Chandrayaan-3: चांद की सतह पर खोजबीन कर रहा प्रज्ञान रोवर, दिया- मेड इन इंडिया, मेड फोर मून का संदेश

चंद्रयान-3 के विक्रम लैंडर से प्रज्ञान रोवर (Pragyan rover) बाहर आ गया है। यह चांद के सतह पर खोजबीन कर रहा है। रोवर वहां 14 दिनों तक काम करेगा।

 

Vivek Kumar | Published : Aug 24, 2023 5:22 AM IST / Updated: Aug 24 2023, 11:13 AM IST

नई दिल्ली। इसरो के मिशन चंद्रयान-3 (Chandrayaan-3) द्वारा भेजा गया प्रज्ञान रोवर (Pragyan rover) चांद के दक्षिणी ध्रुव पर चहलकदमी कर रहा है। यह अपने अत्याधुनिक उपकरणों की मदद से खोजबीन कर रहा है। इसके साथ ही रोवर ने मेड इन इंडिया, मेड फोर मून का संदेश दिया है।

 

 

इसरो ने गुरुवार सुबह जानकारी दी कि प्रज्ञान रोवर विक्रम लैंडर मॉड्यूल से बाहर निकल गया है। यह चंद्रमा की सतह पर खोजबीन कर रहा है। इसरो ने पहले घोषणा की थी कि चंद्रमा पर विक्रम लैंडर के टचडाउन के दौरान उड़े धूल के जमने के बाद रोवर लैंडिंग मॉड्यूल से बाहर आएगा।

प्रज्ञान रोवर चंद्रमा पर 14 दिनों तक काम करेगा। चंद्रमा का एक दिन धरती के 14 दिनों के बराबर होता है। इस दौरान सूर्य की किरणें लगातार पड़ती है। प्रज्ञान रोवर सोलर के माध्य से सूर्य के प्रकाश से ऊर्जा ग्रहण करेगा। प्रज्ञान रोवर चंद्रमा के रासायनिक बनावट की जांच करेगा। पता लगाएगा कि कहां पानी है। चंद्रमा पर कौन-कौन से तत्व हैं। यह चंद्रमा पर आने वाले भूकंप की जांच करेगा। इसके साथ ही देखेगा कि चंद्रमा के क्रस्ट और मेंटल की संरचना कैसी है।

26 किलोग्राम का है प्रज्ञान रोवर

प्रज्ञान रोवर छोटे टेबल के आकार का है। इसका वजन 26 किलोग्राम है। इसमें छह पहिए लगे हैं ताकि चांद की असमतल जमीन पर चलने में परेशानी नहीं हो। यह चंद्रमा की सतह की जांच करने के लिए जरूरी उपकरणों से लैस है। यह चंद्रमा का वायुमंडल बनाने वाले तत्वों के बारे में जानकारी एकत्र करेगा।

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प्रज्ञान रोवर लेजर प्रेरित ब्रेकडाउन स्पेक्ट्रोस्कोप (LIBS) और अल्फा पार्टिकल एक्स-रे स्पेक्ट्रोमीटर (APXS) से लैस है। LIBS का किसी भी वस्तू का उद्देश्य गुणात्मक और मात्रात्मक तात्विक विश्लेषण करना है। यह चांद के सतह के बारे में हमारी समझ को बढ़ाएगा। यह बताएगा कि सतह की रासायनिक संरचना कैसी है। इसके खनिज की संरचना कैसी है। वहीं, APXS चंद्रमा पर लैंडिंग स्थल के आसपास मिट्टी और चट्टानों की मौलिक संरचना (मैग्नीशियम, एल्यूमीनियम, सिलिकॉन, पोटेशियम, कैल्शियम टाइटेनियम और आयरन) का पता लगाएगा।

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