भारत की आयुर्वेदिक दवाओं पर बढ़ रहा दुनिया का भरोसा, 1240.6 मिलियन डॉलर के प्रोडक्ट्स का हुआ निर्यात

भारत से आयुर्वेदिक दवाओं का निर्यात तेजी से बढ़ रहा है। दो साल में 1,240.6 मिलियन डॉलर (करीब 10,273 करोड़ रुपए) रुपए के आयुष और हर्बल प्रोडक्ट्स का निर्यात किया गया है।

नई दिल्ली। दुनियाभर में भारत की आयुर्वेदिक दवाओं (Ayurvedic Medicines) पर भरोसा बढ़ रहा है। इसका सीधा लाभ भारत की अर्थव्यवस्था को मिल रहा है। भारत ने दो साल में 1,240.6 मिलियन डॉलर (करीब 10,273 करोड़ रुपए) रुपए के आयुष और हर्बल प्रोडक्ट्स का निर्यात किया है। केंद्र सरकार ने मंगलवार को यह जानकारी राज्यसभा में दी।

केंद्रीय आयुष मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने राज्यसभा में पूछे गए गए सवाल के लिखित जवाब में बताया कि वित्त वर्ष 2021-22 से 2022-23 तक कुल 1,240.6 मिलियन डॉलर के आयुष और हर्बल उत्पादों को निर्यात किया गया है। वित्त वर्ष 2021-22 में कुल 612.1 मिलियन डॉलर के आयुष और हर्बल उत्पाद निर्यात किए गए। 2022-2023 में 628.25 मिलियन डॉलर के आयुष और हर्बल उत्पाद निर्यात किए गए हैं।

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बढ़ा है आयुष और हर्बल प्रोडक्ट्स का निर्यात

इंडिया एक्जिम बैंक द्वारा दिए गए डाटा का जिक्र करते हुए मंत्री ने कहा कि निर्यात किए गए आयुष और हर्बल उत्पाद विभिन्न रूपों (जैसे टैबलेट, पाउडर, जेल, घी, पेस्ट, गोलियां, आईड्रॉप्स, नाक में रखन वाली दवा और बॉडी लोशन) में थे। मंत्री ने राज्यसभा को बताया कि पिछले कुछ वर्षों में भारत से आयुष और हर्बल प्रोडक्ट्स का निर्यात बढ़ा है।

आयुर्वेदिक दवाओं के निर्यात को बढ़ावा दे रही सरकार

सांसद कार्तिकेय शर्मा ने सवाल किया था कि सरकार भविष्य में आयुर्वेदिक दवाओं के निर्यात को बढ़ावा देने के लिए किन योजनाओं को लागू कर रही है? इसके जवाब में सोनोवाल ने कहा, "सरकार द्वारा आयुष और हर्बल प्रोडक्ट्स के निर्यात को बढ़ावा देने के लिए कई योजनाओं को लागू किया गया है।"

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सोनोवाल ने कहा, “मंत्रालय ने आयुष में अंतरराष्ट्रीय सहयोग को बढ़ावा देने के लिए एक केंद्रीय क्षेत्र योजना विकसित की है। इसके तहत आयुष मंत्रालय अंतरराष्ट्रीय प्रदर्शनियों में भाग लेकर आयुष के अंतरराष्ट्रीय प्रसार के लिए दवा निर्माताओं, उद्यमियों, आयुष संस्थानों और अस्पतालों को प्रोत्साहित करेगा। विभिन्न देशों के नियामक निकायों में आयुष उत्पादों का रजिस्ट्रेशन कराने में सहयोग किया जा रहा है। इसके साथ ही व्यापार मेले और रोड शो जैसे आयोजनों में हिस्सा लेने को भी बढ़ावा दिया जा रहा है। आयुष मंत्रालय ने विभिन्न देशों के साथ 24 देश-दर-देश एमओयू, 46 संस्थान स्तर के एमओयू, 15 चेयर एमओयू पर साइन किए हैं। आयुष और हर्बल उत्पादों के निर्यात को बढ़ाने के लिए 35 विदेशी देशों में 39 आयुष सूचना कक्ष स्थापित किए हैं।”

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