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अविश्वास प्रस्ताव के पहले दिन पक्ष-विपक्ष की तरकस से खूब निकले बयानों के तीर, कई सांसद तो निजी हमले से बाज नहीं आए
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बहस की शुरुआत करने वाले कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने कहा कि मणिपुर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मौन प्रतिज्ञा को तोड़ने के लिए यह अविश्वास प्रस्ताव लाया गया है। विपक्षी गुट इंडिया को सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने के लिए मजबूर किया गया है। उन्होंने आरोप लगाया कि एक सरकार जो एक भारत की बात करती है उसने दो मणिपुर बनाए हैं - एक पहाड़ों में रहता है और दूसरा घाटी में रहता है।
गोगोई ने कहा कि पीएम मोदी के चुप रहने के तीन कारण हैं। पहला-राज्य सरकार की विफलता, दूसरा-गृह विभाग और राष्ट्रीय सुरक्षा व्यवस्था की विफलता, तीसरा- वह यह स्वीकार नहीं करना चाहते कि उन्होंने गलती की है। गोगोई ने कहा कि मणिपुर न्याय की मांग करता है। अगर मणिपुर जल रहा है तो पूरा भारत जल रहा है।
गौरव गोगोई सरकार के इस तर्क को भी खारिज कर दिया कि हिंसा की पिछली घटनाओं के बाद किसी भी प्रधान मंत्री ने बात नहीं की है। गोगोई ने कहा कि भाजपा के प्रतिष्ठित नेता और पूर्व प्रधान मंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने 2002 के सांप्रदायिक दंगों के दौरान गुजरात का दौरा किया था।
संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने सवाल उठाया कि मुख्य वक्ता के तौर पर राहुल गांधी का नाम अंतिम समय में वापस क्यों ले लिया गया। कांग्रेस सूत्रों ने पहले कहा था कि संसद में हाल ही में बहाल हुए राहुल गांधी बहस की शुरुआत करेंगे। बताया जा रहा कि राहुल गांधी 10 अगस्त को बोलेंगे - जिस दिन पीएम मोदी के भी लोकसभा को संबोधित करने की उम्मीद है।
बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने कहा कि पीएम मोदी ने मंगलवार सुबह बीजेपी संसदीय बैठक में कहा कि यह सरकार में अविश्वास व्यक्त करने के लिए वोट नहीं है बल्कि यह देखने के लिए है कि विपक्ष में कौन किस पर भरोसा कर सकता है। पूर्व कांग्रेस प्रमुख सोनिया गांधी पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि अब उनके पास केवल दो काम हैं - बेटे को 'सेट' करना और दामाद को उपहार देना।
केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा कि विपक्ष को अविश्वास प्रस्ताव लाने पर पछतावा होगा क्योंकि यह दुनिया में भारत के वर्तमान कद को देखते हुए गलत समय और गलत तरीके पर आया है। उन्होंने यह भी सवाल किया कि कांग्रेस आज मणिपुर को कैसे बदनाम कर रही है क्योंकि यूपीए सरकार के दिनों में हमने (तत्कालीन प्रधान मंत्री) मनमोहन सिंह से पूर्वोत्तर पर थोड़ा ध्यान देने के लिए बार-बार विनती की थी।
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी की सुप्रिया सुले ने भाजपा की आलोचना करते हुए सवाल किया कि वह कैसे अलग पार्टी है। सुले ने कहा कि नौ वर्षों में बीजेपी ने नौ राज्य सरकारों को गिरा दिया है। आप आय दोगुनी करने की बात करते हैं, किसकी आय दोगुनी हो गई है? वे वंदे भारत की बात करते हैं लेकिन यह गरीबों के लिए नहीं है। महंगाई है, बेरोजगारी है, कुपोषण है... यह सरकार है किसान विरोधी है, यही कारण है कि हमें इस सरकार पर कोई भरोसा नहीं है।
किरेन रिजिजू के अलावा चार मंत्री अविश्वास प्रस्ताव के बहस के खिलाफ बोलेंगे। रिजिजू के अलावा अमित शाह, निर्मला सीतारमण, स्मृति ईरानी और ज्योतिरादित्य सिंधिया बहस में बोलेंगे। बहस में दस अन्य बीजेपी सांसद भी हिस्सा ले रहे हैं।
सरकार ने तर्क दिया है कि 1993 और 1997 में मणिपुर में बड़ी हिंसा होने के बाद एक मामले में संसद में कोई बयान नहीं दिया गया और दूसरे मामले में कनिष्ठ गृह मंत्री ने बयान दिया था। जबकि विपक्ष का तर्क है कि मई में जातीय हिंसा भड़कने के बाद से 170 से अधिक लोगों की मौत, घायल होने और हजारों लोगों के विस्थापन को देखते हुए। संसद में सबसे जरूरी है कि इस पर पीएम अपना बयान दें।
अविश्वास प्रस्ताव पर पहले दिन की बहस के बाद लोकसभा को बुधवार 11 बजे तक स्थगित किया गया है। बुधवार को दूसरे दिन की बहस होनी है। गुरुवार को अंतिम दिन पीएम नरेंद्र मोदी अविश्वास प्रस्ताव के खिलाफ बोलेंगे। इसी दिन राहुल गांधी भी अविश्वास प्रस्ताव पर बहस कर सकते हैं। मणिपुर हिंसा को लेकर विपक्ष ने पीएम मोदी का सदन में बयान के लिए अविश्वास प्रस्ताव लाया है। 11 अगस्त को राज्यसभा में मणिपुर हिंसा पर चर्चा होनी है।
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