चीनियों को उसी की भाषा में जवाब देंगे Indian Army के जवान, तेजपुर यूनिवर्सिटी में मिलेगी ट्रेनिंग

भारतीय सेना (Indian Army) ने अपने जवानों को चीनी भाषा की ट्रेनिंग दिलाने के लिए तेजपुर यूनिवर्सिटी (Tezpur University) के साथ समझौता किया है। चीनी भाषा जानने से भारतीय सैनिक चीनियों को उनकी ही जबान में जवाब दे पाएंगे।

Vivek Kumar | Published : Apr 20, 2023 4:29 AM IST / Updated: Apr 20 2023, 10:05 AM IST

गुवाहाटी। भारतीय सेना (Indian Army) के जवान LAC (Line of Actual Control) पर चीनी सैनिकों को उसी की भाषा में जवाब देंगे। इसके साथ ही वे चीनियों की भाषा समझ भी पाएंगे। इसके लिए जवानों को चीनी भाषा (Chinese language) की ट्रेनिंग दी जाएगी।

भारतीय सेना (Indian Army) और तेजपुर यूनिवर्सिटी (Tezpur University) के बीच इस संबंध में MoU (Memorandum of Understanding) पर साइन हुआ है। गुवाहाटी के डिफेंस पीआरओ लेफ्टिनेंट कर्नल महेंद्र रावत ने बताया कि तेजपुर यूनिवर्सिटी में जवानों को 16 सप्ताह का कोर्स कराया जाएगा।

महेंद्र रावत ने कहा, "MoU पर HQ 4 ने भारतीय सेना की ओर से साइन किया है। वहीं, तेजपुर यूनिवर्सिटी की ओर से रजिस्ट्रार ने इसपर साइन किया है। इस मौके पर यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर प्रोफेसर एनएल सिंह मौजूद थे।"

1994 में हुई थी तेजपुर यूनिवर्सिटी की स्थापना

गौरतलब है कि तेजपुर यूनिवर्सिटी की स्थापना 1994 में हुई थी। यह केंद्रीय विश्वविद्यालय है। चीनी सहित विदेशी भाषाओं की शिक्षा में यह उत्तर पूर्व में अग्रणी है। महेंद्र रावत ने कहा कि चीनी भाषा पढ़ने से सेना के जवान चीनी सैन्य कर्मियों की बात समझ पाएंगे। इससे वे सही वक्त पर सही फैसला ले पाएंगे।

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चीनी भाषा अच्छी तरह जानने से सेना के जवानों को चीनी सैनिकों के सामने अच्छी तरह रखने में मदद मिलेगी। यह कौशल कमांडर स्तर की वार्ता, फ्लैग मीटिंग्स, संयुक्त अभ्यास और सीमा कर्मियों की बैठक आदि जैसे विभिन्न इंटरैक्शन के दौरान काम आएगा।

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सीमा विवाद के चलते बढ़ा हुआ है तनाव
गौरतलब है कि भारत और चीन के बीच 3440 किलोमीटर लंबी सीमा है। इसे LAC के नाम से जाना जाता है। जून 2020 में गलवान में भारत और चीन के सैनिकों के बीच झड़प हुई थी। इसके बाद से दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ा हुआ है। पिछले साल 9 दिसंबर को अरुणाचल प्रदेश के तवांग में दोनों देशों के सैनिकों के बीच झड़प हुई थी। इसके बाद से दोनों ओर से सीमा पर भारी संख्या में सैनिकों की तैनाती की गई है।

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