
नासिक(Nashik). महाराष्ट्र के नासिक में प्रसिद्ध त्र्यंबकेश्वर मंदिर में पिछले साल जून में शिवलिंग पर बर्फ जमने या बर्फ जैसा शिवलिंग दिखने के मामले में पुलिस ने तीन पुजारियों के खिलाफ फर्जीवाड़ा करने की FIR दर्ज की है। इन्होंने जानबूझकर आस्था के साथ खिलवाड़ किया था। यानी इसे एक धोखा(proclaimed as a hoax) बताया गया। पढ़िए पूरा मामला…
लिंग के आकार के बर्फ(linga shaped ice) का एक वीडियो पहली बार 30 जून, 2022 को सामने आया था। देखते ही देखते यह सोशल मीडिया पर वायरल हो गया था। हालांकि एक्सपर्ट के साथ-साथ अंधविश्वास विरोधी कार्यकर्ताओं(anti-superstition activists) ने इसके समय को लेकर सवाल उठाया था, क्योंकि यह गर्मी का मौसम था और बर्फ जमने के लिए अनुकूल जलवायु परिस्थितियों नहीं थीं।
एक पदाधिकारी ने कहा कि जब यह मामला सामने आया, तब अमरनाथ यात्रा चल रही थी। इस घटना की मंदिर ट्रस्ट द्वारा गठित एक समिति ने जांच की। CCTV फुटेज की जांच पर यह मामला फर्जी पाया गया। इसमें कथित रूप सेतीन पुजारी शामिल थे।
मंदिर के ट्रस्टी प्रशांत गैधानी ने कहा-"तीनों पुजारियों ने बर्फ के टुकड़े को शिवलिंग पर रखा था और इसका एक वीडियो प्रसारित किया था। उन्होंने अमरनाथ गुफा मंदिर (जम्मू और कश्मीर) की यात्रा शुरू होने के साथ-साथ यहां भी भक्तों को आकर्षित करने के लिए कथित तौर पर इस कार्य को अंजाम दिया था।"
गैधानी ने स्पष्ट किया कि पुरोहित मंदिर में अनुष्ठान और प्रार्थना करते हैं, जबकि पुजारी गर्भगृह के रखरखाव और प्रबंधन में शामिल होते हैं, जिसमें निर्माल्य('nirmalya) की सफाई भी शामिल है।
त्र्यंबकेश्वर पुलिस थाने के एक अधिकारी ने बताया कि मंदिर संपर्क अधिकारी राशवी जाधव(temple liaison official Rashvi Jadhav) की शिकायत के आधार पर 8 फरवरी को तीन पुजारियों के खिलाफ पूजा स्थल पर किए गए अपराधों, धोखाधड़ी और साजिश के लिए मामला दर्ज किया गया है। पुलिस अधिकारी ने कहा कि हालांकि मामले में कोई गिरफ्तारी नहीं हुई है और आगे की जांच जारी है।
बता दें कि गोदावरी के मुहाने पर स्थित त्र्यंबकेश्वर देश के 12 'ज्योतिर्लिंगों' में से एक है। यह अत्यधिक संरक्षित है, क्योंकि मंदिर में 'लिंग' भगवान ब्रह्मा, विष्णु और शिव का प्रतीक है।
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