भारत के पास है चौथी औद्योगिक क्रांति का नेतृत्व करने की क्षमता, ग्लोबल मैन्युफैक्चरिंग हब बन रहा देश

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने कहा कि भारत के पास चौथी औद्योगिक क्रांति का नेतृत्व करने की क्षमता है। देश ग्लोबल मैन्युफैक्चरिंग हब बन रहा है। सरकार इस दिशा में लगातार काम कर रही है।

Vivek Kumar | Published : Oct 7, 2022 9:15 AM IST / Updated: Oct 07 2022, 02:51 PM IST

केवडिया (गुजरात)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने शुक्रवार को कहा कि भारत के पास चौथी औद्योगिक क्रांति का नेतृत्व करने की क्षमता है। सरकार ने देश को दुनिया का मैन्युफैक्चरिंग हब बनाने के लिए बहुत से सुधार किए हैं। चौथी औद्योगिक क्रांति नई तकनीक और नए सोच पर आधारित है। 

नरेंद्र मोदी ने कहा कि कई वजहों से भारत पहले की तीन औद्योगिक क्रांतियों का हिस्सा बनने से चूक गया, लेकिन अब पहले वाली स्थिति नहीं है। आज भारत के पास चौथी औद्योगिक क्रांति का नेतृत्व करने की क्षमता है। हाल के इतिहास में पहली बार जनसांख्यिकी, मांग और निर्णायक शासन जैसे कई कारक हमारे पक्ष में हैं। पीएम ने ये बातें अपने संदेश के माध्यम से कहीं। भारी उद्योग मंत्रालय के संयुक्त सचिव ने उद्योग 4.0 पर सम्मेलन में प्रधानमंत्री का संदेश पढ़ा।

ग्लोबल मैन्युफैक्चरिंग हब बन रहा भारत
मोदी ने कहा कि उद्योग और उद्यमी भारत को ग्लोबल वैल्यू चैन में महत्वपूर्ण कड़ी बनाने में भूमिका निभाते हैं। हमारी सरकार ने भारत को दुनिया का मैन्युफैक्चरिंग हब बनाने के लिए सुधारों और प्रोत्साहनों पर काम किया है। आज मैन्युफैक्चरिंग के क्षेत्र में टेक्नोलॉजी का बड़े पैमाने पर इस्तेमाल हो रहा है। देश ग्लोबल मैन्युफैक्चरिंग हब बन रहा है।

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वहीं, भारी उद्योग मंत्री महेंद्र नाथ पांडे ने कहा कि सरकार औद्योगिक क्रांति 4.0 के माध्यम से मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा देने के लिए कई कदम उठा रही है। भारत ग्लोबल मैन्युफैक्चरिंग हब बनने की ओर बढ़ रहा है। 3डी प्रिंटिंग, मशीन लर्निंग, डेटा एनालिटिक्स और आईओटी औद्योगिक विकास को बढ़ावा देने के लिए महत्वपूर्ण हैं। 

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महेंद्र नाथ पांडे ने कहा कि कार से लेकर बाइक तक आज इलेक्ट्रिक गाड़ियों की मांग बढ़ी है, लेकिन भारत को बैटरी आयात करना पड़ता है। इससे गाड़ियों की कीमत बढ़ जाती है। सरकार ने एडवांस्ड केमिस्ट्री सेल (एसीसी) बैटरी भंडारण के लिए उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन योजना शुरू की है। इससे देश में बैटरी का निर्माण होगा। इससे आयात में कटौती होगी और आने वाले समय में निर्यात भी हो सकेगा।

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