सिद्धारमैया का डिप्टी बनने को कैसे माने डीके शिवकुमार? खुद ही बताई अंदर की कहानी, बोले-अगर चुनाव में जीते नहीं रहते तो...

सीएम पद के मुख्य दावेदार रहे कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष डीके शिवकुमार को डिप्टी सीएम का पद स्वीकार करना पड़ा। एक दिन पहले तक डिप्टी सीएम की कुर्सी ठुकराने वाले डीके शिवकुमार आखिर कैसे मान गए। इसका खुलासा स्वयं डीके शिवकुमार ने ही किया है।

Congress government in Karnataka: कई दिनों के मंथन और आंतरिक खींचतान के बाद आखिरकार कर्नाटक में मुख्यमंत्री को लेकर फैसला हो गया। पूर्व सीएम सिद्धारमैया को राज्य के नए मुख्यमंत्री के रूप में शपथ दिलाई जाएगी। सीएम पद के मुख्य दावेदार रहे कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष डीके शिवकुमार को डिप्टी सीएम का पद स्वीकार करना पड़ा। एक दिन पहले तक डिप्टी सीएम की कुर्सी ठुकराने वाले डीके शिवकुमार आखिर कैसे मान गए। इसका खुलासा स्वयं डीके शिवकुमार ने ही किया है।

आपको कोर्ट का फैसला मानना ही होता...

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कर्नाटक में डिप्टी सीएम बनने जा रहे डीके शिवकुमार ने ऐलान के बाद कहा कि आप और हम कोर्ट में अपनी दलीलें रखते हैं और सभी पक्षों को सुनने के बाद जज फैसला सुनाता है तो उसको मानना होता है। उन्होंने भी कांग्रेस हाईकमान के निर्णय को वैसे ही स्वीकार किया है।

सोनिया गांधी के हस्तक्षेप के बाद माने डीके

दरअसल, चुनाव परिणाम आने के बाद सिद्धारमैया और डीके शिवकुमार में कोई भी पीछे हटने को तैयार नहीं था। दोनों को मुख्यमंत्री से कम कोई पद स्वीकार नहीं था। 61 वर्षीय शिवकुमार ने साफ तौर पर यह कह दिया था कि वह डिप्टी सीएम नहीं बनेंगे। कई दिनों तक पार्टी के टॉप लीडर्स उनसे बातचीत करते रहे लेकिन कोई हल नहीं निकल रहा था। लेकिन जब डीके शिवकुमार को सोनिया गांधी ने वीडियो कॉल कर बातचीत किया तो उसके बाद वह थोड़े नरम पड़े। दूसरी बार सोनिया गांधी ने डीके शिवकुमार को फिर समझाया और इसके बाद पांच दिनों से चल रहा गतिरोध समाप्त हो गया।

क्या कहा डीके शिवकुमार ने?

एक न्यूज चैनल से बातचीत करते हुए डीके शिवकुमार ने कहा कि विधायक दल की मीटिंग में सभी 135 विधायकों ने जब पार्टी हाईकमान को निर्णय लेने का जिम्मा एकमत होकर दे दिया था तो हमें फैसले को स्वीकार करना होगा। हम में से बहुत से लोग अदालत में बहस करेंगे। अंतत: जज ने जो कहा, उसे मानना ही पड़ेगा। उन्होंने कहा, "हमने कर्नाटक के लोगों को आश्वासन दिया। व्यक्तिगत हित बाद में आता है, पार्टी हित पहले है। यही मेरी प्रतिबद्धता है।"

अगर नहीं जीते होते तो क्या स्थिति होती?

डीके शिवकुमार ने कहा कि महत्वाकांक्षा के लिए नहीं कर्नाटक की जनता के लिए काम किया जाएगा। मान लीजिए कि हम नहीं जीते होते तो क्या स्थिति होती? अब हम जीत गए हैं, हमें जनता के हित में काम करना है। अकेले मैं नहीं, लाखों-लाखों कार्यकर्ताओं ने अपना काम किया है। हमें उन कार्यकर्ताओं को भी देखना है।

क्या सोनिया गांधी के हस्तक्षेप से आप पीछे हटे?

डीके शिवकुमार ने कहा कि इस मसले में मैं गांधी परिवार के किसी भी सदस्य को नहीं लाना चाहता हूं। मैं अभी राहुल (गांधी) जी से मिला। मैं मल्लिकार्जुन खड़गे से मिला। मैं मिला। सोनिया गांधी से बातचीत हुई लेकिन कोई विवाद नहीं था। कर्नाटक में कांग्रेस की सरकार होगी जो जनता के लिए काम करेगी। एक सप्ताह या कुछ और दिनों में आप परिणाम देखेंगे।

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