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मां मर चुकी थी, ये बच्ची 5 घंटे तक गर्भनाल से जुड़ी रही, 5 घंटे बाद मलबे से निकली जिंदा, नाम रखा 'अया'
तुर्किये और सीरिया में आए सदी के सबसे शक्तिशाली भूकंप में मरने वालों की संख्या 21 हजार से ऊपर निकल गई है। 6 फरवरी को दोनों देशों में सुबह 7.8, 7.6 और 6.0 तीव्रता के लगातार तीन विनाशकारी भूकंप आए थे।
| Published : Feb 10 2023, 08:39 AM IST / Updated: Feb 10 2023, 08:42 AM IST
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वर्ल्ड न्यूज. तुर्किये और सीरिया में आए सदी के सबसे शक्तिशाली भूकंप(powerful earthquakes struck Turkey and Syria) में मरने वालों की संख्या 21 हजार से ऊपर निकल गई है। 6 फरवरी को दोनों देशों में सुबह 7.8, 7.6 और 6.0 तीव्रता के लगातार तीन विनाशकारी भूकंप आए थे। अधिकारियों के अनुसार, दोनों देशों में कम से कम 78,124 लोग घायल हुए हैं। हालांकि मीडिया रिपोर्ट में यह आंकड़ा इससे कहीं अधिक बताया जा रहा है। यूनाइटेड स्टेट्स जियोलॉजिकल सर्वे (USGS) ने कहा कि 7.8 तीव्रता का भूकंप तुर्की के गजियांटेप प्रांत में नूरदगी से 23 किलोमीटर (14.2 मील) पूर्व में 24.1 किलोमीटर (14.9 मील) की गहराई में आया था।
यह तस्वीर सीरिया की है। यहां भूकंप के बाद जर्जर इमारत के नीचे एक गर्भवती महिला ने बच्चे को जन्म दिया। लोगों ने रोने की आवाज सुनी। बच्चे की गर्भनाल मां से जुड़ी हुई थी, जिनकी मृत्यु हो चुकी है। अब यह परिवार में अकेली बची है। इसका नाम अया(Aya) मतलब चमत्कार-miracle रखा गया है। दूसरी तस्वीर उस बच्ची की है , जिसे बचाया नहीं जा सका।
अया असाधारण परिस्थितियों में सोमवार(6 फरवरी) की सुबह उत्तर-पश्चिमी सीरिया के जिंदेयर शहर में पैदा हुई थी, जब पहला भूकंप आया था। जब अया का जन्म हुआ, तब भी उसकी मां मलबे में फंसी हुई थी। कस्बे में सीरियन सिविल डिफेंस (व्हाइट हेल्मेट्स) टीमों द्वारा पांच घंटे की खोज और बचाव कार्य के बाद बच्चे को मलबे से बचाया गया। उसके शरीर के विभिन्न हिस्सों में चोट के निशान थे। सेहान अस्पताल के कर्मचारियों ने उसका नाम आया रखा और पुष्टि की कि वह स्वास्थ्य है।
सीरिया में इस्लामिक आतंकवाद के खिलाफ अमेरिका और अन्य पश्चिमी देशों द्वारा लगाए गए बैन को 12 साल बीत चुके हैं। लिहाजा इस समय राहत कार्यों में भी दिक्कत हो रही है।
सीरिया के कई प्रांतों में 7.7 तीव्रता के भूकंप के बीच भारी बारिश भी हुई। यानी एक तूफानी रात में कई लोग खुले में सोए।
भूकंप से गिरी इमारतों का मलबा उठाने सीरिया में पर्याप्त वाहन या उपकरण नहीं हैं। यहां न ही पर्याप्त फायर ब्रिगेड ट्रक या एंबुलेंस हैं। कहा जा रहा है कि अमेरिका सहायता को सीरिया तक पहुंचने की अनुमति नहीं देता है।
तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप तैयप एर्दोगन(Recep Tayyip Erdogan) ने 9 फरवरी को कहा कि तुर्की में मरने वालों की संख्या कम से कम 16,546 हो गई है, जबकि 66,132 अन्य घायल हुए हैं। हालांकि यह संख्या अब बढ़ चुकी है।
तुर्की सरकार, व्हाइट हेल्मेट्स और सीरियाई राज्य मीडिया के आंकड़ों के अनुसार, सीरिया और तुर्की में कम से कम 71,290 लोग घायल हुए हैं। इनमें से कई बहुत बुरी तरह जख्मी हैं।
सीरिया के व्हाइट हेल्मेट्स सिविल डिफेंस ग्रुप के अनुसार, उत्तर-पश्चिम में विद्रोहियों के कब्जे वाले क्षेत्रों में और सीरिया के सरकार-नियंत्रित हिस्से भूकंप से प्रभावित हैं।
इमरजेंसी पर्सनल ने 9 फरवरी को दक्षिणी तुर्की के हटे( Hatay) में एक ढह गई इमारत के मलबे से 16 वर्षीय मेल्दा एडटास को बचाया। फोटोग्राफ: बुलेंट किलिक/एएफपी/गेटी इमेज
भूकंप प्रभावित सीरिया में भोजन, कपड़े, आश्रय की तत्काल आवश्यकता है। सेव द चिल्ड्रेन का कहना है कि भूकंप से घरों और प्रमुख इमारतों के नष्ट होने के बाद उत्तर पश्चिमी सीरिया में लाखों बच्चों को भोजन, आश्रय और गर्म कपड़ों की तत्काल आवश्यकता है। यूनाइटेड किंगडम स्थित चिल्ड्रन्स चैरिटी का कहना है कि उसने क्षेत्र में आपातकालीन भोजन राशन और टेंट उपलब्ध कराना शुरू कर दिया है।
सेव द चिल्ड्रेन सीरिया के एडवोकेसी, मीडिया और कम्यूनिकेशन डायरेक्टर कैथरीन अकिलिस ने एक बयान में कहा, "परिवार के सदस्यों को खोने से लेकर घरों तक, भोजन या साफ पानी की कमी से, इस आपदा के लहरदार प्रभाव ने हर एक बच्चे को प्रभावित किया है।"
मिडिल ईस्ट टेक्निकल यूनिवर्सिटी (ODTÜ) के छात्रों ने एक इंटरनेट-बेस्ड इंटरफ़ेस विकसित किया है। इसमें यहां के कहारनमारास में केंद्रित भूकंपों के बारे में आवश्यक जानकारी है। इसकाउपयोग भूकंप पीड़ितों और सहायता प्रदान करने वाले नागरिकों दोनों द्वारा किया जा सकता है।
भूकंप पीड़ितों के लिए तुर्की के अर्मेनियाई समुदाय ने आपदा और आपातकालीन प्रबंधन प्रेसीडेंसी (एएफएडी) को 2.5 मिलियन लीरा दान किए हैं। तुर्की के यहूदी समुदाय ने बचाव प्रयासों में मदद के लिए हेटे प्रांत में एक टीम भेजी, जबकि असीरियन समुदाय ने घोषणा की कि इस्तांबुल में चर्च सहायता एकत्र कर रहे हैं।
तस्वीर- तुर्की में भूकंप पीड़ितों की मदद के लिए दुनियाभर से मदद पहुंच रही है। भारत ने ऑपरेशन दोस्त के तहत सहायता और रेस्क्यू टीम पहुंचाई है।