राम जन्मभूमि विवाद पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद मंदिर निर्माम पर हर दिन कुछ न कुछ खबर आ रही है। कभी ट्रस्ट को लेकर बयान तो कभी अयोध्या नगरी पर। लेकिन क्या आपको पता है कि रामलला विराजमान के केस जीतने के बाद उनकी दिनचर्या कैसी है।
नई दिल्ली. राम जन्मभूमि विवाद पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद मंदिर निर्माम पर हर दिन कुछ न कुछ खबर आ रही है। कभी ट्रस्ट को लेकर बयान तो कभी अयोध्या नगरी पर। लेकिन क्या आपको पता है कि रामलला विराजमान के केस जीतने के बाद उनकी दिनचर्या कैसी है। उनके दिन की शुरुआत कब होती है और पूरे दिन क्या क्या काम किया जाता है। रामलला के मुख्य पुजारी सतेंद्र दास जी महाराज ने बताया कि रामलला की दिनचर्या सुबह 5 बजे से शाम 7 बजे तक चलती है।
भगवान के उठने पर होती है मंगला आरती
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक सतेंद्र दास जी महाराज ने बताया कि सबसे पहले भगवान के उठने पर मंगला आरती होती है। इसके बाद सुबह के प्रसाद को भोग लगाया जाता है। इसमें करीब 2 घंटे का समय लगता है।
7 बजे के बाद दर्शन का समय
रामलला को भोग लगाने के बाद 7 बजे से 11 बजे तक भगवान अपने भक्तों को दर्शन देते हैं। 4 घंटे बाद दर्शन बंद कर दिया जाता है। फिर रामलला दोपहर का भोजन करते हैं।
भोजन के बाद आधे घंटे का विश्राम
रामलला भोजन करने के बाद करीब 11.30 पर विश्राम करते हैं। फिर 1 बजे से 5 बजे तक फिर से भक्त रामलला के दर्शन कर सकते हैं।
7 बजे शयन आरती होती है
5 बजे से भोग लगाकर आरती होती है। फिर शाम 7 बजे शयन आरती और भोग का आयोजन होता है। रामलला को सुबह मेवा मिश्री के साथ मिठाई चढ़ाया जाता है। दोपहर में पूड़ी सब्जी के साथ साथ कभी खीर तो कभी चावल दाल तो कभी सब्जी रोटी भी चढ़ाई जाती है।