वायुसेना को मिलेगा पहला लाइट कॉम्बैट फाइटर जेट तेजस MK1-A, ये है खासियत
भारतीय वायुसेना की ताकत बढ़ने वाली है। अक्टूबर के अंत तक सेना को उसका पहला लाइट कॉम्बैट फाइटर जेट तेजस MK1-A मिल जाएगा। इस विमान की रफ्तार और इसमें लगे अत्याधुनिक सिस्टम इसे बाकी फाइटर जेट से अलग करते हैं। जानें क्या है इसकी खासियत…
भारतीय वायुसेना ने HAL को 83 लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट तेजस MK-1A बनाने का ऑर्डर दिया था। अक्तूबर तक सेना का ये फाइटर जेट मिलने की उम्मीद जताई जा रही है। मार्च से इस जेट के ट्रायल्स चल रहे हैं।
तेजस MK1-A आने के बाद हटा दिए जाएंगे मिग
नए तेजस फाइटर जेट के आने के बाद मिग सीरीज के विमानों को हटा दिया जाएगा। तेजस MK-1A दुनिया का सर्वश्रेष्ठ हल्का फाइटर जेट होगा। इस जेट को बनाने की लागत 48 हजार करोड़ रुपये बताई जा रही है।
50 हजार फीट ऊंचाई तक जा सकता है ये जेट
यह विमान 50 हजार फीट की ऊंचाई तक ऊड़ान भरने में सक्षम है। इसमें 23 मिलीमीटर के ट्विन-बैरल कैनन लगी है। इसके साथ ही विमान में अलग-अलग रॉकेट, मिसाइलें बम भी सेट कर सकते हैं जो दुश्मनों को सबक सिखाने के लिए परफेक्ट है।
हाईटेक सुविधाओं से लैस है तेजस MK-1A
तेजस MK-1A में हाईटेक तकनीक वाले मिशन कंप्यूटर, बेस्ट परफॉरमेंस वाले डिजिटल फ्लाइट कंट्रोल कंप्यूटर, स्मार्ट मल्टी फंक्शन डिस्प्ले, एडवास्ड सेल्फ प्रोटेक्शन जैमर, इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर सूट आदि सुविधाएं शामिल हैं।
डिजिटल फ्लाई बाय वायर फ्लाई कंट्रोल सिस्टम भी मौजूद
इस जेट में डिजिटल फ्लाई बाय वायर फ्लाई कंट्रोल सिस्टम लगाया गया है। यानी फाइटर जेट से मैन्यूअल फ्लाइट कंट्रोल हटाकर इंलेक्ट्रॉनिक इंटरफेस पर डाल दिया जाता है जिससे प्लेन की उड़ान के दौरान सिस्टम पायलट के मुताबिक प्लेन को कंट्रोल करने में मददगार होता है।
तेजस MK-1A की रफ्तार के आगे सब बेकार
तेजस MK-1A की रफ्तार ऐसी है कि दुश्मनों के होश उड़ जाएं। यह अधिकतम 2200 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से उड़ान भरने में सक्षम है। इस कॉम्बैट की रेंज 73 किमी है। यह 43.4 फीट लंबा और 14.5 फीट ऊंचा है।