भारत से पंगा लेकर बड़े नुकसान की तरफ बढ़ रहा कनाड़ा, जानें क्या-क्या दांव पर?

कनाडा द्वारा भारतीय उच्चायुक्त को निष्कासित करने के बाद दोनों देशों के रिश्तों में तनाव बढ़ गया है। इससे कनाडा को छात्रों से मिलने वाले राजस्व और व्यापार के अलावा और भी कई चीजों से भारी नुकसान उठाना पड़ सकता है।

Ganesh Mishra | Published : Oct 15, 2024 9:51 AM IST / Updated: Oct 15 2024, 03:26 PM IST

India-Canada Bilateral Trade: भारत-कनाडा के बीच कड़वे रिश्तों को तब और हवा मिल गई जब कनाडा ने भारतीय उच्चायुक्त संजय वर्मा को खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के मामले में संदिग्ध बताया। इसके बाद भारत ने कड़ा एक्शन लेते हुए तत्काल प्रभाव से कनाडा के 6 राजनयिकों को निष्कासित कर दिया। बता दें कि भारत से विवाद बढ़ने के बाद कनाडा को इसकी भारी कीमत चुकानी पड़ेगी।

कनाडा को सिर्फ भारतीय स्टूडेंट्स से मिलते हैं 1.66 लाख करोड़

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रिपोर्ट्स के मुताबिक, भारत से हर साल करोड़ों की संख्या में स्टूडेंट हायर एजुकेशन के लिए कनाडा जाते हैं। देश के अलग-अलग राज्यों से करीब 1.66 लाख करोड़ रुपए हर साल कनाडा की इकोनॉमी में जाते हैं। इनमें सिर्फ पंजाब से ही कनाडा की अर्थव्यवस्था को करीब 68 हजार करोड़ रुपए मिलते हैं।

तो कनाडा को होगा 70 करोड़ डॉलर का नुकसान

भारत-कनाडा के बीच बिगड़ते हुए रिश्तों को देखकर यही लगता है कि इससे आने वाले समय में कनाडा जाने वाले स्टूडेंट की संख्या में भारी कमी आ सकती है। इमेज इंडिया इंस्टिट्यूट की एक स्टडी की मानें तो अगर भारत से कनाडा जाने वाले छात्रों की संख्या 5% भी घटती है तो इससे कनाडा को करीब 70 करोड़ डॉलर का भारी-भरकम नुकसान होगा।

हर साल 2 लाख भारतीय स्टूडेंट जाते हैं Canada

एक रिपोर्ट के मुताबिक, हर साल करीब 2 लाख भारतीय छात्र पढ़ाई के लिए कनाडा जाते हैं। 2022 में 2.25 लाख स्टूडेंट को कनाडा का वीजा दिया गया था। इमेज इंडिया इंस्टिट्यूट की रिपोर्ट के मुताबिक, कनाडा में हर एक भारतीय स्टूडेंट 2 साल में कनाडा की इकोनॉमी में 69000 डॉलर यानी 57 लाख रुपए योगदान देता है। ऐसे में अगर स्टूडेंट की संख्या घटती है तो कनाडा को लाखों करोड़ डॉलर का नुकसान होगा।

भारत-कनाडा के बीच 70,000 करोड़ का व्यापार

भारत और कनाडा के बिगड़ते रिश्तों का असर दोनों देशों के व्यापार पर भी पड़ सकता है। दोनों देशों के बीच करीब 70,000 करोड़ रुपये का कारोबार होता है। 2022-23 में दोनों देशों के बीच कुल व्यापार 8.3 अरब डॉलर था, जो 2023-24 में मामूली बढ़कर 8.4 अरब डॉलर (करीब 70,611 करोड़ रुपये) तक पहुंच गया।

कैनेडियन पेंशन फंड का भारत में 6 लाख करोड़ का निवेश

रिपोर्ट्स के मुताबिक, कैनेडियन पेंशन फंड ने भारत में करीब 6 लाख करोड़ रुपये का निवेश किया है। Asia Pacific डॉट सीए की रिपोर्ट के मुताबिक, 2013 से 2023 तक, कनाडाई पेंशन फंड ने भारत में निवेश की गई रकम का बड़ा हिस्सा रियल एस्टेट, फाइनेंशियल सर्विसेज और इंडस्ट्रियल ट्रांसपोर्टेशन में लगाया है। इसके अलावा कुछ निवेशक इन्फ्रास्ट्रक्चर और रिन्यूएबल एनर्जी सेक्टर में भी है।

कनाडा की 600 कंपनियां भारत में कर रहीं कारोबार

CII की रिपोर्ट के मुताबिक, भारत की 30 से ज्यादा कंपनियां कनाडा में व्यापार कर रही हैं। इन कंपनियों ने वहां 17000 लोगों को जॉब्स दी हैं। वहीं, भारत में कनाडा की 600 कंपनियां अपना कारोबार कर रही हैं। दोनों देशों के बीच जिन चीजों का आयात-निर्यात होता है, उसमें कई बड़े सामान हैं। भारत महंगे रत्न, फार्मास्युटिकल प्रोडक्ट्स, रेडीमेड कपड़े, ऑर्गेनिक केमिकल्स, हल्के इंजीनियरिंग इक्विपमेंट्स, आयरन, स्टील और मैकेनिकल अप्लायंसेस भेजता है। वहीं कनाडा से एस्बेस्टस, कॉपर, मिनरल्स, पोटाश, आयरन स्क्रैप और इंडस्ट्रियल केमिकल मंगाता है।

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