सार
नेशनल डेंटल कमिशन बिल 2023 को लोकसभा के बाद राज्यसभा से भी पास कर दिया गया है। इससे दांत के इलाज और इससे जुड़ी शिक्षा में बड़े बदलाव आएंगे।
नई दिल्ली। संसद ने मंगलवार को नेशनल डेंटल कमिशन बिल 2023 (National Dental Commission Bill, 2023) को पास कर दिया। मंगलवार को राज्यसभा ने इस बिल को पास किया। 28 जुलाई को इसे लोकसभा से पास किया गया था।
केंद्र सरकार द्वारा दांत के इलाज और इससे जुड़ी शिक्षा में बड़े बदलाव लाने के लिए इस बिल को पेश किया गया था। इससे मेडिकल सेक्टर में बड़े बदलाव आने वाले हैं। इससे स्वास्थ्य सेवा की गुणवत्ता बढ़ेगी और डेंटल एजुकेशन को वैश्विक मानकों के अनुरूप बनाया जाएगा।
नेशनल डेंटल कमिशन की होगी स्थापना
नेशनल डेंटल कमिशन एक्ट 2023 द्वारा नेशनल डेंटल कमिशन की स्थापना की जाएगी। यह मौजूदा डेंटल काउंसिल ऑफ इंडिया की जगह लेगा। इसके साथ ही दंत चिकित्सक विधेयक 1948 को निरस्त कर देगा। नेशनल डेंटल कमिशन को डेंटल एजुकेशन में संपूर्ण बदलाव के लिए बनाया जाएगा ताकि वे इंटरनेशनल बेंचमार्च के अनुसार हो सकें।
नेशनल डेंटल बिल नेशनल डेंटल कमिशन और स्टेट डेंटल काउंसिल्स की स्थापना के अलावा तीन स्वायत्त बोर्डों (अंडरग्रेजुएट और पोस्टग्रेजुएट डेंटल एजुकेशन बोर्ड, डेंटल असेसमेंट एंड रेटिंग बोर्ड (डीएआरबी) और एथिक्स एंड डेंटल रजिस्ट्रेशन बोर्ड (ईडीआरबी) की स्थापना भी करेगा। ये बोर्ड डेंटल सेक्टर को रेगुलेट करने में रोल निभाएंगे।
दांत के डॉक्टरों का बनेगा ऑनलाइन लाइव रजिस्टर
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा है कि नेशनल डेंटल कमिशन बिल से देश के सभी लाइसेंस प्राप्त दांत के डॉक्टरों का ऑनलाइन और लाइव नेशनल रजिस्टर तैयार होगा। बिल का उद्देश्य दांत के इलाज के मामले में देश में उच्चतम मानकों को सुनिश्चित करना है। इस बिल की मदद से दांत के इलाज से जुड़े रिसर्च को बढ़ावा दिया जाएगा। इसके लिए इंडस्ट्री और शिक्षा संस्थानों के बीच साझेदारी को प्रोत्साहित किया जाएगा। इसके साथ ही डेंटल एजुकेशन में अत्याधुनिक टेक्नोलॉजी का भी इस्तेमाल किया जाएगा।
यह भी पढ़ें- अविश्वास प्रस्ताव के पहले दिन पक्ष-विपक्ष की तरकस से खूब निकले बयानों के तीर, कई सांसद तो निजी हमले से बाज नहीं आए
नेशनल मेडिकल कमिशन के पास निजी डेंटल कॉलेजों और डीम्ड विश्वविद्यालयों में 50 प्रतिशत सीटों के लिए शुल्क निर्धारण के लिए दिशानिर्देश तैयार करने का अधिकार होगा। प्रस्तावित कानून के लागू होने के एक साल के भीतर सभी राज्य सरकारें, राज्य या संयुक्त दंत चिकित्सा परिषद की स्थापना करेंगी।