नए एयरचीफ वीआर चौधरी ने संभाला चार्ज, रक्षा मंत्री राजनाथ से की मुलाकात

वीआर चौधरी 1 अगस्त, 2020 से पश्चिमी वायु कमान के प्रमुख थे। उन्हें एक लड़ाकू पायलट के रूप में 29 दिसंबर, 1982 को भारतीय वायुसेना के फाइटर स्ट्रीम में शामिल किया गया था।

Asianet News Hindi | Published : Sep 30, 2021 2:12 PM IST

नई दिल्ली। भारतीय वायुसेना (Indian Air Force) के नए चीफ एयर मार्शल वीआर चौधरी (Air Chief Marshal V R Chaudhari) ने कार्यभार संभाल लिया है। वीआर चौधरी वर्तमान वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल (Air Chief Marshal) आरकेएस भदौरिया (RKS Bhadauriya) के रिटायर होने के बाद कार्यभार संभाले हैं। वायुसेना के 27वें चीफ ने कार्यभार संभालने के बाद रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से औपचारिक मुलाकात की है। 

कौन हैं वीआर चौधरी

भारतीय वायुसेना के नए एयर चीफ मार्शल विवेक राम चौधरी वाइस चीफ ऑफ एयर स्टाफ के पद पर कार्यरत थें। एयर मार्शल वीआर चौधरी को 29 दिसंबर 1982 को भारतीय वायु सेना के फाइटर स्ट्रीम में कमीशन किया गया था। वह विभिन्न स्तरों पर विभिन्न कमांड, स्टाफ की जिम्मेदारी संभाल चुके हैं। वह सेवा के दौरान परम विशिष्ठ सेवा मेडल, अतिविशिष्ठ सेवा मेडल और वायुसेना मेडल सहित विभिन्न पदकों व सम्मान से सम्मानित हो चुके हैं। 

3800 घंटे से अधिक के उड़ान का अनुभव

वीआर चौधरी 1 अगस्त, 2020 से पश्चिमी वायु कमान के प्रमुख थे। उन्हें एक लड़ाकू पायलट के रूप में 29 दिसंबर, 1982 को भारतीय वायुसेना के फाइटर स्ट्रीम में शामिल किया गया था और उन्होंने लगभग 39 वर्षों की सेवा की है। वीआर चौधरी के पास 3800 घंटे से अधिक के उड़ान का अनुभव है और वे विभिन्न प्रकार के लड़ाकू और प्रशिक्षक विमान उड़ाए हैं। 

राफेल डील कराने में प्रमुख भूमिका

इंडियन एयरफोर्स के डिप्टी चीफ होने के नाते वीआर चौधरी राफेल समझौते से भी जुड़े हुए थे। वह फ्रांस में फाइटर प्लेन प्रोजेक्ट के प्रोग्रेस की मॉनिटरिंग करने वाली द्विपक्षीय हाईलेवल ग्रुप के चीफ भी हैं।

आपरेशन सफेद सागर में रही थी अहम भूमिका

वर्ष 1999 में पाकिस्तान से हुए कारगिल युद्ध के दौरान इंडियन एयरफोर्स ने पाकिस्तान को सबक सिखाने ऑपरेशन 'सफेद सागर' चलाया था।  इसमें चौधरी की अहम रोल था। इस ऑपरेशन के जरिये IAF ने नियंत्रण रेखा के साथ कारगिल सेक्टर में भारतीय चौकियों से पाकिस्‍तानी सैनिकों को मार भगाया था। 1984 में ऑपरेशन मेघदूत के जरिये भारतीय सेना ने कश्‍मीर के सियाचिन ग्लेशियर को अपने कब्जे में लिया था। इसमें IAF का अहम रोल था।

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