नई दिल्ली. कोरोना महामारी के दौरान दिल्ली में 4 लाख लोगों को फ्री में खाना खिलाने का दावा करने वाली दिल्ली की केजरीवाल सरकार की एक बड़ी लापरवाही सामने आई है। दिल्ली सरकार गरीबों को खाना खिलाने का दावा तो करती है लेकिन उन्हें शायद पता ही नहीं है कि उनके शहर में गरीब कहा हैं? सोशल मीडिया पर ऐसे कई आरोप अरविंद केजरीवाल और उनकी सरकार पर एक वायरल तस्वीर की वजह से लग रहे हैं। तस्वीर दिल्ली के यमुना किनारे एक पुल के नीचे की है। जहां पर सैकड़ों मजदूर जमीन पर ही पॉलीथीन और दरी बिछाकर लेते हुए हैं। पास में गंदगी का अंबार लगा है। सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जियां उड़ रही है। लेकिन उनकी खबर लेने वाला कोई नहीं। जब दिल्ली सरकार की किरकिरी हुई तो दिल्ली सरकार ने डीटीसी बस से सभी को दूसरी जगह पर भेजा है।
यमुना नदी के किनारे पुल के नीचे गुजर करते प्रवासी मजदूर
'आप' ने फोटो लेने वाले पत्रकार का धन्यवाद किया
आम आदमी पार्टी ने अपने ट्विटर हैंडल से फोटो को पोस्ट करने वाले पत्रकार अरविंद गुनासेकर का धन्यवाद किया। पार्टी ने लिखा, आप सरकार प्रवासी श्रमिकों को दिल्ली सरकार के स्कूलों में भेज रही है, जहां उन्हें खाना और रहने के लिए जगह दी जाएगी। उनकी मेडिकल स्क्रीनिंग भी की जाएगी।
पत्रकार अरविंद ने यमुना किनारे पुल के नीचे रहने वाले प्रवासी मजदूरों की फोटो पोस्ट कर लिखा, "प्रवासी और दिहाड़ी मजदूरों की हालात। सैकड़ों कामगार यमुना किनारे एक पुल के नीचे रहने को मजबूर हैं। करीब एक हफ्ते से दयनीय हालत में गुजारा कर रहे हैं। पास के गुरुद्वारे से एक वक्त की रोटी मिल जाती है।" अरविंद ने मनीष सिसोदिया और अरविंद केजरीवाल ने भी टैग किया।
फोटो हुई वायरल, निशाने पर केजरीवाल सरकार
फोटो इतनी दयनीय थी कि जिसने भी देखा, दंग रह गया। ट्विटर पर इसे 1 हजार से ज्यादा बार री-ट्वीट और 1 हजार से ज्यादा लाइक्स मिल चुके हैं। यहां तक कि इस पोस्ट को देखकर ही दिल्ली सरकार एक्शन में आई।
आप विधायक दिलीप पांडे ने भी लिया संज्ञान
लोग मजूदरों की यह हालत देखकर इसे शर्मनाक बता रहे हैं। दिल्ली और केंद्र सरकार की आलोचना कर रहे हैं। इस ट्वीट के वायरल होने के बाद विधायक दिलीप पांडे ने इस पर संज्ञान लिया और कहा कि हम इस पर काम कर रहे हैं।