सार

अग्नि V अपने सीमा क्षेत्र से चीन तक लक्ष्य को भेदने में सक्षम होगा। चीन के अलावा अग्नि V, अन्य एशियाई देशों और यूरोप और अफ्रीका के कुछ हिस्सों तक पहुंच सकता है। 

नई दिल्ली। भारत ने बुधवार को सतह से सतह पर मार करने वाली बैलिस्टिक मिसाइल अग्नि V (Agni V)का सफल परीक्षण किया। 3-चरण सॉलिड ईंधन (3 stage solid engine) वाले इंजन प्रणाली का उपयोग करते हुए, मिसाइल बहुत उच्च सटीकता के साथ 5,000 किलोमीटर तक के लक्ष्य को भेदने की क्षमता रखती है।

ओडिशा (Odisha) के एपीजे अब्दुल कलाम द्वीप (APJ Abdul Kalam island) से मिसाइल का सफल परीक्षण किया गया। रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन द्वारा डिजाइन और विकसित, अग्नि V मिसाइल एक कनस्तर-लॉन्च प्रणाली है जिसे ट्रक द्वारा ले जाया जाता है।

अग्नि V अपने सीमा क्षेत्र से चीन तक लक्ष्य को भेदने में सक्षम होगा। चीन के अलावा अग्नि V, अन्य एशियाई देशों और यूरोप और अफ्रीका के कुछ हिस्सों तक पहुंच सकता है। यह 1.5 टन का पेलोड ले जा सकता है और इसका वजन लगभग 50 टन है।

अंतरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइल क्षमता वाला आठवां देश 

भारत संयुक्त राज्य अमेरिका, यूनाइटेड किंगडम, रूस, चीन, फ्रांस, इज़राइल और उत्तर कोरिया के बाद अंतरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइल क्षमता वाला आठवां देश है। इससे पहले, भारत ने अग्नि III को शामिल किया है जिसकी रेंज 3,000-5000 किमी है।

अग्नि- III को 2011 में भारतीय सशस्त्र बलों में शामिल किया गया था। दो चरण के सॉलिड प्रोपलेंट द्वारा संचालित, मिसाइल पारंपरिक और परमाणु दोनों तरह के हथियार ले जा सकती है, जिनका वजन 1.5 टन तक होता है। अग्नि III मिसाइल प्रणाली 17 मीटर लंबी है और इसका व्यास दो मीटर है, इसका वजन लगभग 50 टन है। पाकिस्तान और चीन के सभी प्रमुख शहर इसकी सीमा में आते हैं।

अग्नि 5 की खास बातें 

  • अग्नि 5 तीन चरणों में मार करने वाली मिसाइल है। 
  • ये 17 मीटर लंबी, दो मीटर चौड़ी है।
  • 1.5 टन तक के परमाणु हथियार ले जाने में सक्षम है। 
  • इस series की अन्य मिसाइलों के उलट Agni 5 विस्फोटक ले जाने वाले शीर्ष हिस्से और इंजन के लिहाज से सबसे उन्नत है।

यह भी पढ़ें:

कश्मीर को लेकर सऊदी अरब को दिखाया था आंख, अब जाकर गिड़गिड़ाया तो 3 अरब डॉलर की मदद का किया ऐलान

Covaxin को फिर नहीं मिला WHO से अप्रूवल, 3 नवम्बर को अब होगा निर्णय

टी-20 विश्व कप में पाकिस्तान की जीत का जश्न मनाने पर जम्मू-कश्मीर के दो मेडिकल स्टूडेंट्स पर यूएपीए केस