मोदी सरकार के लिए खुशखबरी, भारत बना दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था वाला देश

भारत दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था वाला देश बन गया है। 2.94 ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी के साथ भारत ने साल 2019 में ब्रिटेन और फ्रांस को पीछे छोड़ दिया है। अमेरिका के शोध संस्थान वर्ल्ड पॉपुलेशन रीव्यू ने अपनी रिपोर्ट में यह दावा किया है। 

Asianet News Hindi | Published : Feb 18, 2020 5:06 AM IST / Updated: Feb 18 2020, 11:02 AM IST

नई दिल्ली. आर्थिक मोर्चे पर केंद्र की मोदी सरकार को लगातार लग रहे झटकों के बीच अब एक राहतभरी खबर सामने आई है। भारत दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था वाला देश बन गया है। 2.94 ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी के साथ भारत ने साल 2019 में ब्रिटेन और फ्रांस को पीछे छोड़ दिया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अगले पांच साल के भीतर भारत को 5 ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी बनाने का लक्ष्य रखा है। 

क्या कहा गया है रिपोर्ट में? 

अमेरिका के शोध संस्थान वर्ल्ड पॉपुलेशन रीव्यू ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि आत्मनिर्भर बनने की पूर्व की नीति से भारत अब आगे बढ़ते हुए एक खुली बाजार वाली अर्थव्यवस्था के रूप में विकसित हो रहा है। 

रिपोर्ट में कहा गया है, 'जीडीपी के मामले में भारत 2.94 लाख करोड़ (ट्रिलियन) डॉलर के साथ दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था वाला देश बन गया है। इस मामले में उसने 2019 में ब्रिटेन तथा फ्रांस को पीछे छोड़ दिया।'

जापान और जर्मनी से है आगे 

ब्रिटेन की अर्थव्यवस्था का आकार 2.83 ट्रिलियन डॉलर है, जबकि फ्रांस का 2.7 ट्रिलियन डॉलर है। पीपीपी के आधार पर भारत का जीडीपी 10.51 ट्रिलियन डॉलर है और यह जापान तथा जर्मनी से आगे है। हालांकि, भारत में अधिक आबादी के कारण प्रति व्यक्ति जीडीपी महज 2170 डॉलर है। अमेरिका में प्रति व्यक्ति जीडीपी  62,794 डॉलर है। रिपोर्ट में यह भी कहा गया कि भारत की रियल जीडीपी वृद्धि दर लगातार तीसरी तिमाही में कमजोर रह सकती है और 5 फीसदी के आसपास रह सकती है। 

कांग्रेस के दौर की तारीफ

रिपोर्ट में कांग्रेस सरकार के दौर में शुरू किए गए उदारीकरण की तारीफ की गई है। रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत में आर्थिक उदारीकरण 1990 की दशक में शुरू हुआ है। उद्योगों को नियंत्रण मुक्त किया गया और विदेशी व्यापार एवं निवेश पर पर नियंत्रण कम किया।  साथ ही सरकारी कंपनियों का निजीकरण किया गया। इन उपायों से भारत को आर्थिक वृद्धि तेज करने में मदद मिली है।

जीडीपी ग्रोथ हुआ है सुस्त

जीडीपी ग्रोथ के मामले में भारतीय अर्थव्यवस्था की स्थ‍िति अच्छी नहीं है। हाल में कई रेटिंग एजेसियों ने भारत की जीडीपी ग्रोथ के अनुमान को घटा दिया है। रेटिंग एजेंसी मूडीज इनवेस्टर्स सर्विस ने वर्ष 2020 के लिए  भारत के सकल घरेलू उत्पाद (GDP) ग्रोथ अनुमान को घटा दिया है। मूडीज ने यह अनुमान 6.6 फीसदी से घटाकर 5.4 फीसदी कर दिया है. इसके साथ ही मूडीज ने 2021 में जीडीपी बढ़त के अनुमान को भी 6.7 फीसदी से घटाकर 5.8 फीसदी कर दिया है।

कोरोना के कारण जीडीपी के रफ्तार में कमी

मूडीज ने कहा कि नोवेल कोरोना वायरस (Covid-19) के प्रकोप की वजह से वैश्विक अर्थव्यवस्था में जो सुस्ती आई है, उसकी वजह से भारत के जीडीपी ग्रोथ में तेजी की रफ्तार कम हो सकती है। उसने कहा कि भारत में अब किसी भी तरह के सुधार को उम्मीद से कम ही माना जाना चाहिए। 

भारत सरकार के केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय (CSO) और वर्ल्ड बैंक ने तो वित्त वर्ष 2019-20 में सिर्फ 5 फीसदी जीडीपी ग्रोथ रखने का अनुमान जाहिर किया है। वहीं सरकार के आर्थ‍िक सर्वे में वित्त वर्ष 2020-21 में GDP ग्रोथ रेट 6-6.5 फीसदी के बीच रहने का अनुमान लगाया गया है। 

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