Chandrayaan-3: कौन हैं वो 2 स्पेस एजेंसी जो चंद्रयान-3 की लैंडिंग में दे रहीं ISRO का साथ

चंद्रयान-3 चंद्रमा पर लैंडिंग के लिए तैयार है। 23 अगस्त को 6 बजकर 4 मिनट पर लैंडर मॉड्यूल की चांद पर लैंडिंग होगी। बता दें कि चंद्रयान-3 मिशन में अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी NASA और यूरोपियन स्पेस एजेंसी ESA भी ISRO का साथ दे रही हैं। 

Ganesh Mishra | Published : Aug 22, 2023 7:31 AM IST / Updated: Aug 22 2023, 01:03 PM IST

Chandrayaan-3: चंद्रयान-3 चंद्रमा पर लैंडिंग के लिए तैयार है। 23 अगस्त को 6 बजकर 4 मिनट पर लैंडर मॉड्यूल की चांद पर लैंडिंग होगी। इसके बाद रोवर चांद पर रहकर कई रहस्यों से पर्दा उठाएगा। बता दें कि चंद्रयान-3 मिशन में अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी NASA और यूरोपियन स्पेस एजेंसी ESA भी ISRO का साथ दे रही हैं।

आखिर कैसे चंद्रयान-3 में मदद कर रहा NASA?

बता दें कि भारत के तीसरे मून मिशन चंद्रयान-3 में नेशनल एरोनॉटिक्स एंड स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन (NASA) के अलावा कुछ विदेशी अंतरिक्ष एजेंसियां भी मदद कर रही हैं। हर किसी के मन में ये सवाल होगा कि नासा भारत के अंतरिक्ष मिशन में आखिर किस तरह और कैसे मदद कर रहा है? बता दें कि चंद्रयान-3 की लॉन्चिंग के बाद से ही नासा स्पेसक्राफ्ट के हेल्थ की निगरानी के लिए भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के साथ मिलकर काम कर रहा है।

टेलीमेट्री और ट्रेकिंग कवरेज दे रहा NASA
जेट प्रोपल्शन लेबोरेटरी के इंटरप्लेनेटरी नेटवर्क डायरेक्टोरेट के कस्टमर इंटरफेस मैनेजर सामी असमर के मुताबिक, नासा का डीप स्पेस नेटवर्क कैनबरा डीप स्पेस कम्युनिकेशंस कॉम्प्लेक्स में डीप स्पेस स्टेशन (डीएसएस)-36 और डीएसएस -34 से संचालित टेलीमेट्री और ट्रैकिंग कवरेज प्रदान कर रहा है। इसके बाद मैड्रिड डीप स्पेस कम्युनिकेशंस कॉम्प्लेक्स में डीएसएस-65 प्रदान कर रहा है।

यूरोपियन अंतरिक्ष एजेंसी (ESA) ऐसे कर रही मदद
जर्मनी के ESOC डार्मस्टेड के ग्राउंड ऑपरेशंस इंजीनियर रमेश चेल्लाथुराई के मुताबिक, नासा के साथ-साथ यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी (ESA) भी भारत की मदद कर रही है। ESA एस्ट्रैक (ESTRACK) नेटवर्क में दो ग्राउंड स्टेशनों के माध्यम से उपग्रह को उसकी कक्षा में ट्रैक करता है। ESA अंतरिक्ष यान से टेलीमेट्री रिसीव करता है और इसे बेंगलुरु में मिशन ऑपरेशन सेंटर को भेजता है। इसके अलावा बेंगलुरु से फ्लाइंग सेटेलाइट को भेजी गई कमांड्स को आगे बढ़ाता है।

लैंडर मॉड्यूल को ट्रैक करने के लिए ESA ने किया ये काम 
चंद्रयान-3 के लैंडर के टचडाउन के करीब आने के साथ ही इन एजेंसियों के ग्राउंड स्टेशनों का सपोर्ट भारत के मिशन में अहम भूमिका निभा रहा है। चंद्रमा पर लैंडर मॉड्यूल को ट्रैक करने के साथ ही कम्युनिकेट करने के लिए एस्ट्रैक नेटवर्क (ESTRACK) में एक तीसरा ग्राउंड स्टेशन स्थापित किया गया है।

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