AFSPA हटाने के लिए 16 साल भूख हड़ताल करने वाली इरोम शर्मिला बोलीं-मानव जीवन सस्ता नहीं, अब तो खुले आंखें सबकी

इरोम शर्मिला ने कहा कि 1958 में अधिनियम के पारित होने और उत्तर-पूर्व में बाद में लागू होने के बाद, क्या इसने वांछित उद्देश्य को प्राप्त किया? यदि नहीं, तो इसे जनता पर थोपने का क्या फायदा है? यह उचित समय है जब केंद्र और राज्य सरकारें एक साथ बैठें और इस पर विचार करें। 

नई दिल्ली। नागालैंड (Nagaland) में सेना की गोली से हुए नरसंहार के बाद एक बार फिर विवादित आफस्पा कानून (AFSPA) को हटाने की मांग जोर पकड़नी शुरू हो चुकी है। मेघालय (Meghalaya) और नागालैंड (Nagaland) के मुख्यमंत्रियों ने भी इस कानून को तत्काल प्रभाव से हटाने की मांग कर दी है। आफस्पा को हटाने के लिए भूख हड़ताल करने वाली इरोम शर्मिला (Irom Sharmila) का मानना है कि पूर्वोत्तर से विवादास्पद सुरक्षा कानून आफस्पा को हटाने का समय आ चुका है। नागालैंड में सुरक्षा बलों की गोली से नागरिकों की मौत की घटना से सबकी आंखें खुल जानी चाहिए। इरोम शर्मिला ने आफस्पा के खिलाफ 16 सालों तक भूख हड़ताल किया था। 

शर्मिला ने फिर आफस्पा की खिलाफत की

Latest Videos

इरोम शर्मिला (Irom Sharmila) ने कहा कि आफस्पा एक दमनकारी कानून है। इससे मानवाधिकारों का व्यापक उल्लंघन होता है। कोई भी कानून नागरिकों को उनके अधिकार नहीं छीन सकता है। उन्होंने कहा कि पूर्वोत्तर के लोगों को देश के अन्य हिस्सों में भेदभावपूर्ण व्यवहार का सामना करना पड़ता है। आफस्पा के नाम पर मानवाधिकारों का बड़े पैमाने पर उल्लंघन उस भेदभाव से उपजा है। 

उग्रवाद उन्मूलन के नाम पर मूलाधिकारों को छीन लिया

अफस्पा को खत्म करने की वकालत करने वाली इरोम शर्मिला का मानना है कि नागालैंड की घटना ने एक बार फिर दिखाया है कि क्यों पूर्वोत्तर से कठोर आफस्पा को वापस लिया जाना चाहिए। यह घटना आंखें खोलने वाली होनी चाहिए। मानव जीवन इतना सस्ता नहीं है। उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र के लोग कब तक इसके कारण पीड़ित रहेंगे? उग्रवाद से लड़ने के नाम पर आप लोगों के मूल अधिकार नहीं छीन सकते। इससे निपटने के और भी तरीके हैं। 

लागू होने के दशकों बाद कामयाब नहीं कानून, अब खत्म हो

इरोम शर्मिला ने कहा कि 1958 में अधिनियम के पारित होने और उत्तर-पूर्व में बाद में लागू होने के बाद, क्या इसने वांछित उद्देश्य को प्राप्त किया? यदि नहीं, तो इसे जनता पर थोपने का क्या फायदा है? यह उचित समय है जब केंद्र और राज्य सरकारें एक साथ बैठें और इस पर विचार करें। 

16 सालों तक की थीं भूख हड़ताल

बता दें कि इरोम शर्मिला ने आफस्पा खत्म करने के लिए 16 सालों तक भूख हड़ताल किया था। अपनी लंबी चली भूख हड़ताल को 2016 में शर्मिला ने खत्म किया था। वह ‘मणिपुर की लौह महिला’ के नाम से जानी जाती हैं। शर्मिला ने 2017 में मणिपुर विधानसभा चुनाव लड़ा था। हालांकि, जनहित के मुद्दे को लेकर डेढ़ दशक तक संघर्ष करने वाली इरोम शर्मिला चुनाव में बुरी तरह असफल रहीं। इरोम (49) ने 2017 में विवाह किया था। वह अपने परिवार के साथ देश के दक्षिणी हिस्से में बस गई हैं। 

लेकिन भूख हड़ताल का उद्देश्य पूरा नहीं होने की कसक 

इरोम ने महसूस किया है कि उनकी लंबी भूख हड़ताल से उनका उद्देश्य पूरा नहीं हुआ। उन्होंने कहाकि मैं अहिंसा के गांधीवादी सिद्धांतों में विश्वास करती थी। मेरा उपवास लोगों की मांग के लिए अपना विरोध और दबाव दर्ज करने का एक अहिंसक तरीका था। लेकिन 16 साल बाद, जब मैंने अपनी भूख हड़ताल समाप्त की तो बहुत सारे लोगों ने मुझे गलत समझा। यह किसी उद्देश्य को पूरा करने में विफल रहा। शर्मिला ने कहा कि उनके मन में सशस्त्र बलों के खिलाफ कुछ भी नहीं है, लेकिन राजनीति और राजनीतिक दलों ने पूर्वोत्तर के लोगों को निराश किया है। 

नागालैंड में 14 मौतों से दहला हिन्दुस्तान

नागालैंड (Nagaland) के मोन जिले में चार दिसंबर और उसके अगले दिन उग्रवाद विरोधी अभियान और जवाबी हिंसा में कम से कम 14 नागरिक मारे गए और एक सैनिक भी मारा गया था। सुरक्षा बलों के एनकाउंटर में आम नागरिकों के मारे जाने के बाद पूरे देश में सवाल उठने लगे थे। संसद में गृह मंत्री को इस नरसंहार पर जवाब देना पड़ा था।

क्या है आफस्पा?

सशस्त्र बल विशेषाधिकार अधिनियम (AFSPA) सुरक्षा बलों को बिना किसी पूर्व वारंट के कहीं भी अभियान चलाने और किसी को भी गिरफ्तार करने का अधिकार देता है। पूर्वोत्तर में, यह असम, नागालैंड, मणिपुर (इंफाल नगर परिषद क्षेत्र को छोड़कर) और असम की सीमा से लगे अरुणाचल प्रदेश के कुछ जिलों में लागू है। 

यह भी पढ़ें:

Congress का Manipur में ऐलान: अगर सत्ता में आए तो खत्म होगा AFSPA, पूर्वोत्तर के BJP नेता भी कर रहे मांग

Nagaland Firing: सीएम नेफ्यू रियो ने AFSPA को हटाने की मांग की, कहा-देश की छवि हो रही है धूमिल

Nagaland Firing: सेना ने कहा- हमला कर रहे थे भीड़ में शामिल लोग, सैनिकों ने आत्मरक्षा में चलाई गोली

Share this article
click me!

Latest Videos

अब क्या करेगा भारत... बांग्लादेश सरकार ने कहा- शेख हसीना को भेजिए वापस, बताई ये वजह
Hanuman Ashtami: कब है हनुमान अष्टमी? 9 छोटे-छोटे मंत्र जो दूर कर देंगे बड़ी परेशानी
क्या है महिला सम्मान योजना? फॉर्म भरवाने खुद पहुंचे केजरीवाल । Delhi Election 2025
राजस्थान में बोरवेल में गिरी 3 साल की मासूम, रेस्क्यू ऑपरेशन जारी । Kotputli Borewell News । Chetna
Delhi Election 2025 से पहले Kejriwal ने दिया BJP की साजिश का एक और सबूत #Shorts