रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने पाकिस्तान को चेतावनी देते हुए कहा कि अब आतंकवाद का खेल नहीं चलेगा। उन्होंने कहा कि पीओके के लोग भारत में मिलने की मांग कर रहे हैं। चीन को लेकर रक्षा मंत्री ने कहा कि सीमाओं की पवित्रता भंग नहीं होने देंगे।
जम्मू। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Defense Minister Rajnath Singh) ने सोमवार को जम्मू में आयोजित सुरक्षा सम्मेलन को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने चीन और पाकिस्तान को सीधी चेतावनी दी। रक्षा मंत्री ने कहा कि नरेंद्र मोदी की अमेरिका यात्रा के दौरान जारी संयुक्त बयान से पाकिस्तान के हुक्मरानों को मिर्ची लगी है।
रक्षा मंत्री ने कहा कि POK (पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर) के लोग ही पीओके को भारत में मिलाने की मांग कर रहे हैं। राजनाथ ने कहा, "हमें ज्यादा कुछ करने की जरूरत नहीं होगी। पीओके के लोगों पर जुल्म ढाया जा रहा है। वहीं, से मांग उठेगी कि हमें खुद को भारत में मिलाना है। ऐसे वीडियो भी आ रहे हैं जिसमें वहां के लोग नारे लगा रहे हैं कि हमें भारत में मिलना है।"
भारत ने लम्बे समय तक आतंकवाद का दंश झेला
रक्षा मंत्री ने कहा, "भारत और विशेषरूप से जम्मू-कश्मीर ने लम्बे समय तक आतंकवाद का दंश झेला है। यहां के लोग जानते हैं कि आतंकवाद का जहर समाज को कैसे जड़ों से खोखला करता है। आतंकवाद का नेटवर्क जम्मू-कश्मीर में दशकों से काम कर रहा था। आज उस नेटवर्क को काफी हद तक कमजोर करके उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की गई है। हमने आतंकवाद की फंडिंग पर रोक लगाई। हथियारों और ड्रग्स की सप्लाई पर रोक लगाई। आतंकवादियों के सफाए के साथ-साथ जो अंडर ग्राउंड वर्कर्स का नेटवर्क काम करता है उसे भी छिन्न-भिन्न किया जा रहा है।"
आतंकवाद का खेल नहीं चलेगा
पाकिस्तान को ललकारते हुए राजनाथ सिंह ने कहा, "आतंकवाद को स्टेट पॉलिसी की तरह इस्तेमाल करने वाले देशों को यह अच्छी तरह समझ लेना होगा कि यह खेल अब लंबा नहीं चलने वाला। आतंकवाद के खिलाफ आज दुनिया के अधिकांश बड़े देश एकजुट हैं। एक समय था जब दुनिया का सबसे ताकतवर देश अमरीका आतंकवाद को एक राजनीतिक हथियार की तरह देखता था। 9/11 की घटना के बाद उसका नजरिया बदला और आज अमरीका यह मानता है कि आतंकवाद मानवता के खिलाफ एक वैश्विक अपराध है।"
पाकिस्तान के हुक्मरानों को लगी मिर्ची
रक्षा मंत्री ने नरेंद्र मोदी की हालिया अमेरिका यात्रा के दौरान भारत और यूएस द्वारा संयुक्त रूप से बयान जारी किए जाने का जिक्र किया। उन्होंने कहा, "संयुक्त बयान में साफ कहा गया है कि संयुक्त राष्ट्र की लिस्ट में शामिल आतंकी संगठनों (जिनमें लश्करे तैय्यबा, जैश-ए-मोहम्मद और हिजबुल मुजाहिद्दिन शामिल है) के खिलाफ संयुक्त कार्रवाई होना चाहिए। पाकिस्तान अपने यहां होने वाली हर आतंकी कार्रवाई पर लगाम लगाए और अपनी जमीन का इस्तेमाल इसके लिए न होने दें। 26/11 और पठानकोट के हमलों के दोषियों पर कार्रवाई करें। पाकिस्तान के हुक्मरानों को इससे मिर्ची लगेगी।"
PoK पर गैर कानूनी कब्जा करने से उसपर पाकिस्तान का अधिकार नहीं बनता
राजनाथ सिंह ने कहा, "जम्मू-कश्मीर का एक बड़ा हिस्सा पाकिस्तान के कब्जे में है। वहां के लोग देख रहे है कि इस तरफ लोग अमन और चैन के साथ अपनी जिंदगी बिता रहे है। वहां जब पाकिस्तान की सरकार द्वारा उन पर जुल्म किया जाता है तो हमें तकलीफ होती है। PoK पर सिर्फ गैर कानूनी कब्जा कर लेने से पाकिस्तान का कोई कानूनी अधिकार नहीं बनता।
चीन को लेकर रक्षा मंत्री बोले-सीमाओं की पवित्रता भंग नहीं होने देंगे
चीन के साथ चल रहे सीमा विवाद पर रक्षा मंत्री ने कहा, "2020 में पूर्वी लद्दाख में विवाद हुआ उसका कारण था कि चीन की सेनाओं ने सहमत प्रोटोकॉल को नजरअंदाज किया था। चीनी सेना ने LAC पर बदलाव करने का प्रयास किया जिसे हमारे सैनिकों ने विफल कर दिया। भारत और चीन के बीच सीमा के विवाद का हल बातचीत के रास्ते और शान्तिपूर्ण ढंग से हो यह हम चाहते है। हम भारत की सीमा, उसके सम्मान और स्वाभिमान से समझौता नहीं करेंगे। सीमाओं की पवित्रता को हम कतई भंग नहीं होने देंगे।