World Heritage: 2022-23: कर्नाटक के होयसला मंदिर वर्ल्ड हेरिटेज की लिस्ट में भारत के नामांकन के तौर पर शामिल

साल 2022-23 के लिए वैश्विक धरोहरों(World Heritage) के तौर पर कर्नाटक के बेलुर में होयसला मंदिर(Hoysala Temples of Belur) और हैलेबिड(, Halebid) व सोमनाथपुर(Somnathapura) का चयन किया गया है।

Asianet News Hindi | Published : Feb 1, 2022 2:10 AM IST / Updated: Feb 01 2022, 07:42 AM IST

नई दिल्ली. भारत के विश्वस्तरीय धरोहरों को एक और नई पहचान मिली है। साल 2022-23 के लिए वैश्विक धरोहरों(World Heritage) के तौर पर कर्नाटक के बेलुर में होयसला मंदिर(Hoysala Temples of Belur) और हैलेबिड(, Halebid) व सोमनाथपुर(Somnathapura) का चयन किया गया है। केंद्रीय संस्कृति मंत्रालय (Union Ministry of Culture) ने सोमवार को यह जानकारी दी। होयसला के पवित्र स्मारक 15 अप्रैल, 2014 से यूनेस्को की संभावित सूची में हैं और देश की समृद्ध ऐतिहासिक और सांस्कृतिक विरासत की गवाही देते हैं। बता दें कि यूनेस्को में भारत के स्थायी प्रतिनिधि विशाल वी शर्मा ने सोमवार को औपचारिक रूप से होयसला मंदिरों का नामांकन यूनेस्को के विश्व धरोहर निदेशक लजारे एलौंडौ को सौंप दिया। डोजियर जमा करने के बाद तकनीकी जांच की जाएगी।

होयसला मंदिर-होयसल र्तिकला शैली (1050-1300ई) का विकास कर्नाटक के दक्षिण क्षेत्र में हुआ माना जाता है। कहते हैं कि होयसल या होयसला कला की शुरुआत ऐहोल, बादामी और पट्टदकल के प्रारंभिक चालुक्य कालीन मंदिरों में हुई। हालांकि मैसूर क्षेत्र में विकसित होने के बाद ही इसका विशिष्ट स्वरूप सामने आया, जिसे होयसल शैली कहते हैं। 

Latest Videos

हैलेबिड:जवागल-चिकमगलूर मार्ग पर स्थित यह गांव प्राचीन इतिहास में अत्यंत महत्व रखता है। यह एक छोटा गांव है, जो होयसला स्थापत्य शैली के प्रतीक श्री वीरनारायण मंदिर का घर कहा जाता है। मंदिर को त्रिकुटा के रूप में माना जाता है। इसका मतलब होता हैतीन टावर। यहां वीरनारायण, वेणूगोपाल और योगनरसिंह क्रमशः पूर्व मुखी, उत्तर मुखी और दक्षिण मुखी तीन सुंदर मूर्तियां हैं। 

सोमनाथपुर: सोमनाथपुरा मैसूर शहर से लगभग 35 किमी दूर है। यह शहर चेन्नकेशव मंदिर के लिए प्रसिद्ध है। मंदिर का निर्माण 1268 ई. में सोम दण्डनायक ने होयसाल राजा नृसिंह तृतीय के अधीन करवाया था। यह मन्दिर होयसाल स्थापत्य का अद्भुत उदाहरण है।

तेलंगाना के रुद्रेश्वर मंदिर को विश्व धरोहर की उपाधि
इधर, यूनेस्को ने तेलंगाना के मुलुगू जिले के पालमपेट में स्थित ऐतिहासिक रुद्रेश्वर मंदिर को विश्व धरोधर की उपाधि प्रदान कर दी है। इसे रामप्पा नाम से भी जाना जाता है। बता दें कि रुद्रेश्वर मंदिर का निर्माण 1213 ईस्वी में काकतीय साम्राज्य में कराया गया था। मंदिर का निर्माण रेचारला रुद्र ने बनवाया था। वे काकतीय राजा गणपति देव के एक सेनापति थे। यह भगवान शिव को समर्पित मंदिर है और मंदिर के अधिष्ठाता देवता रामलिंगेश्वर स्वामी हैं।

यह भी पढ़ें
आकाशगंगा में दिखी रहस्यमयी चीज, वैज्ञानिक भी हुए हैरान, बोले-ऐसा पहले कभी नहीं देखा
जहरीले सांप के साथ खिलौने की तरह खेल रहा बच्चा, देखिए हैरान करने वाला ये वीडियो

 

Share this article
click me!

Latest Videos

उत्तराखंड: 200 फीट खाई में समा गई बारातियों की बस, तिनकों की तरह बिखरीं लाशें
10 साल की बच्ची का किडनैप के बाद रेप-मर्डर, फिर दहल उठा ममता बनर्जी का पं. बंगाल
हजारों समर्थकों के सामने ईरानी नेता खामेनेई ने खाई कसम, कहा- अब इजरायल खत्म
Hezbollah में जो लेने वाला था नसरल्ला की गद्दी, Israel ने उसे भी ठोका
Rahul Gandhi LIVE: राहुल गांधी का हरियाणा के महेंद्रगढ़ में जनता को संबोधन।