पूर्वी लद्दाख सहित टकराव वाली जगहों से पीछे हटने पर राजी चीन, आर्मी चीफ ने लेह का जाना हाल

भारत-चीन में हुई हिंसक झड़प का मामला तेजी से गर्मा रहा था। ऐसे में बॉर्डर पर शांति कायम करने के लिए ऑफिसर्स ने कई बैठके कीं और टकराव वाली जगहों से सेना पीछे हटेंगी। ऐसे में थल सेना प्रमुख जनरल मनोज मुकुंद नरवणे मंगलवा को लेह का दौरान करने पहुंच चुके हैं।

Asianet News Hindi | Published : Jun 23, 2020 8:08 AM IST / Updated: Jun 23 2020, 04:35 PM IST

नई दिल्ली. भारत-चीन में हुई हिंसक झड़प का मामला तेजी से गर्मा रहा था। ऐसे में बॉर्डर पर शांति कायम करने के लिए ऑफिसर्स ने कई बैठके कीं और टकराव वाली जगहों से सेना पीछे हटेंगी। ऐसे में थल सेना प्रमुख जनरल मनोज मुकुंद नरवणे मंगलवा को लेह का दौरान करने पहुंच चुके हैं। एक दिन पहले ही भारत और चीन के बीच मॉल्डो में लेफ्टिनेंट जनरल लेवल की दूसरी मीटिंग हुई है। जनरल नरवणे यहां जमीनी स्तर पर सीमा सुरक्षा का जायजा लेंगे। साथ ही सेना की 14 कॉर्प्स के अफसरों के साथ हुई मीटिंग की प्रगति को लेकर चर्चा करेंगे।

दिल्ली में सेना के कमांडरों के साथ की थी बैठक

इससे पहले उन्होंने सोमवार को दिल्ली में सेना के कमांडरों के साथ बैठक में लद्दाख, अरुणाचल प्रदेश, उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश में सीमा विवाद की पूरी जानकारी ली। सेना की कमांडर कॉन्फ्रेंस मंगलवार को भी जारी रहेगी।

India Alert On Move Of China Indian Army Increases Troop ...

भारत-चीन के बीच चली थी 11 घंटे तक बैठक

15 जून की रात गलवान में हिंसक झड़प के बाद सोमवार को भारत और चीन के बीच मॉल्डो में लेफ्टिनेंट जनरल लेवल की दूसरी मीटिंग 11 घंटे तक चली। भारत की ओर से मीटिंग में 14वीं कोर के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल हरिंदर सिंह ने हिस्सा लिया। मीडिया रिपोर्ट्स में सूत्रों के हवाले से कहा जा रहा है कि भारत ने इस बैठक में पूर्वी लद्दाख के पैंगोंग त्सो इलाके से चीनी सैनिकों को हटाने की मांग की। भारतीय अफसरों ने गलवान में हुई हिंसक झड़प पर नाराजगी जाहिर की। झड़प को चीन की सोची-समझी साजिश और क्रूर बताया। भारत की मांग है कि चीन लद्दाख में अपने सैनिकों की पोजिशन अप्रैल की यथास्थिति पर लाए।

मारा गया चीन का कमांडिंग ऑफिसर 

चीन की सेना ने पहली बार माना है कि 15 जून को गलवान में हुई झड़प में उसके कमांडिंग ऑफिसर समेत 2 सैनिक मारे गए। हालांकि, रिपोर्ट्स में पहले चीन के 40 से ज्यादा जवानों की मौत का दावा किया जा चुका है। मीडिया में खबरें आई थीं कि गलवान में चीनी सैनिकों ने भारतीय जवानों पर कंटीले तारों से हमला किया था, जिसमें 20 जवान शहीद हो गए थे।

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