाह
अमित शाह ने कहा- सबसे पहले जब देश आजाद होता है, तो उसके सामने सुरक्षा का प्रश्न, संविधान बनाने का प्रश्न जैसे कई प्रकार के प्रश्न होते हैं। लेकिन हमारे सामने तो 630 रियासतों को एक करने का प्रश्न आ गया।  630 अलग-अलग राज्य एक खंड के अंदर समाहित करना और अखंड भारत बनाना ये हमारे लिए बहुत बड़ा चुनौती का काम था।

 गृह मंत्री ने कहा, आज में देश के प्रथम गृह मंत्री लौह पुरुष सरदार वल्लभ भाई पटेल को प्रणाम करके ये बात कहना चाहता हूं कि वो न होते तो ये काम कभी न होता। सरदार पटेल की ही दृढ़ता का परिणाम था कि 630 रियासतें आज एक देश के रूप में दुनिया के अंदर अस्तित्व रखती हैं। 

'कश्मीर को अखंड रूप से एक करने में 2019 तक का वक्त लग गया'
शाह ने कहा- 630 रियासतों को एक करने में कोई दिक्कत नहीं आई लेकिन जम्मू-कश्मीर को अटूटरूप से अखंड रूप से एक करने में 5 अगस्त, 2019 तक का समय लग गया। उन्होंने कहा कि जो लोग हम पर आरोप लगा रहा है कि ये कदम राजनीतिक है, उनसे कहना चाहता हूं कि ये हमारा स्टैंड तब से है जब से हमारी पार्टी बनी। ये हमारी मान्यता है कि जब अनुच्छेद 370 था, तब देश की एकता और अखंडता के लिए ठीक नहीं था। इसके लिए सिर्फ हमने बोला नहीं, बल्कि इसके खिलाफ बार-बार आंदोलन किए, जब तक 370 हटी तब तक 11 अलग-अलग आंदोलन हुए। 
 

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