कानून मंत्री किरण रिजिजू (Kiren Rijiju, MINISTER OF LAW AND JUSTICE) ने वास्तविक नियंत्रण रेखा(LAC) पर चीन से तनाव के बीच कांग्रेस सरकार में रक्षामंत्री रहे एके एंटनी(AK Antony) का 6 सितंबर, 2013 में लोकसभा में दिए भाषण का वीडियो फिर से tweet करके कांग्रेस पर सवाल खड़े किए हैं।
नई दिल्ली. वास्तविक नियंत्रण रेखा(LAC) पर चीन के साथ बढ़ते तनाव के बीच विपक्ष लगातार केंद्र सरकार को घेरने की कोशिश कर रही है। इस मामले में कानून मंत्री किरण रिजिजू (Kiren Rijiju, MINISTER OF LAW AND JUSTICE) ने कांग्रेस सरकार को आड़े हाथ लिया है। रिजिजू ने कांग्रेस सरकार में रक्षामंत्री रहे एके एंटनी(AK Antony) का 6 सितंबर, 2013 में लोकसभा में दिए भाषण का वीडियो फिर से tweet करके कांग्रेस पर सवाल खड़े किए हैं। रिजिजू पहले भी एंटनी के भाषण की निंदा करते रहे हैं। अक्टूबर में जब राहुल गांधी ने भारतीय सीमा में चीन की घुसपैठ के लिए केंद्र सरकार पर सवाल उठाए थे, तब भी रिजिजू ने एंटनी के बयान का जिक्र करते हुए कहा था कि राहुल गांधी को उनका बयान सुनना चाहिए।
ये लोग भारतीय सेना पर विश्वास नहीं करते
किरण रिजिजू ने tweet करके लिखा किऔर ये लोग जानबूझकर भारतीय सेना पर विश्वास नहीं करते हैं। लेकिन देश को हतोत्साहित करने के दुर्भावनापूर्ण मकसद से हमारी सरकार की विश्वसनीयता और हमारी सेना की ताकत पर सवाल उठाने के लिए एक भ्रामक शीर्षक(misleading headline) बनाने के लिए एक विदेशी कहानी का हवाला दिया।
एंटनी ने भाषण में ये कहा था
किरण रिजिजू ने एंटनी की जो भाषण क्लिक फिर से tweet की है, उसमें एंटनी 6 सितंबर, 2013 को कहते सुने जा सकते हैं कि कई वर्षों तक स्वतंत्र भारत की नीति रही कि सीमा को विकसित नहीं करना ही सर्वश्रेष्ठ बचाव है। यानी विकसित सीमाओं के मुकाबले अविकसित सीमाएं ज्यादा सुरक्षित होती हैं। बता दें कि चीन की बढ़ती हरकतों के बीच मोदी सरकार में बॉर्डर पर काफी डेवलपमेंट हुआ है।
राहुल ने ये किया था tweet
दरअसल, राहुल गांधी ने अक्टूबर में एक अखबार की कटिंग शेयर करते हुए लिखा था-'Mr 56” लाल आंख क्यों नहीं दिखा देते?' इस पर किरण रिजिजू ने एंटनी का यही वीडियो शेयर करते हुए पलटवार किया था-प्रिय कांग्रेसी, चीन सीमा मुद्दे पर एक भी शब्द बोलने से पहले कृपया कांग्रेस सरकार के रक्षा मंत्री की बात सुनें। संवेदनशील राष्ट्रीय सुरक्षा मामले पर सोचें, समझें और बेहद सावधान रहें। बता दें कि जून, 2020 में लद्दाख की गलवान घाटी में चीन और भारतीय सेना के बीच हुई हिंसक झड़प के बाद से दोनों देशों के बीच रिश्ते तनावपूर्ण बने हुए हैं।
दोनों देशों बार्डर पर सैन्य गतिविधियां बढ़ा रहे हैं
बता दें कि लद्दाख में तनाव कम करने के लिए करीब महीनेभर पहले हुई सैन्य वार्ता के बेनतीजा रहने के बाद दोनों देश सीमा पर सैन्य गतिविधियां बढ़ा रहे हैं। दोनों देश इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलप कर रहे हैं। चौकसी के साथ युद्धाभ्यास भी चल रहा है। दोनों देश पिछले 18 महीने से सीमा विवाद सुलझाने की दिशा में कोई सार्थक पहल नहीं कर पाए हैं। चीन की पीपल्स लिबरेशन आर्मी (PLA) की सीमा पर बढ़ती हरकतों के बाद भारत ने भी आकस्मिक युद्ध की पूरी तैयारी कर रखी है। एक साल में सिर्फ 2 बार चीन और भारत सीमा से पीछे हटे हैं। लेकिन इस समय लद्दाख में दोनों देशों के 50-50 हजार हवान आधुनिक हथियारों के साथ लैस होकर बॉर्डर पर डटे हुए हैं।
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