मणिपुर हिंसा में खालिस्तानी साजिश? SFJ का नया षड्यंत्र क्या है?

Published : Jan 31, 2025, 04:02 PM ISTUpdated : Jan 31, 2025, 06:35 PM IST
Gurpatwant Singh Pannun

सार

मणिपुर हिंसा में खालिस्तानी संगठन सिख्स फॉर जस्टिस (SFJ) की साजिश का खुलासा हुआ है। SFJ ने मणिपुर के ईसाई, मुस्लिम और तमिल समुदाय को भारत से अलग होने के लिए उकसाया है। गृह मंत्रालय को भेजी गई खुफिया रिपोर्ट में यह जानकारी सामने आई है।

SKJ conspiracy in Manipur violence: भारत में प्रतिबंधित खालिस्तानी संगठन 'सिख्स फॉर जस्टिस' (SFJ) का षडयंत्र थमने का नाम नहीं ले रहा है। मणिपुर हिंसा में भी खालिस्तानी संगठन की साजिश सामने आयी है। एसएफजे ने मुस्लिम, तमिल और मणिपुर के ईसाई समुदाय को भारत से अलग होने के लिए उकसाया है। गृह मंत्रालय को भेजी गई खुफिया एजेंसियों के एक बैकग्राउंड नोट में यह खुलासा हुआ है। इसी आदेश के तहत SFJ पर लगे प्रतिबंध को अगले पांच वर्षों के लिए बढ़ा दिया गया है।

खालिस्तानी संगठन की साजिशें

SFJ के प्रमुख गुरपतवंत सिंह पन्नू को भारत ने जुलाई 2020 में आतंकवादी घोषित किया था। वह पीएम नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल को धमकी भी दे चुका है। खुफिया एजेंसियों के अनुसार, SFJ का मकसद भारत की संप्रभुता और अखंडता को कमजोर करना है। रिपोर्ट के अनुसार, यह संगठन 'पंजाब (खालिस्तान)', 'कश्मीर', 'दक्षिण भारत (द्रविड़स्तान)', 'मुस्लिम राज्य (उर्दूस्तान)' और 'मणिपुर के ईसाइयों के लिए अलग देश' बनाने की वकालत करता रहा है।

आर्मी और पुलिस फोर्स में शामिल सिख जवानों को भी उकसाया

गृह मंत्रालय की रिपोर्ट के अनुसार, SFJ ने इंडियन आर्मी और पुलिस में तैनात सिख जवानों को बगावत के लिए भी उकसाने की कोशिश की है। इसके अलावा संगठन ने किसानों के आंदोलन का फायदा उठाकर पंजाब और हरियाणा में अस्थिरता पैदा करने की कोशिश की। SFJ को पाकिस्तान से समर्थन मिलने की भी जानकारी सामने आई है। भारत में SFJ के कार्यकर्ताओं और समर्थकों के खिलाफ अब तक 104 मामले दर्ज किए जा चुके हैं।

मणिपुर हिंसा और SFJ का षड्यंत्र

मणिपुर में मई 2023 से जारी हिंसा में अब तक 250 से अधिक लोगों की जान जा चुकी है, जबकि 50,000 से अधिक लोग विस्थापित हुए हैं। राज्य में मैतेई और कुकी समुदायों के बीच लंबे समय से संघर्ष चल रहा है। मैतेई समुदाय अनुसूचित जनजाति (ST) का दर्जा मांग रहा है, जबकि कुकी समुदाय मणिपुर से अलग प्रशासनिक क्षेत्र चाहता है।

खुफिया एजेंसियों की रिपोर्ट में कहा गया है कि SFJ ने मणिपुर के ईसाई समुदाय को अलग देश की मांग उठाने के लिए भड़काया। इसके अलावा, SFJ ने तमिलनाडु के लोगों को 'द्रविड़स्तान' का समर्थन करने और भारतीय मुस्लिम समुदाय को 'उर्दूस्तान' की मांग के लिए उकसाया। दलित समुदाय को भी सरकार के खिलाफ भड़काने की कोशिश की गई।

बांग्लादेश में अलग ईसाई राष्ट्र की साजिश

मई 2024 में बांग्लादेश की तत्कालीन प्रधानमंत्री शेख हसीना ने दावा किया था कि 'बंगाल की खाड़ी में एक नया ईसाई देश बनाने की साजिश रची जा रही है, जिसमें बांग्लादेश (चटगांव) और म्यांमार के कुछ हिस्सों को शामिल किया जाएगा।' इस बयान के कुछ महीने बाद, वह सत्ता से बेदखल कर दी गईं और उन्हें देश छोड़ने के लिए मजबूर किया गया।

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कनाडा में कुकी-जो नेता का विवादित भाषण

अगस्त 2023 में कनाडा स्थित 'नॉर्थ अमेरिकन मणिपुर ट्राइबल एसोसिएशन' (NAMTA) के प्रमुख लियन गांगटे ने मणिपुर में हिंसा को लेकर एक गुरुद्वारे में भाषण दिया। यह वही गुरुद्वारा था जहां जून 2023 में खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या हुई थी। गांगटे ने अपने भाषण में भारत में अल्पसंख्यकों के खिलाफ हिंसा का आरोप लगाया और कनाडा से मदद मांगी।

हालांकि, इस भाषण को लेकर विवाद तब खड़ा हुआ जब सितंबर 2023 में कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने दावा किया कि 'निज्जर की हत्या में भारतीय सरकार का हाथ हो सकता है।' इसके बाद NAMTA ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट्स से यह वीडियो हटा दिया।

भारत की कड़ी कार्रवाई

प्रधानमंत्री मोदी की अमेरिका यात्रा से पहले भारत ने SFJ के खिलाफ सख्ती बढ़ा दी है। SFJ प्रमुख पन्नू के खिलाफ 104 मामले दर्ज हैं। रिपोर्ट के अनुसार, पन्नू ने आतंकवादी गतिविधियों के लिए बड़े पैमाने पर धन जुटाया है और भारतीय नेताओं, सरकारी अधिकारियों के बच्चों को विदेशों में निशाना बनाने की योजना बनाई थी। SFJ ने भारतीय राजनयिकों की तस्वीरें भी सोशल मीडिया पर जारी कर उन्हें खतरे में डालने की कोशिश की।

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