सार
केंद्र सरकार के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ पिछले साल नवम्बर से किसान आंदोलित हैं। किसान दिल्ली के विभिन्न बार्डर्स पर साल भर से आंदोलन कर रहे हैं। किसानों के आंदोलन की वजह से विभिन्न रूट्स को डायवर्ट किया जा चुका है।
नई दिल्ली। तीन कृषि कानूनों (Agriculture laws) को रद्द करने के लिए चल रहे किसान आंदोलन (farmers protest) में हाईवे जाम (Highway Jam) पर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने सवाल उठाते हुए सुझाव दिए हैं। अपेक्स कोर्ट ने कहा कि जो मसला संसद की बहस, अदालत में सुलझाया जा सकता है उसके लिए हाईवे जाम सही नहीं है। कोर्ट ने याचिका में किसान संगठनों को भी पार्टी बनाने का अनुमति सरकार को दे दी है। शीर्ष न्यायालय ने यह भी कहा कि अब अर्जी दायर होने के बाद अगले सोमवार को इस मामले की सुनवाई होगी।
क्या कहा सुप्रीम कोर्ट ने?
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि समस्या का समाधान न्यायिक मंच, आंदोलन या संसदीय बहस के माध्यम से हो सकता है। सु्प्रीम कोर्ट ने हाईवे जाम पर सवाल उठाया और कहा कि इस तरह कैसे कोई जाम कर सकता है। हालांकि, कोर्ट ने कहा कि किसानों को प्रदर्शन का अधिकार है लेकिन सड़कों को अनिश्चिकाल के लिए जाम नहीं किया जा सकता है।
एक साल से दिल्ली के बार्डर्स पर चल रहा आंदोलन
केंद्र सरकार के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ पिछले साल नवम्बर से किसान आंदोलित हैं। किसान दिल्ली के विभिन्न बार्डर्स पर साल भर से आंदोलन कर रहे हैं। किसानों के आंदोलन की वजह से विभिन्न रूट्स को डायवर्ट किया जा चुका है। दिल्ली प्रवेश के दौरान हाईवे जाम के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई थी। याचिका में हाईवे खाली कराने की मांग की गई थी।
हालांकि, पूर्व में सुनवाई के दौरान कोर्ट ने किसानों को आंदोलन करने का अधिकार बताते हुए केंद्र सरकार को बातचीत कर कोई हल निकालने की बात कही थी।
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