भारत और फ्रांस के बीच ऐतिहासिक समझौता, सीमा पार आतंकवाद पर दोनों नेताओं ने क्या कहा?

Published : Jan 27, 2024, 11:25 AM IST
Narendra Modi and French President Emmanuel Macron

सार

भारत और फ्रांस के बीच रक्षा औद्योगिक साझेदारी के लिए रोडमैप तैयार किया गया है। फ्रांसिसी राष्ट्रपति एमानुएल मैक्रों और भारतीय प्रधानमंत्री के बीच की दोस्ती अब दोनों देशों के लिए फायदेमंद साबित होगी। 

India France Defense Deal. भारत के 75वें गणतंत्र दिवस के अवसर पर मुख्य अतिथि बनकर आए फ्रांस के राष्ट्रपति भारत दौरे को सफल बता रहे हैं। साथ ही वे भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को धन्यवाद भी दे रहे हैं, जिन्होंने उनका जयपुर और दिल्ली में गर्मजोशी से स्वागत किया। फ्रांसिसी राष्ट्रपति गणतंत्र दिवस परेड के दौरान भी भारतीय आतिथ्य सत्कार से अभिभूत दिखे। यही वजह है कि अपने आधिकारिक सोशल माीडिया पर मैक्रों ने भारत को धन्यवाद देते हुए पोस्ट शेयर की है।

भारत-फ्रांस के बीच रक्षा उद्योग समझौता

भारत सरकार के विज्ञान और प्रोद्योगिकी विभाग ने फ्रांस के इंस्टीट्यूट नेशनल डी रिचर्चे पौर एल के साथ एक फ्रेमवर्क को लेकर समझौता किया है। दोनों देशों ने इस समझौता पत्र पर साइन किए हैं। इसके अलावा भारत के स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय और फ्रांस के श्रम स्वास्थ्य एकजुटता मंत्रालय के बीच भी चिकित्सा सेवा क्षेत्र में समझौता किया गया है। इस पर एमानुएल मैक्रों ने कहा कि हमें भारत के साथ खेल संबंधों को मजबूत बनाने में भी खुशी होगी। उन्होंने यह भी कहा कि वे भारत द्वारा ओलंपिक की मेजबानी करने के संकल्प का समर्थन करते हैं।

आतंकवाद पर दोनों देशों की एक राय

पीएम मोदी और फ्रांस के राष्ट्रपति मैक्रों ने इस बात पर भी खुशी जताई है कि दोनों देशों के बीच आतंकवाद को लेकर एक राय है। दोनों देश खुफिया सहयोग कर रहे हैं। दोनों नेताओं ने सीमा पार आतंकवाद की निंदा की है और आतंकवादियों के खिलाफ ठोस कार्रवाई का भी समर्थन किया है। दोनों नेताओं ने 7 अक्टूबर को इजराइल पर हमास के हमले की भी निंदा की है।

गणतंत्र दिवस परेड के मुख्य अतिथि बने

इससे पहले मैक्रों ने दिल्ली के कर्तव्यपथ पर आयोजित परेड में हिस्सा लिया। भारत की तीनों सेनाओं ने मार्च पास्ट किया। इस बार की खासियत यह रही है कि तीनों सेनाओं का नेतृत्व महिला अधिकारियों ने किया। इसके अलावा महिला डेयर डेविल्स ने मोटर साइकिल पर शानदार प्रदर्शन कर मन मोह लिया। देश के अलग-अलग राज्यों की 1500 कलाकारों ने लोक नृत्य पेश किया। पारंपरिक वेशभूषा में महिलाएं जब नृत्य कर रही थीं, तब मानों पूरा भारत ही दिल्ली के कर्तव्य पथ पर दिखाई दे रहा था।

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